राज्यसभा चुनाव को लेकर लड़ाई रोचक हो चुकी है. यूपी में बीजेपी ने अपने ग्यारह उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है. इसके साथ ही राज्यसभा की रेस में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के लिए मुश्किल बढ़ गई है.
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लखनऊ: राज्यसभा चुनाव को लेकर लड़ाई रोचक हो चुकी है. यूपी में बीजेपी ने अपने ग्यारह उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. पार्टी ने अनिल अग्रवाल को अपना नौवां उम्मीदवार बनाने की घोषणा सोमवार दोपहर की थी. उसके कुछ ही देर बाद बीजेपी ने सलिल विश्नोई और विद्यासागर सोनकर के नाम की घोषणा कर दी. इसके साथ ही राज्यसभा की रेस में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के लिए मुश्किल बढ़ गई है. उम्मीद की जा रही है कि बीजेपी अपने अट्ठाइस अतिरिक्त वोट और निर्दलीय विधायकों के वोट के सहारे अपने नौवें उम्मीदवार को जिताने की कोशिश करेगी. जानकारों की मानें तो बीजेपी को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की संभावना दिख रही है. इस बात का तस्दीक बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के हालिया बयान से भी कर सकते हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि पार्टी के पास 8 उम्मीदवार जिताने के बाद 28 वोट अतिरिक्त हो रहे हैं. ऐसे में निर्दलीय विधायकों के साथ मिलाकर हमारे 9वें उम्मीदवार की जीत तय है.
वैसे उत्तर प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार को कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल के वोट मिलने तो पक्के हैं. साथ ही समाजवादी पार्टी के अतिरिक्त वोट भी मिलना लगभग तय है. बसपा ने राज्यसभा सीट के लिए भीमराव आंबेडकर को प्रत्याशी बनाया है.
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इस वजह से बीजेपी ने उतारे ज्यादा उम्मीदवार
राजनीतिक जानकारों की राय में बीजेपी ने पहले आठ और बाद में तीन उम्मीदवार इसलिए उतारे हैं क्योंकि उसे क्रॉस वोटिंग का अंदेशा है. इसके अलावा एक वजह यह भी हो सकती है कि अगर किसी उम्मीदवार का पर्चा खारिज होता है तो उसे अनावश्यक रूप से सीटों का नुकसान न हो. इसके अलावा बीजेपी को यह भी उम्मीद हो सकती है कि थोड़ी-बहुत कोशिश से वह एक और सीट यूपी से निकाल सकती है. वजह कुछ भी हो बीजेपी के इस दांव से यूपी का राज्यसभा चुनाव रोचक हो चुका है.
बसपा को चाहिए 18 अतिरिक्त वोट
आंकड़ों के हिसाब से देखेंं तो 403 सदस्यों वाली यूपी विधानसभा में बसपा के 19 सदस्य हैं. अगर उसे सपा के 10 अतिरिक्त प्रथम वरीयता के वोट, कांग्रेस के सात और रालोद का एक वोट मिल जाए तो वह 37 वोट पाकर अपने राज्यसभा के उम्मीदवार को आसानी से जिता सकती है, लेकिन बीजेपी ने अपने तीन नए उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया है.
उधर, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजय सिंह लल्लू ने बताया कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हुए सलाह मशविरे के बाद तय किया गया कि चुनाव में बसपा उम्मीदवार को वोट देंगे. साथ ही उन्होंने कहा, 'हमने सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष ताकतों से हाथ मिलाने का फैसला किया है. हमने बसपा उम्मीदवार को मत देना तय किया है.' सपा, कांग्रेस के बीच हुए समझौते के मुताबिक उनकी पार्टी मध्यप्रदेश में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को इस शर्त पर समर्थन करेगी जब उसके सभी सात विधायक उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव में उनके प्रत्याशी को समर्थन करते हैं.