मुजफ्फरनगर: युवक की पिटाई के बाद दलितों ने विरोध प्रदर्शन की धमकी दी
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मुजफ्फरनगर: युवक की पिटाई के बाद दलितों ने विरोध प्रदर्शन की धमकी दी

हिंदू वाहिनी के चार कार्यकर्ताओं द्वारा एक दलित युवक की कथित तौर पर पिटाई किए जाने के एक दिन बाद आज शहीद ऊधम सिंह सेना नामक संगठन ने धमकी दी. 

दलित युवक की कथित तौर पर पिटाई किए जाने के एक दिन बाद  शहीद ऊधम सिंह सेना नामक संगठन ने धमकी दी.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हिंदू वाहिनी के चार कार्यकर्ताओं द्वारा एक दलित युवक की कथित तौर पर पिटाई किए जाने के एक दिन बाद  शहीद ऊधम सिंह सेना नामक संगठन ने धमकी दी कि अगर 17 जनवरी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता तो वह आंदोलन करेगी. पुलिस क्षेत्राधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि विपिन कुमार (22) को कालनपुर गांव में कथित तौर पर चार कार्यकर्ताओं ने बुरी तरह से पीटा.

  1. कालनपुर गांव में कथित तौर पर चार कार्यकर्ताओं ने बुरी तरह से पीटा. 
  2. चार आरोपियों राहुल, धीरज, जोधा और काकू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. 
  3.  शहीद ऊधम सिंह सेना के नेतृत्व में दलित समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है.

चार आरोपियों राहुल, धीरज, जोधा और काकू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. चारों आरोपी फरार हैं. शहीद ऊधम सिंह सेना के नेतृत्व में दलित समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है. जनवरी माह में अहमदाबाद में एक दलित शख्स ने आरोप लगाया था कि एक पुलिस थाने में उसे कम से कम 15 पुलिस कर्मियों के जूते चाटने को मजबूर किया गया. यह घटना अहमदाबाद की है.

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जहां पर एक दलित शख्स ने आरोप लगाया था कि एक पुलिस थाने में जब उसने पुलिस कर्मियों को अपनी जाति बताई तो उसे कम से कम 15 पुलिस कर्मियों के जूते चाटने को मजबूर किया गया. हर्षद जादव (38) की ओर से दाखिल एक प्राथमिकी के मुताबिक, पुलिस ने 28 दिसंबर की रात उसे तब हिरासत में ले लिया जब उसने अपने इलाके में हुई एक घटना के बारे में मौके पर मौजूद एक पुलिस कांस्टेबल से पूछा .

पुलिस कर्मियों के जूते चाटने को मजबूर किया गया
अमरायवाडी पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि विनोदभाई बाबूभाई नाम के कांस्टेबल ने बगैर किसी उकसावे के जादव को एक डंडे से पीटा, जिससे उसकी उंगली टूट गई. विनोदभाई ने जादव के परिजन को गालियां भी दी. जादव की ओर से दाखिल प्राथमिकी का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि उसे उसी रात पुलिस थाने ले जाया गया और कर्तव्य पालन के दौरान एक लोक सेवक पर हमले के आरोप में उसे लॉक-अप में बंद कर दिया गया.

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अधिकारी ने प्राथमिकी के हवाले से बताया कि इसके बाद कुछ पुलिसकर्मियों ने जादव से उसकी जाति पूछी. जब उसने उन्हें बताया कि वह एक दलित है तो उन्होंने उसे बाबूभाई के पैर छूकर माफी मांगने को कहा. गुजर-बसर के लिए टीवी सेटों की मरम्मत का काम करने वाले जादव से जो भी कहा गया, वह उसने किया. अधिकारी ने बताया, ‘‘इसके बाद कुछ वरिष्ठ कर्मियों ने जादव को पुलिस थाने के करीब 15 पुलिस कर्मियों के जूते चाटने को मजबूर किया.’’ एक स्थानीय अदालत ने 29 दिसंबर को जादव को जमानत दे दी.

इनपुट भाषा से भी 

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