निदा खान का कहना है कि फतवा जारी करने वालों पर सरकार को रोक लगानी चाहिए. मैं पीएम से मिलकर गुहार लगाऊंगी.
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नई दिल्ली: हलाला, तीन तलाक और बहुविवाह के खिलाफ आवाज उठाने वाली आला हजरत खानदान की पूर्व बहू निदा खान का कहना है कि मेरे खिलाफ जो फतवा जारी हुआ, उसमें कहा गया था कि अगर मैंने 3 दिन में देश नहीं छोड़ा तो मुझ पर ईंट-पत्थरों से हमला हो सकता है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि ऐसे फतवा जारी करने वालों पर सरकार को रोक लगानी चाहिए. मैं पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए समय लूंगी. वह शनिवार को शाहजहांपुर आए थे लेकिन मैं निजी सुरक्षा कारणों से उनसे नहीं मिली.
आयोग ने दर्ज किया था बयान
इससे पहले यूपी अल्पसंख्यक आयोग की टीम ने दोनों पक्षों के लिखित बयान दर्ज किए हैं. निदा खान को इस्लाम से खारिज करने के फतवे पर आयोग की दो सदस्यीय जांच समिति ने पहुंचकर निदा और उनके खिलाफ फतवा जारी करने वाले पक्ष से बातचीत की. अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य रूमाना सिद्दीकी और कुंवर इकबाल हैदर ने दोनों पक्षों के लिखित बयान दर्ज किए. जांच समिति ने कहा कि यह घटना बेहद संवेदनशील है. इससे धार्मिक, जनभावनाएं जुड़़ी हैं. इसके बावजूद कोई भी व्यक्ति कानून को चुनौती नहीं दे सकता है. डीएम वीरेन्द्र कुमार सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. समिति से मिलने पहुंचे और समिति ने अधिकारियों से पूरे घटनाक्रम का फीडबैक लिया था.
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A fatwa issued against me says whosoever brings chopped hair of Nida Khan will be rewarded with an amount of Rs.11786 and if I do not leave this country within 3 days, I will be attacked with stones: Nida Khan, triple talaq victim. #Bareilly pic.twitter.com/vCs0RX49MX
— ANI UP (@ANINewsUP) July 21, 2018
These people issuing such fatwas should be stopped. I will take a proper appointment to meet PM Modi and will appeal to him about it. He was in Shahjahanpur today but I decided not to go to meet him due to my own security issues: Nida Khan, triple talaq victim #Bareilly pic.twitter.com/AEO4IpEgzi
— ANI UP (@ANINewsUP) July 21, 2018
16 जुलाई को भीड़ ने किया था निदा पर हमला
16 जुलाई को बरेली शहर के बानखाना क्षेत्र में एक कथित हलाला पीड़िता के बचाव के लिये पहुंची निदा पर भीड़ के 'हमले' के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. उनके पास पहले से ही एक गनर था अब एक और गनर उन्हें दे दिया गया है. उसी दिन आला हजरत दरगाह के दारुल इफ्ता विभाग ने निदा के खिलाफ फतवा जारी किया था.
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क्या कहा गया फतवे में
शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया था कि मुफ्ती अफजाल रजवी के दस्तखत से जारी फतवे में कहा गया है कि निदा अल्लाह और उसके बनाये हुए कानून की मुखालिफत कर रही हैं, लिहाजा उनका 'हुक्का-पानी' बन्द कर दिया गया है. निदा की मदद करने वाले और उनसे मिलने-जुलने वाले मुसलमानों को भी इस्लाम से खारिज किया जाएगा. मुफ्ती आलम ने बताया कि फतवे के मुताबिक निदा अगर बीमार हो जाती हैं तो उनको दवा भी नहीं दी जाएगी. निदा की मौत पर जनाजे की नमाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है. इतना ही नहीं निदा की मृत्यु होने पर उन्हें कब्रिस्तान में दफनाने पर भी रोक लगा दी गई है.
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आला हजरत खानदान की पूर्व बहू हैं निदा
निदा की शादी आला हजरत खानदान के उस्मान रजा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रजा खां से 16 जुलाई 2015 को हुई थी मगर बाद में 5 फरवरी 2016 को उनका तलाक हो गया. उसके बाद निदा ने अदालत का सहारा लिया है. निदा अन्य तलाकशुदा महिलाओं के लिये भी आंदोलन कर रही हैं. उन्होंने तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह जैसी प्रथाओं के खिलाफ भी अभियान छेड़ रखा है.