यूपी बजट 2018-19 में योगी सरकार ने रोजगार, बुनियादी ढांचा, कृषि और युवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है. ये बजट पिछले साल की तुलना में 11.4 फीसदी ज्यादा है.
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में जल्द ही योगी सरकार नौकरियों की बहार लाने वाली है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश करते हुए कहा कि 'सरकार टीचरों के लिए 1.37 लाख पदों के लिए भर्ती करने जा रही है.' उन्होंने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 4.28 लाख का करोड़ रुपये का बजट पेश किया है. होली से पहले योगी सरकार ने अपने दूसरे बजट में प्रदेश को विकास के रंग से सराबोर करने की कोशिश की है. पूर्ववर्ती सरकारों की तरह लोकलुभावन घोषणाएं न करके किसान और नौजवान को केंद्र में रखते हुए बजट का रंग तैयार किया गया है. रोजगार और कारोबार को बढ़ावा देकर राज्य सरकार युवाओं के कई सौगात लेकर आने वाली है.
1.37 लाख सरकारी अध्यापकों की होगी भर्ती
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने बजट को प्रगतिशील बताया. उन्होंने कहा, 'सरकार अध्यापकों के लिए 1.37 लाख पदों के लिए भर्ती करने जा रही है.'
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पुलिस विभाग में भी होगी 1.62 लाख पर्दों भर्ती
सीएम ने घोषणा की उनकी सरकार बहुत ही जल्द पुलिस विभाग में भी भर्ती करने जा रही है. उन्होंने बताया, कि पुलिस के लिए 1.62 लाख पर्दों पर भर्ती की जाएगी.
We are bringing 1,37,000 vacancies for teachers & 1,62,000 vacancies in police department. Besides, for the first time, we have arranged Rs 250 crores for those youth in #UttarPradesh who don't want to do job & instead want to open startup: Chief Minister Yogi Adityanath pic.twitter.com/DHlVzWL2NV
— ANI UP (@ANINewsUP) February 16, 2018
युवा कर सकेंगे अपना बिजनेस
यूपी बजट 2018-19 में योगी सरकार ने रोजगार और युवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है. सरकार 250 करोड़ रुपये उन युवाओं के लिए आंवटित किये हैं, जो नौकरी की जगह अपना स्टार्टअप खोलना चाहते हैं.
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शिक्षा क्षेत्र में दिया सबसे ज्यादा ध्यान
प्रदेश सरकार ने अपने बजट में सबसे ज्यादा धनराशि शिक्षा क्षेत्र में दी है ताकि प्रदेश का युवा गुणवत्तापरक शिक्षा ग्रहण कर अपनी काबिलियत को लोहा मनवा सके. इसके लिए बजट में 68,263 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है. सर्व शिक्षा अभियान को 18,167 करोड़, मुफ्त कॉपी-किताबें, यूनिफार्म के लिए 116 करोड़, मध्यान्ह भोजन योजना के लिए 2,048 करोड़, फल बांटने के लिए 167 करोड़, स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 500 करोड़, माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 480 करोड़, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के लिए 167 करोड़, मॉडल महाविद्यालयों की स्थापना के लिए 37 करोड़, नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना को 106 करोड़ रुपये दिए गये हैं.