गुजरात में राज्यसभा सीट पर कांग्रेस फंसी, उम्मीदवार बदलने के बाद भी नामांकन में आई बड़ी बाधा
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गुजरात में राज्यसभा सीट पर कांग्रेस फंसी, उम्मीदवार बदलने के बाद भी नामांकन में आई बड़ी बाधा

कांग्रेस के घोषित उम्मीदवार राठवा के पास जरूरी कागजात न होने की वजह से राजीव शुक्ला को पर्चा दाखिल करने का निर्देश राहुल गांधी ने दिया है.

गुजरात से राज्यसभा के लिए कांग्रेस ने बदला अपना उम्मीदवार राठवा की जगह राजीव शुक्ला को नामांकन करने का आदेश

अहमदाबाद: राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने 9 उम्मीदवारों की लिस्ट रविवार रात जारी कर दी थी. लिस्ट में गुजरात से दो नाम दिए गए थे. पहला नाम था नारायण भाई राठवा का तो वहीं दूसरी सीट पर कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार के तौर पर आमि याग्निक पर दांव लगाया था. लेकिन सोमवार दोपहर गुजरात में कांग्रेस की राज्यसभा सीट का मामला फंस गया. सूत्रों के हवाले से खबर ये है कि कांग्रेस के घोषित उम्मीदवार राठवा के पास जरूरी कागजात न होने की वजह से राजीव शुक्ला को पर्चा दाखिल करने का निर्देश कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिया है.

  1. सोमवार दोपहर गुजरात में कांग्रेस की राज्यसभा सीट का मामला फंस गया
  2. कांग्रेस ने राठवा की जगह अब राजीव शुक्ला को मैदान में उतारा
  3. राजीव शुक्ला को गांधीनगर 3 बजे तक पहुंचना होगा

दोपहर 12 बजे के बाद कांग्रेस ने लिया यह फैसला
कांग्रेस ने अपनी लिस्ट अपडेट करते हुए नारायणभाई राठवा की जगह राजीव शुक्ला का नाम दिया है. जिसके बाद राजीव शुक्ला को नामांकन करने के लिए दिल्ली से गुजरात भेजा गया है. जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी ने करीब 12.15 बजे दोपहर में राजीव शुक्ला को फोन कर उन्हें नामांकन भरने के लिए कहा था.

राजीव शुक्ला के रास्ते में खड़ी है ये बड़ी अड़चन
लेकिन, समस्या ये है कि राजीव शुक्ला को गांधीनगर 3 बजे तक पहुंचना होगा और अहमदाबाद एयरपोर्ट फिलहाल बंद है. जानकारी के मुताबिक फिलहाल अहमदाबाद एयरपोर्ट पर सिर्फ कॉमर्शियल उड़ान पर रोक है. ऐसे में कोई चार्टर्ड प्लेन ही राजीव शुक्ला को 3 बजे के पहले गुजरात पहुंचा सकता है. हालांकि कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि अगर राजीव शुक्ला नहीं पहुंचते हैं तो तीसरे विकल्प की भी तैयारी है.

अहमद पटेल के करीबी हैं राठवा
गुजरात से कांग्रेस ने नारायण भाई राठवा और महिला उम्मीदवार आमि याग्निक पर दांव लगाया था. नारायण भाई राठवा यूपीए-1 की सरकार में रेल राज्य मंत्री थे, लेकिन 2014 का लोकसभा चुनाव वह हार गए थे. डॉक्टर नारायण भाई राठवा सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल के करीबी माने जाते हैं और माना जा रहा है कि टिकट उन्होंने ही दिलाया था. वहीं आमि याग्निक का नाम चौंकाने वाला है क्योंकि उन को टिकट मिल जाएगा इसकी उम्मीद गुजरात कांग्रेस के नेताओं को नहीं थी. याग्निक मीडिया पैनलिस्ट हैं और पेशे से वकील हैं. यहां से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी भी मजबूत दावेदार थे, लेकिन उनको लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कह दिया गया.

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