PM मोदी की राजस्थान को सबसे लंबे एक्सप्रेस वे की सौगात, अलवर के लिए साबित होगा गेमचेंजर
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PM मोदी की राजस्थान को सबसे लंबे एक्सप्रेस वे की सौगात, अलवर के लिए साबित होगा गेमचेंजर

Delhi Mumbai Expressway : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे देश का सबसे लंबे बन रहे हाईवे के निर्माण के प्रथम फेज का काम पूरा हो चुका है. अलवर औधोगिक क्षेत्र को भी इसका लाभ मिलेगा, इससे दिल्ली जयपुर पहुंचने का समय भी लगभग आधा रह जायेगा.

PM मोदी की राजस्थान को सबसे लंबे एक्सप्रेस वे की सौगात, अलवर के लिए साबित होगा गेमचेंजर

Delhi Mumbai Expressway : देश के सबसे लंबे 1382 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस वे के प्रथम फेज सोहना से दौसा तक 210 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, हरियाणा के गुड़गांव,सोहना होते हुए यह हाइवे अलवर की सीमा से गुजर रहा है, सम्भवतः 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दौसा से इसका लोकार्पण भी कर सकते है.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे देश का सबसे लंबे बन रहे हाईवे के निर्माण के प्रथम फेज का काम पूरा हो चुका है, प्रथम फेज में सोहना से अलवर होते हुए दौसा लालसोट तक 210 किलोमीटर मार्ग का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, हालांकि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे कई राज्यो से होकर गुजर रहा है लेकिन राजस्थान के लिए इसे खास सौगात के रूप में देखा जा रहा है, अलवर औधोगिक क्षेत्र को भी इसका लाभ मिलेगा, अलवर जिले में हाईवे पर उतार चढ़ाव के लिए शीतल व पिनान में दो कट बनाये गए है ताकि स्थानीय लोग इस हाईवे का लाभ ले सके, इस हाईवे से सीधी कनेक्टिविटी बड़े शहरों तक हो सकेगी. आठ लेन के एक्सप्रेस वे पर वाहनों की गति सीमा 120 तक निर्धारित की गई है, इससे दिल्ली जयपुर पहुंचने का समय भी लगभग आधा रह जायेगा.

जर्मन तकनीक से बनने वाले इस एक्सप्रेस वे आगामी 50 सालों को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है,फिलहाल 8 लेन में बने इस एक्प्रेस वे के लिए दोनों तरफ आगामी योजना में 12 लेन बनाने के लिए जगह भी छोड़ी गई है, एक्सप्रेस वे को पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरों के नियंत्रण में रखा गया है,प्रत्येक आधा किलोमीटर पर सीसीटीवी लगाए गए है,सफर को आराम दायक बनाने के लिए दिल्ली मुंबई के मध्य 93 रेस्ट हाउस बनाये जा रहे है, एक से दूसरे रेस्ट हाउस के बीच 50 किलोमीटर का फासला रखा गया है, बताया जा रहा है वन्य जीवों के लिए इस हाईवे पर ओवरपास भी होंगे, एशिया का यह पहला ग्रीन ओवरपास हाईवे होगा, साथ ही मेडिकल इमरजेंसी के लिए प्रत्येक 100 किलोमीटर पर ट्रॉमा सेंटर की भी सुविधा उपलब्ध रहेगी.

इस एक्सप्रेस वे को बनाने में दिल्ली सीमा में इस एक्सप्रेस वे का 9 किलोमीटर का हिस्सा है जिस पर करीब 18 सौ करोड़ रु खर्च किये गए, हरियाणा में 160 किलोमीटर हिस्से पर दस हजार 4 सौ करोड़ रु खर्च किये गए, वही राजस्थान में 374 किलोमीटर पर 16 हजार 600 करोड़ रु खर्च किये जा रहे है, वही मध्यप्रदेश में 245 किलोमीटर हिस्से पर 11 हजार 100 करोड़ रु खर्च होंगे, गुजरात मे 423 किलोमीटर हिस्से में 35 हजार 100 करोड़, महाराष्ट्र 171 किलोमीटर हिस्से में करीब 23 हजार करोड़ रु खर्च किये जाएंगे.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की और से जारी एक वीडियो के अनुसार, एक्सप्रेस वे पर एंट्री लेने पर कोई टोल नही लिया जाएगा, एंट्री पॉइंट पर लगे टोल प्लाजा पर गाड़ी का नम्बर दर्ज होगा, टोल की कटौती एक्सप्रेस वे से उतरने पर होगी यानी जितना आप एक्सप्रेस वे पर चलेंगे उतना आपको टोल देना होगा. ऐसा भी बताया गया है इस एक्सप्रेस वे पर चलने का खर्चा 65 पैसे प्रति किलोमीटर टोल के रूप में आएगा, दिल्ली मुंबई तक बनने वाले इस एक्सप्रेस वे को इसी साल पूरा किये जाने का लक्ष्य रखा गया है. फिलहाल प्रथम फेज के तहत दौसा तक निर्माण कार्य पूरा होने पर 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करने वाले है ऐसी चर्चा है यह स्पष्ट नही है यह उद्घाटन वर्चुअल होगा या प्रधानमंत्री स्वयं आकर इसका उद्घाटन करेंगे, लोगो का मानना है आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन आकर स्वयं कर सकते है.

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