Jaipur News:जल जीवन मिशन में इतनी ढील क्यों? 42 दिन बाद भी नहीं किया कमेटी का गठन
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2243512

Jaipur News:जल जीवन मिशन में इतनी ढील क्यों? 42 दिन बाद भी नहीं किया कमेटी का गठन

Jaipur News:जल जीवन मिशन में निरीक्षण तो होता है,लेकिन इसकी जांच कहीं ना कहीं अटक ही जाती है.उदयपुर,बांसवाड़ा और डूंगरपुर में जल जीवन मिशन एमडी बचनेश कुमार अग्रवाल ने पिछले महीने जेजेएम कार्यों का निरीक्षण किया था.

Jaipur News

Jaipur News:जल जीवन मिशन में निरीक्षण तो होता है,लेकिन इसकी जांच कहीं ना कहीं अटक ही जाती है.उदयपुर,बांसवाड़ा और डूंगरपुर में जल जीवन मिशन एमडी बचनेश कुमार अग्रवाल ने पिछले महीने जेजेएम कार्यों का निरीक्षण किया था,लेकिन आज तक कमेटियों का गठन नहीं हुआ.आखिरकार जल जीवन मिशन में पर इतनी ढील क्यों दी जा रही है.

क्या बचनेश अग्रवाल बचा रहे फर्मों को?
JJM में जांच का दायरा निरीक्षण तक सिमटा...MD बचनेश अग्रवाल ने निरीक्षण कर इतिश्री की.42 दिन बाद भी जांच कमेटी का गठन नहीं हुआ...! जल जीवन मिशन एमडी बचनेश कुमार अग्रवाल 2 अप्रैल को पूरे लवाजमे के साथ उदयपुर,बांसवाड़ा और डूंगरपुर दौरे पर इसलिए गए थे ताकि कार्यों की गुणवत्ता जांच सके.एमडी ने पूरे लवाजमे के साथ निरीक्षण भी किया,खामियां भी मिली,इंस्पेक्शन रिपोर्ट भी बनाई.

निरीक्षण रिपोर्ट में एमडी बचनेश कुमार अग्रवाल ने खुद बडी खामियों का जिक्र किया,लेकिन 42 दिन जांच तो दूर की बात,अब तक जांच कमेटी का गठन नहीं हुआ.जब जी मीडिया ने जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी से कमेटी ना गठित करने का सवाल किया तो उन्होंने कहा कि बचनेश कुमार सभी लोग चुनावों में व्यस्त थे,जब जल्द ही कमेटियों का गठन होगा और जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी.

फर्मों की खामी,कब बनेगी कमेटी?

मैसर्स मनोज बागडी और मैसर्स B AND G कंस्ट्रक्शन फर्म ने उदयपुर में बिना वर्क आर्डर नंबर अंकित किए 50 करोड के पाइप खरीद लिए.323 किलोमीटर के 100 एमएम के डीआई पाइप पूरा खेल हुआ.कोटडा ब्लॉक और मावली सब डिवीजन की चेकिंग के दौरान ये पोल खुली थी.

इसके अलावा जीए इंफ्रा फर्म के कार्यों में खामियों और TPI एजेंसियों के घोटालों को लेकर जांच होनी है.लेकिन निरीक्षण के बाद जांच से पहले कमेटी के गठन पर ब्रेक लग गया है.

क्या कमेटी की मंजूरी नहीं मिली?

अब सवाल ये है कि क्या कमेटी में 3 सदस्यों के नाम दिए,पर मंजूरी नहीं दी? क्या अधीक्षण अभियंता,अधिशाषी अभियंता,लेखाकार की कमेटी को मंजूरी नहीं मिल पाई.वैसे पिछली सरकार में जांच टीम रास्ते से लौट आती थी.तत्कालीन DS गोपाल सिंह ने जांच टीम को रास्ते से बुलाया था,इसलिए सवाल ये है कि क्या जलदाय विभाग में कमेटी गठित कर निष्पक्ष जांच हो पाएगी?.

यह भी पढ़ें:Bundi News:आकाशीय बिजली ने ढाया कहर,मां बेटी सहित 3 की उठी अर्थी

Trending news