बरेली के डीएम ने पूछा सवाल, मुस्लिम मोहल्लों में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे क्यों?
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बरेली के डीएम ने पूछा सवाल, मुस्लिम मोहल्लों में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे क्यों?

डीएम राघवेंद्र बिक्रम सिंह ने सवालिया लहजे में पूछा, ''चीन तो कहीं ज्‍यादा बड़ा दुश्‍मन है, उसके खिलाफ नारे क्‍यों नहीं लगाए जाते? चीन तो बड़ा दुश्‍मन है, तिरंगा लेकर चीन मुर्दाबाद क्‍यों नहीं?''

यूपी के कासगंज में हिंसा भड़कने के बाद पूरे शहर में RAF को तैनात कर दिया गया

बरेली: कासगंज जिले में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा की वजहों को लेकर सोशल मीडिया के अपने-अपने दावे हैं. इसी बीच घटना का बिना उल्लेख किए बिना बरेली के जिलाधिकारी राघवेंद्र विक्रम सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पूरे वाकये पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने लिखा है कि मुस्लिम मोहल्लों में जबर्दस्‍ती जुलूस ले जाने और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे का अजीब रिवाज बन गया है. एक पोस्‍ट में डीएम ने लिखा, ''अजब रिवाज बन गया है. मुस्लिम मोहल्‍लों में जबर्दस्‍ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्‍तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ. क्‍यों भाई, वे पाकिस्‍तानी हैं क्‍या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था. फिर पथराव हुआ, मुकदमे लिखे गए...''

  1. बरेली के डीएम ने फेसबुक पर लिखे पोस्‍ट
  2. बाद में हालांकि इनको हटा लिया गया
  3. पिछले दिनों कासगंज में हिंसा हुई

दरअसल पिछली जुलाई में कांवड़ यात्रा के दौरान जब मुस्लिम बहुल खैलम से यात्रा निकालने की कोशिश की गई तो उसके बाद मचे बवाल में कांवडि़ए और आईटीबीपी के 15 जवान घायल हो गए थे. उसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई और करीब ढाई सौ लोगों को पकड़ा गया. डीएम अपनी पोस्‍ट में इसी घटना का जिक्र कर रहे थे. एक दूसरी पोस्‍ट में डीएम राघवेंद्र बिक्रम सिंह ने सवालिया लहजे में पूछा, ''चीन तो कहीं ज्‍यादा बड़ा दुश्‍मन है, उसके खिलाफ नारे क्‍यों नहीं लगाए जाते? चीन तो बड़ा दुश्‍मन है, तिरंगा लेकर चीन मुर्दाबाद क्‍यों नहीं?''

कासगंज हिंसा: डीएम बोले- छत से चली गोली से हुई चंदन की मौत

कासगंज में हिंसा
26 जनवरी की सुबह कासगंज में ‘वन्देमातरम’और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए हाथों में तिरंगा झंडा लिए कुछ युवा मोटरसाइकिलों से जुलूस निकाल रहे थे. लेकिन जुलूस जैसे ही अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र बड्डूनगर में पहुंचा तो कुछ उपद्रवी तत्वों ने बाइक सवारों पर पथराव और फायरिंग कर दी. इस फायरिंग में दो युवक अभिषेक गुप्ता उर्फ चन्दन एवं नौशाद घायल हो गए. घायल चंदन को सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई. नौशाद की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है.

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'कलंक' और शर्म की बात है कासगंज में हुई हिंसा : राज्यपाल
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने गणतंत्र दिवस पर कासगंज में दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प को 'कलंक' और शर्मनाक करार देते हुए आज कहा कि मामले में सरकार को और गहराई से जांच करनी चाहिए. राज्यपाल ने यहां कहा, ‘कासगंज में जो भी हुआ, वह किसी को शोभा नहीं देता है. किसने शुरुआत की और किसने बाद में जवाब दिया, यह बात तो जांच में बाहर आयेगी, लेकिन निश्चित तौर पर कासगंज में जो भी घटनाएं हुईं वे उत्तर प्रदेश के लिये कलंक हैं. सरकार इसकी जांच कर रही है और इसमें कड़ा से कड़ा रुख अपनाया जाना चाहिए.’

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