Science Facts: Kailash पर्वत तेजी से बढ़ते है बाल और नाखून! और सुनाई देती है ओम की आवाज
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Science Facts: Kailash पर्वत तेजी से बढ़ते है बाल और नाखून! और सुनाई देती है ओम की आवाज

kailash Mansarovar Science Facts: कैलाश पर्वत या कैलाश मानसरोवर  को लेकर कई किंवदंतियां सामने आई है.  माना जाता है कि कैलाश पर्वत एक रहस्यमयी जगह है. जहां इंसान जिंदा नहीं जाता है. पर ऐसा क्यों इसके लिए वैज्ञानिकों ने अपने कुछ तथ्य रखे है. 

Kailash Mansarovar secrets

kailash Mansarovar Science Facts: कैलाश पर्वत या कैलाश मानसरोवर एक एतिहासिक पर्वत है जिसे आज भारतीय लोग शिव-शक्ति (Shiv - Shakti) का निवास स्थान मानते हैं, किन्तु वहीं नासा (Nasa)  जैसी वैज्ञानिक संस्था के लिए कैलाश पर्वत  एक रहस्यमयी जगह है. इसके बारे में  नासा के साथ-साथ कई रूसी वैज्ञानिकों ने वैज्ञानिक बिंदुओं (Science Facts) पर अपनी रिपोर्ट दी है. उनके अनुसार कैलाश पर असलियत में कई  चमत्कारिक शक्तियां है. तो आइये  जाते है कैलाश पर्वत से जुड़े हुए कुछ रहस्य के बारे में .

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1 धरती का केंद्र 

धरती के एक ओर उत्तरी ध्रुव है, तो दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव. दोनों के बीचोबीच स्थित है हिमालय. हिमालय(Himalaya)  का केंद्र है कैलाश पर्वत. वैज्ञानिकों के अनुसार यह धरती का केंद्र है. कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्मों- हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म का केंद्र है.

2 कैलाश पर्वत पर जिंदा जाना है मुश्किल

कैलाश पर्वत(kailash Mansarovar) पर काफी ज्यादा रेडियो एक्टिव (RadioActiv) किरणें पाई जाती है.  पर्वतारोहियों  के अनुसार इस पर्वत पर चढ़ना असंभव है क्योंकि  हमारे बाल और नाखून बहुत तेजी से बढ़ते हैं और इसके करीब जाते ही सिर कोई काम नहीं करता है. ऐसा लगता है कि  जैसे कोई और उसे अपने कंट्रोल में कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ हिंदू मान्यता है कि कोई भी जीवित व्यक्ति कैलाश पर्वत पर नहीं जा सकता क्योंकि यहां भोलेनाथ रहते है.  मृत्यु के बाद वही व्यक्ति वहां पहुंच सकता है जिसने अपने जीवन में कभी कोई बुरा काम न किया हो.

3.शिव पिरामिड (Shiv Pyramind)
1999 में रूसी वैज्ञानिकों  (Russian Scientist) की एक टीम ने कैलाश पर्वत की तलहटी का दौरा किया था. जिसमें वह इस नतीजे पर पहुंचे थे कि यह पर्वत कोई साधारण पहाड़ नहीं बल्कि बर्फ से ढका एक पिरामिड है जो कुछ छोटे पिरामिडों से घिरा हुआ है. इसीलिए 'शिव पिरामिड'(Shiv Pyramind) भी कहा जाता है. इस पर्वत को न केवल हिंदू, बल्कि जैन, बौद्ध और तिब्बत के प्राचीन 'बॉन' पारंपरिक दृष्टिकोण से भी पवित्र माना जाता है. तिब्बती बौद्धों का मानना है कि परम आनंद का प्रतिनिधित्व करने वाले बुद्ध डेमचोक कैलाश पर्वत पर रहते हैं.

4.पवित्र नदियों का उद्गम स्थल
यह पर्वत चार पवित्र नदियों (सिंधु, सतलज, ब्रह्मपुत्र और करनाली (गंगा की सहायक नदी))  का सोर्स  है. जो इस पर्वत के आधार के पास से बहती हैं. ये नदियाँ और इन नदियों से जुड़े मिथक हिंदुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.

डमरू की सुनाई देती है आवाज
कैलाश पर्वत पर जब बर्फ पिघलती है तो यहां से डमरू जैसी आवाज आती है. जिसे  कई लोगों ने सुना है,लेकिन इस रहस्य को आज तक कोई हल नहीं  सुलझा पाया है.

 6 ओम (OM)  की सुनाई देती है आवाज
कैलाश पर्वत का सबसे बड़ा रहस्य खुद विज्ञान ने साबित किया है कि यहां पर प्रकाश और ध्वनि के बीच जब भी मिलन होता है,  यहां से ॐ (OM)  की आवाजें सुनाई देती हैं. 

इन सभी उदाहरणों से आपको यह तो ज्ञात हो गया होगा कि आखिर आज के समय में कैलाश पर्वत क्यों  इतना धार्मिक और वैज्ञानिक महत्त्व रखता हैं.यहां पर सूरज और चंद्रमा के शाम के प्रकाश और ध्वनि के बीच इस तरह का समागम होता है कि यहां से ऊं की आवाजें सुनाई देती हैं.

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