Ayodhya pran pratishtha: 500 साल पुराना सपना साकार होते देख भावुक हुए कारसेवक, 1990 की घटना से उठाया पर्दा
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Ayodhya pran pratishtha: 500 साल पुराना सपना साकार होते देख भावुक हुए कारसेवक, 1990 की घटना से उठाया पर्दा

Ayodhya pran pratishtha: राम लला के आयोध्या आगमन पर पूरा देश उत्सव मना रहा है. 500 साल से जिस शुभ घड़ी का इंतजार कारसेवकों को था वह घड़ी आ गई है. ऐसे में राम जन्म भूमि आंदोलन में भाग लेकर राम मंदिर के निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले संभल जिले के राम भक्त कारसेवक बेहद भावुक है.  

Ayodhya pran pratishtha: 500 साल पुराना सपना साकार होते देख भावुक हुए कारसेवक, 1990 की घटना से उठाया पर्दा

Ayodhya pran pratishtha: राम लला के आयोध्या आगमन पर पूरा देश उत्सव मना रहा है. 500 साल से जिस शुभ घड़ी का इंतजार कारसेवकों को था वह घड़ी आ गई है.  22 जनवरी को भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित है. ऐसे में राम जन्म भूमि आंदोलन में भाग लेकर राम मंदिर के निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले संभल जिले के राम भक्त कारसेवक बेहद भावुक है.  रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उत्साह के बीच जब जी मीडिया की टीम ने कार्यसेवकों से बातचीत की तो वह भावुक हो उठे. कारसेवकों की राम जन्म भूमि आंदोलन के समय की सभी यादें ताजा हो गई. 
  
राम जन्म भूमि आंदोलन

राम जन्म भूमि आंदोलन में नैनी की जेल में 14 दिन का कारावास काटने और कई कई दिनों तक फाका कशी कर राम मंदिर के निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले कन्हैया लाल ने बताया.  कन्हैया लाल के अनुसार की 1990 के राम जन्म भूमि आंदोलन में चंदोसी से लगभग 50 से अधिक लोग अयोध्या जाने के लिए ट्रेन से रवाना हुए थे. उन्होंने बताया कि पहले से ही जगह-जगह तैनात पुलिस ने अधिकांश लोगों को अयोध्या पढ़ने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया लेकिन वह किसी तरह पुलिस की नजरों से छिपकर अयोध्या से 35 किलोमीटर आगे तमसा नदी के किनारे एक छोटे से गांव तक पहुंच गए.

आधी रोटी के सहारे किया गुजारा
गांव में वह और उनके साथी पुलिस की नजरों से बचने के लिए दो रातों तक छिपे रहे. इस दौरान ग्रामीण द्वारा दी गई आधी रोटी के सहारे उन्होंने गुजारा किया.  इसी बीच पुलिस को कर सिक्कों के उक्त गांव में छिपे होने की भनक लग गई पुलिस ने गांव की घेराबंदी कर उन्हें और उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार करने के बाद उन्हें फैजाबाद के एक इंटर कॉलेज में बनाए गई स्थाई जेल में रखा गया. जहां पर कारसेवकों के लिए कोई व्यवस्था न होने पर कार सेवकों द्वारा तोड़फोड़ किए जाने पर सभी कार सेवकों को नैनी जेल प्रयागराज भेज दिया गया. लगभग 14 दिन बाद सभी कार सेवकों को छोड़ा गया.  

चंदौसी के डॉक्टर अमित और यज्ञ दत्त शर्मा 
चंदौसी के रहने वाले डॉक्टर अमित भी 1992 के राम जन्मभूमि आंदोलन में भाग लेने के लिए महज 12 साल की उम्र में कारसेवकों के साथ अयोध्या पहुंच गए थे. यही नहीं, बाबरी विध्वंस के दौरान भी अमित मौजूद थे और घायल भी हो गए थे. अब जबकि भगवान श्री राम का मंदिर बन रहा है तो वह बेहद भावुक है. चंदौसी के ही यज्ञ दत्त शर्मा ने भी राम जन्मभूमि आंदोलन में भाग लेकर राम मंदिर की लड़ाई लड़ी थी. यज्ञ दत शर्मा अपने कई साथियों के साथ अयोध्या जाने के लिए चंदोसी से निकले थे लेकिन पुलिस ने उन्हें और उनके साथियों को रास्ते में ही उन्हें और उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया. 

जेल में करते रहें राम भजन
गिरफ्तार करने के बाद उन्हें और उनके साथियों को मुरादाबाद की जेल में 27 दिन तक रखा गया. लेकिन यज्ञ दत और उनके साथी जेल में भी 27 दिन तक लगातार राम लीला का मंचन और राम भजन करते रहते थे. चंदोसी के ही मनोज भी राम जन्म भूमि आंदोलन में भाग लेने के आरोप में राम पुर की जेल में 9 दिन तक बंद रहे थे.अब जबकि अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम लला पधार रहे है,  सभी राम भक्त कार सेवक बेहद खुश और उत्साहित है.

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