Chandrayaan-3 की सफलता के बाद ISRO वैज्ञानिकों से मिले PM मोदी, लैंडिंग प्वाइंट को दिया 'शिव शक्ति प्वाइंट' का नाम
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1842035

Chandrayaan-3 की सफलता के बाद ISRO वैज्ञानिकों से मिले PM मोदी, लैंडिंग प्वाइंट को दिया 'शिव शक्ति प्वाइंट' का नाम

Chandrayaan-3-  23 अगस्त का दिन भारत के लिए सदैव  अविसमरणीय रहेगा. क्योंकि इस दिन भारत ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैडिंग कर इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया. शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों से मिलने और उन्हें बधाई देने के लिए शनिवार को बेंगलुरु पहुंचे.

chandrayaan3

Chandrayaan-3-  23 अगस्त का दिन भारत के लिए सदैव  अविसमरणीय रहेगा. क्योंकि इस दिन भारत ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैडिंग कर इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया. इसरों की इस सफलता का जश्न पीएम ने भी ऑनलाइन जुड़कर मनाया था. साथ ही ुस समय उन्होंने कहा था वह साउथ अफ्रीका रके दौरे पर आते ही  इसरों के सभी चंद्रयान मिशन के वैज्ञानिकों से मिलकर उन्हें बधाई देंगे. 

इसी कड़ी में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों से मिलने और उन्हें बधाई देने के लिए शनिवार को बेंगलुरु पहुंचे.  एचएएल हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद मोदी ने स्वागत के लिए एकत्र हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि न केवल भारत में, बल्कि दुनिया का हर व्यक्ति जो विज्ञान और भविष्य में विश्वास करता है, चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मना रहा है.

प्रधानमंत्री ने कहा, "विज्ञान की सफलता और देश की उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए बेंगलुरु में सुबह के समय का माहौल देखना अच्छा लगता है. मैंने ग्रीस और जोहान्सबर्ग में इसी तरह की तस्वीरें देखीं. दुनिया के हर कोने में सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि विज्ञान में आस्था रखने वाले लोग भी इसी भावना के इस उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं."
लोगों की भारी भीड़ की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा, "आप इतनी सुबह आ गए, मैं खुद को रोक नहीं सका क्योंकि जब चंद्रयान-3 मिशन सफल हुआ तब मैं यहां नहीं था. मैंने संकल्प किया था कि जब मैं भारत आऊंगा तो सबसे पहले बेंगलुरु जाऊंगा और वैज्ञानिकों को बधाई दूंगा.”

"यह भाषण देने का समय नहीं है. मैं वैज्ञानिकों से मिलने के लिए उत्सुक हूं. मैं मिशन की सफलता का जश्न मनाने के लिए बेंगलुरु और लोगों को धन्यवाद देता हूं."
इसरों में वैज्ञानिकों से मिलने के बाद पीएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि  चंद्रयान-2 की लैंडिंग विफलता वाले स्थान को "तिरंगा बिंदु" कहा जाएगा, जबकि चंद्रमा पर विक्रम लैंडर के उतरने का दिन (23 अगस्त) देश में "राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस" के रूप में मनाया जाएगा.
यही नहीं भारत ने उस टचडाउन प्‍वाइंट का नाम “शिव शक्ति प्‍वाइंट” रखने का फैसला किया है, जहां विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी.
क्यों रखा गया यह नाम  
चंद्रमा का शिव शक्ति प्‍वांइट हिमालय से कन्याकुमारी तक एकता का प्रतीक होगा. उन्होंने रेखांकित किया कि शिव शक्ति प्वाइंट भावी पीढ़ियों को मानवता के कल्याण के लिए विज्ञान के उपयोग की दिशा में प्रेरित करेगा.

पीएम ने कहा, तिरंगा प्वाइंट प्रेरणा का काम करेगा. यह एक प्रतीक होगा जो बताएगा कि असफलता अंत नहीं है. यह इस बात का भी प्रमाण होगा कि यदि आप प्रतिबद्ध हैं तो सफलता निश्चित है. चंद्रयान-3 मिशन ने पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया है, भावना को आत्मसात किया है. उन्होंने कहा कि हर बच्चा, जो चंद्रमा का बीज बोएगा उसके अंदर उपलब्धि की भावना होगी.

पीठ थपथपाई.

इसके पूर्व शनिवार सुबह इसरो पहुंचने पर प्रधानमंत्री का इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ, इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के निदेशक बी.एन. रामकृष्ण और यू.आर. राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक एस. शंकरन ने स्वागत किया.
पीएम मोदी ने तीनों वैज्ञानिकों को गले लगाकर स्वागत किया और उनकी पीठ थपथपाई.

ये भी पढ़ें

सुरक्षित लैंड हो जाती कल्पना चावला, जानिए चंद मिनटों में ऐसा क्या हुआ?

राजस्थान से बहती है भारत की सबसे छोटी नदी, जानिए कितनी है लंबाई

 

Trending news