UP: अस्पताल ने एंबुलेंस देने से किया इनकार, बाइक पर लाद कर ले जाना पड़ा युवक का शव
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UP: अस्पताल ने एंबुलेंस देने से किया इनकार, बाइक पर लाद कर ले जाना पड़ा युवक का शव

मृतक के परिजनों का आरोप है कि युवक के घायल होने पर अस्पताल से एंबुलेंस मंगाने के लिए कई बार फोन किया गया. लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. ऐसे में घायल व्यक्ति को मोटरसाइकिल पर बिठाकर लाने में देरी होने से उसकी जान चली गई.

जनपद की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अमिता सिंह ने परिजनों की शिकायत को अनसुना कर दिया.

संभल, सुनील सिंह: उत्तर प्रदेश में बदहाल हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था का नमूना तब सामने आया, जब प्रदेश के संभल जिले में अस्पताल द्वारा एंबुलेंस देने से इनकार करने पर गरीब परिजनों को एक व्यक्ति का शव मोटरसाइकिल पर लाद कर ले जाना पड़ा. घटना संभल जिले के बहजोई थाना इलाके के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की है. गुरुवार को यहां एक युवक को घायल अवस्था अस्पताल लाया गया. डॉक्टरों ने पहुंचते ही उसे मृत घोषित कर दिया था. मानवता शर्मसार तो तब हो गई जब शव को गांव तक वापस ले जाने के लिए अस्पताल ने स्ट्रेचर और एंबुलेंस देने से इनकार कर दिया. 

  1. मिट्टी में दबकर घायल हो गया था युवक
  2. एंबुलेंस नहीं मिलने से अस्पताल पहुंचने में हुई देरी
  3. शव को ले जाने के लिए अस्पताल ने नहीं दिया एंबुलेंस

घायल को अस्पताल पहुंचाने के लिए भी नहीं मिला एंबुलेंस
आपको बता दें कि मृतक के परिजनों का आरोप है कि युवक के घायल होने पर अस्पताल से एंबुलेंस मंगाने के लिए कई बार फोन किया गया. लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. ऐसे में घायल व्यक्ति को मोटरसाइकिल पर बिठाकर लाने में देरी होने से उसकी जान चली गई.  

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सीएमओ कार्यालय के सामने हुई पूरी घटना
परिजनों का आरोप है कि जब इस संदर्भ में जनपद की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अमिता सिंह से शिकायत की गई तो उन्होंने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने किसी के खिलाफ कार्रवाई की बात नहीं कही. हैरानी की बात यह है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ही सीएमओ का कार्यालय है और घटना के वक्त वो वहीं मौजूद थीं. यह सब उनके कार्यालय के सामने ही होता रहा.

मिट्टी में दबने से घायल हो गया था युवक
बहजोई थाना इलाके के गांव सादातबाडी निवासी सूरजपाल अपने नाना के साथ खेत पर मिट्टी की कुइया साफ कर रहा था. तभी अचानक मिट्टी की ढांग सूरजपाल के ऊपर गिर गई और वह कुइया में दब गया. ऊपर बैठे नाना के  शोर मचाने पर खेतों में काम कर रहे लोग आए और जैसे-तैसे सूरजपाल को बाहर निकाला. मृतक के परिजन ने बताया कि उसकी सांसें चल रही थीं, उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए हमने कई बार एंबुलेंस के लिए फोन किया. लेकिन वहां किसी ने फोन नहीं उठाया. 

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एंबुलेंस न मिलने की वजह से हुई मौत
परिजन का कहना है कि सूरजपाल को मोटरसाइकिल पर बिठाकर काफी देर बाद हम सरकारी अस्पताल बहजोई पहुंचे. यहां डॉक्टर ने सूरजपाल को देखते ही मृत घोषित कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि हमने शव को लेजाने के लिए स्ट्रेचर और एंबुलेंस की व्यवस्था करने को कहा तो अस्पताल कर्मचारियों ने फटकार कर भगा दिया. परिजनों को मजबूरन शव मोटरसाइकिल पर लाद कर लाना पड़ा.

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