Uniform Civil Code: उत्तरखंड में हाल के दिनों में समान नागरिक संहिता खूब बहस हो रही है. सीएम धामी की सरकार कुछ ही दिनों बाद इसको धरातल पर उतारने वाली है. यहां आगे जानें क्या उत्तराखंड में UCC के लागू होने से मुस्लिमों पर कुछ असर पड़ेगा?....
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Dehradun: यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट के लिए गठित कमेटी का कार्यकाल 26 जनवरी को पूरा हो चुका है. जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में गठित समिति संहिता का ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है. इस ड्राफ्ट को दो भाषओं में तैयार किया गया है. ऐसे में उम्मीद है कि कमेटी उत्तराखंड सरकार को अगले 1 से 2 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंप सकती है. अगर कमेटी अगले दो से तीन दिनों में रिपोर्ट नहीं देती है तो फिर सरकार को कमेटी का कार्यकाल बढ़ाना पड़ेगा. उत्तराखंड के संसदीय कार्य और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जी मीडिया से खास बातचीत करते हुए बताया कि उम्मीद है कि अगले एक से दो दिन में कमेटी की रिपोर्ट मिल सकती है. इसके बाद सरकार तय करेगी इसके लिए विशेष सत्र आना है या फिर आने वाले बजट सत्र में ही इसे लाया जाएगा. बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल तीन बार बढ़ाया जा चुका है.
उत्तराखंड पहला राज्य
उम्मीद की जा रही है कि इसी सत्र में यह प्रारूप विधेयक के रूप में सदन के पटल पर रख इसे पारित कराने की तैयारी है. इसके पारित होने के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. ड्राफ्ट पूरा करने से पहले समिति की मुख्यमंत्री धामी के साथ कई चरणों की बैठक हो चुकी है. माना जा रहा है कि यह ड्राफ्ट पांच सौ पेज से अधिक का है.
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ड्राफ्ट के मुख्य बिंदुओं
ड्राफ्ट के मुख्य बिंदुओं की बात करें तो इसमें सभी धर्मों के अनुयायियों को समान अधिकार देने की पैरवी, लिव इन रिलेशनशिप पर रोक, पैतृक व पति की संपत्ति में महिलाओं को समान अधिकार, कानून के हिसाब से तलाक, गोद लेने के लिए कड़े नियमों का प्रविधान, स्थानीय व जनजातीय परंपराओं तथा रीति रिवाजों का अनुपालन व उत्तराधिकार में महिलाओं की सहभागिता जैसे बिंदुओं को शामिल किया गया है.
सीएम धामी का वादा
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार विशेषज्ञ समिति से रिपोर्ट मिलने के दो से तीन दिन के भीतर समान नागरिक संहिता के विधेयक का प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा. वैसे भी विधानसभा सत्र पांच से आठ फरवरी तक आहूत किया गया है. ऐसे में विधेयक का प्रारूप तैयार करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा. बता दें कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था. दोबारा सत्ता संभालते ही उन्होंने अपनी पहली ही कैबिनेट की बैठक में इसका प्रारूप तय करने को विशेषज्ञ समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. अब अगले महीने यूसीसी लागू होने की उम्मीद की जा रही है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट प्रदेश ने कहा-
समान नागरिक संहिता जल्द प्रदेश में लागू हो सकती है. जिसकी तैयारी चल रही है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि सरकार की शिद्दत के साथ में काम कर रही है. ऐसे में जल्दी प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा. उनका कहना है कि भाजपा के संकल्प पत्र में समान नागरिक संहिता शामिल है. ऐसे में अपने सभी संकल्प पत्र को भाजपा पूरी कर रही है. जिसकी तैयारी चल रही है प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा.