Devuthani Ekadashi: चुनावी प्रचार के शोर थमने के साथ प्रदेश में देवउठनी एकादशी का होड़, किए जाएगें लाखों शादिया
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Devuthani Ekadashi: चुनावी प्रचार के शोर थमने के साथ प्रदेश में देवउठनी एकादशी का होड़, किए जाएगें लाखों शादिया

Devuthani Ekadashi: देवउठनी एकादशी के अवसर पर प्रदेश में 23 नवम्बर से 15 दिसंबर तक शादी समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इस अवसर पर देश भर में 35 लाख, प्रदेश में 3 लाख, जयपुर में 15 हज़ार शादी होने का अनुमान लगाया जा रहा है. 

फाइल फोटो

Devuthani Ekadashi: चुनावी शोर थमने के साथ सुनाई देगी शादियों की शहनाई की गूंज. शहर में मनाई जा रही देवउठनी एकादशी पर नेताजी को मिलेगा मतदाताओं को रिझाने का अवसर. देवउठनी एकादशी को भगवान खाटूश्याम की जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.15 दिसंबर तक रहेगी शादी समारोह की धूम, देश मे 35 लाख, प्रदेश में 3 लाख, जयपुर में 15 हज़ार शादी होने का अनुमान लगाया जा रहा है. 

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देवउठनी एकादशी से शहनाई की गूंज
25 नवंबर को प्रदेश में होने वाले मतदान के लिए 23 नवंबर को प्रचार का शोर थमने के बाद शहर में देवउठनी एकादशी से शहनाई की गूंज सुनाई देगी. 147 दिन की योगनिद्रा के बाद भगवान विष्णु जागेंगे. देवउठनी एकादशी पर मांगलिक आयोजन चुनावी रण में उतरे प्रत्याशियों के लिए संजीवनी का कार्य करेंगे. मांगलिक आयोजनों में भागीदारी के साथ मतदाताओं को रिझाने का अच्छा अवसर मिलेगा. इस वर्ष देव प्रबोधिनी एकादशी 23 नवम्बर को है और 25 नवम्बर को प्रदेश की नई सरकार बनाने के लिए राजस्थान की 199 सीटों पर मतदान होगा. 

मतदाताओें को रिझाने का नेताओं के पास अच्छा अवसर
ऐसे में शादी समारोह के आयोजनों में नेताओं की मौजूदगी खासी रहने वाली है. इससे विवाह समारोह में भागीदारी के साथ ही मतदाताओें को रिझाने का भी नेताओं के पास अच्छा अवसर रहेगा. चुनाव आयोग के निर्देशानुसार 23 नवंबर को शाम छह बजे बाद चुनावी रैली व सभा सहित अन्य आयोजन नहीं हो सकेंगे, जबकि इस दिन विवाह समारोह की खासी धूम रहेगी. ऐसे में इन आयोजनों से कई नेताओं को चुनाव में संजीवनी मिल सकती है.

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बड़ी संख्या में विवाह आयोजन किए जाएगें
इसके साथ ही देवउठनी एकादशी के अबूझ सावे पर प्रदेशभर में बड़ी संख्या में विवाह आयोजन किए जाएगें. आमतौर पर एक शादी समारोह में करीब 500 से 1000 लोग शामिल होते हैं. ऐसे में इन समारोह में शामिल होकर नेताजी एक साथ बड़ी संख्या में लोगों को अपने पक्ष में करने के लिए रिझा सकेंगे. दरअसल, मतदान से पहले प्रचार पर रोक लगने के बाद प्रत्याशी न तो कोई सभा कर सकते हैं और न ही क्षेत्र में भ्रमण कर वोट मांग सकते हैं. ऐसे मे विवाह समारोह प्रत्याशियों के लिए जनसंपर्क का बड़ा माध्यम बनेंगे.

23 नवम्बर से शुरु होकर 15 दिसंबर तक चलेगा
वहीं यह शादी समारोह 23 नवम्बर से शुरु होकर 15 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें देश भर में 35 लाख, प्रदेश में 3 लाख, जयपुर में 15 हज़ार शादी होने का अनुमान लगाया जा रहा है. इसके साथ ही 23 नवम्बर को जयपुर में 4 हज़ार 5 सौ शादी का अनुमान लगाया जा रहा है. वहीं 16 दिसंबर से 13 जनवरी तक धनु मलमास रहेगा. 

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