इस फसल को पाले से बचाने के लिए मथुरा में किसान कर रहे शराब का इस्तेमाल
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इस फसल को पाले से बचाने के लिए मथुरा में किसान कर रहे शराब का इस्तेमाल

मथुरा के यमुना पार वाले आलू की बेल्ट माने जाने वाले इलाके में आलू की फसल पर शराब का छिड़काव किया जा रहा है. जिले में इस बार 16 हजार एकड़ से भी अधिक इलाके में आलू की बुवाई की गई है.

फाइल फोटो.

मथुरा: उत्तर प्रदेश में मथुरा जनपद के किसान शराब छिड़क कर आलू की फसल को पाले से बचा रहे हैं. इन किसानों का दावा है कि शराब के छिड़काव से न तो आलू की फसल को पाला मारता है और न ही कोई कीड़ा लगने की शिकायत होती है. मथुरा के यमुना पार वाले आलू की बेल्ट माने जाने वाले इलाके में आलू की फसल पर शराब का छिड़काव किया जा रहा है. जिले में इस बार 16 हजार एकड़ से भी अधिक इलाके में आलू की बुवाई की गई है. इसमें बलदेव, महावन, मांट और राया, सुरीर इलाके प्रमुख हैं. 

इन दिनों इस क्षेत्र में तापमान बेहद नीचे चला गया है और सुबह फसल पर पाला जमना शुरू हो गया है. सुबह आठ बजे तक फसल पर इसका जमाव देखा जा रहा है. पाले से फसल को बचाने के लिए कुछ किसान जिब्रेलिक एसिड के साथ शराब का प्रयोग कर रहे हैं. राया इलाके के भैंसारा के आलू किसान जितेश रावत बताते हैं कि जिब्रेलिक एसिड एल्कोहल में ही घुलता है. यह एक हार्मोनिक दवा है जिससे आलू में बढ़वार खासी तेज गति से होती है. भोलागढ़ के किसान सुरेश ने बताया कि शराब के छिड़काव से आलू की फसल पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है, बल्कि उपज अच्छी होती है. 

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मथुरा के किसान विकास केंद्र के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक एसके मिश्रा ने बताया, ‘‘आलू एक कंदीय फसल है. इसके कंदों पर अभी तक शराब के प्रभाव अथवा दुष्प्रभाव संबंधी कोई भी अध्ययन सामने नहीं आया है. इसलिए कहा नहीं जा सकता कि किसान किस आधार पर इस तरीके को आजमा रहे हैं और फायदेमंद बता रहे हैं. इस मामले में कोई भी ठोस बात तो अनुसंधान के बाद ही कही जा सकती है.’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद अथवा कृषि विभाग आलू या किसी भी अन्य फसल को पाले या किसी अन्य समस्या से बचाने के लिए शराब के छिड़काव की कोई भी सलाह नहीं देते. बल्कि, उनके अनुसार तो यदि आलू को पाले से बचाना है तो सल्फर के घोल का छिड़काव करना चाहिए और फसल में पानी लगाकर खेतों के चारों ओर धुआं करना चाहिए.’ 

(इनपुट-भाषा)

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