आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का लखनऊ से है कनेक्शन, 10 गिरफ्तार
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आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का लखनऊ से है कनेक्शन, 10 गिरफ्तार

लश्कर-ए-तैयबा का कोई सदस्य लाहौर से फोन और इंटरनेट के जरिए अपने नेटवर्क के सदस्यों के सम्पर्क में रहता था और वह उनसे फर्जी नाम से बैंक खाते खोलने के लिए कहता था.

आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का लखनऊ से है कनेक्शन, 10 गिरफ्तार

लखनऊ : पाकिस्तान का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की जड़ें अब भारत में भी तेजी से फैल रही हैं. यह आतंकी संगठन उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में अपनी पैठ जमा रहा है और यहां से बड़े पैमाने पर पैसों की उगाही भी कर रहा है. इस बात खुलासा खुद यूपी के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने किया है. एटीएस ने देश में आतंकवाद को फंडिंग कर रहे पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

  1. फंडिंग पर भारतीय एजेंटों को 10-20 प्रतिशत कमीशन
  2. निखिल राय के नाम से काम करता था मुशर्रफ अंसारी
  3. बड़ी संख्या में ATM कार्ड और 42 लाख रुपये बरामद

यूपी- एमपी से गिरफ्तारियां
एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरुण ने बताया कि उनकी टीम ने शनिवार को गोरखपुर, लखनऊ, प्रतापगढ़ और मध्य प्रदेश के रीवां में मारे गए छापों और पूछताछ के बाद 10 लोगों को गिरफ्तार किया. इन लोगों ने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के लिए टेरर फंडिंग में मदद का जुर्म कुबूल कर लिया है. इन गिरफ्तारियों पर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि कानून को अपने हाथ में लेने वाला कोई भी व्यक्ति प्रदेश में आजाद नहीं घूम पाएगा.

पकड़े गए लोगों संजय सरोज, नीरज मिश्रा, साहिल मसीह, उमा प्रताप सिंह, मुकेश प्रसाद, निखिल राय, अंकुर राय, दयानन्द यादव नसीम अहमद तथा नईम अरशद में से कुछ लोगों के तार सीधे तौर पर पाकिस्तान से जुड़े हैं.

मिलता था 20 फीसदी तक कमीशन
आईजी असीम अरुण ने बताया कि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कोई सदस्य लाहौर से फोन और इंटरनेट के जरिए अपने नेटवर्क के सदस्यों के सम्पर्क में रहता था और वह उनसे फर्जी नाम से बैंक खाते खोलने के लिए कहता था. वह बताता था कि कितना धन किस खाते में डालना है. इसके लिए इन भारतीय एजेंटों को 10 से 20 प्रतिशत कमीशन मिलता था. अभी तक एक करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन की बात सामने आई है.

टेरर फंडिंग
उन्होंने बताया कि अभी तक जो खुफिया जानकारी मिली है, उसके मुताबिक पकड़े गए लोगों के तार लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों से जुड़े हैं. उनमें से कुछ लोग इसे लॉटरी फ्रॉड मान रहे थे, जबकि कुछ को साफ मालूम था कि यह आतंकी फंडिंग है.

अरुण ने बताया कि गिरफ्तार किए गए निखिल राय का नाम जांच में गलत पाया गया है. उसका नाम मुशर्रफ अंसारी है और वह कुशीनगर का रहने वाला है. इस मामले में उसकी भूमिका की गहन जांच हो रही है. उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होगी कि जिस धन का लेन-देन हुआ, वह किसके खाते में गया. इस मामले में सम्बन्धित बैंक कर्मियों की भूमिका की भी जांच होगी और जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. सम्पूर्ण प्रकरण की विस्तृत जांच की जाएगी और भविष्य में कुछ और गिरफ्तारियां होंगी.

उन्होंने बताया कि पकड़े गए लोगों के कब्जे से बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड, लगभग 42 लाख रुपये नकद, छह स्पैव मशीन, मैग्नेटिक कार्ड रीडर, तीन लैपटॉप, एक देसी पिस्तौल और 10 कारतूस, बड़ी संख्या में अलग-अलग बैंकों की पासबुक इत्यादि बरामद की गई हैं.

(इनपुट भाषा से)

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