लोकसभा चुनाव में किसान और सेना में जाने की तैयारी कर रहे युवा बीजेपी को वोट नहीं देंगे - राकेश टिकैत
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लोकसभा चुनाव में किसान और सेना में जाने की तैयारी कर रहे युवा बीजेपी को वोट नहीं देंगे - राकेश टिकैत

जयपुर में हुई किसान संसद के दौरान राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया और कहा कि आने वाले लोकसभा चुनावों में एनडीए की सरकार बनने की आंशका है. 

लोकसभा चुनाव में किसान और सेना में जाने की तैयारी कर रहे युवा बीजेपी को वोट नहीं देंगे - राकेश टिकैत

Jaipur : राजस्थान के जयपुर के बिड़ला सभागार में हुई किसान संसद में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों, पशुपालकों और युवाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी इस दौरान मौजूद रहे. इस दौरान किसान संसद में पूर्वी राजस्थान नहरी परियोजना का मुद्दा छाया रहा. 

इस मौके पर हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा कि राज्य सरकार ने 2017 में केंद्र को परियोजना की DPR भिजवाई थी. इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किए जाने की सभी शर्तें पूरी हो रही हैं. जब केन्द्र को प्रस्ताव भिजवाया गया, तब राजस्थान में भाजपा सरकार थी, लेकिन अब यहां कांग्रेस सरकार है.

उन्होनें कहा कि केंद्र में राजस्थान के जल शक्ति मंत्री होने के बावजूद परियोजना अटकी हुई है. अभी परियोजना के पहले फेज का काम ही शुरू नहीं हो सका है, जबकि वर्ष 2023 तक इसे पूरा करने की बात कही गई थी. इस मुद्दे पर संसद में जल शक्ति मंत्री बनाए गए राजाराम मील ने कहा कि भाजपा के लोगों में आपस की लड़ाई है, लेकिन इससे परेशान आम जनता हो रही है.

गजेंद्र सिंह अगले चुनाव में फुल फ्लैश आने के लिए यानी सीएम प्रत्याशी बनने के लिए परियोजना का सहारा ले रहे हैं. राकेश टिकैत बोले कि इस किसान संसद के प्रस्तावों को केन्द्र और राज्य सरकार को भिजवाया जाएगा. किसान संसद में सेना में भर्ती की केन्द्र सरकार की अग्निपथ योजना का भी विरोध किया गया. 

किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में किसान और सेना में जाने की तैयारी कर रहे जवान दोनों ही वर्ग बीजेपी को वोट नहीं देंगे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने केंद्र में एनडीए की सरकार बनने की बात कही. टिकैत ने कहा कि ये लोग गड़बड़ करके और चुनाव जीतने में माहिर हैं, इसलिए ऐसा लगता है कि चुनाव बीजेपी जीत सकती है.

इसके साथ ही किसान संसद में पारित किए गए प्रस्ताव केंद्र और राज्य सरकारों को भेजने की बात कहते हुए टिकैत ने कहा कि इन सरकारों को किसान संसद में पारित किए गए प्रस्तावों पर विचार करके जनहित में उन्हें लागू भी करना चाहिए. किसान संसद के दौरान एमएसपी की गारंटी देने, फसल बीमा, जमीन अधिग्रहण, किसान को जमीन का मालिकाना हक देने, पशु कल्याण, पर्यावरण संरक्षण, कार्बन क्रेडिट घटाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई.

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