उन्होंने कहा कि भारतीय रुपये कीमत भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिर रही है, फिर भी केंद्र जनता की परेशानी से विचलित नहीं है.
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नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती ने 10 सितम्बर को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर भारत बंद पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर निशाना साधा. लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश की लगभग सवा सौ करोड़ जनता में त्राहि-त्राहि मची है. केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय रुपये कीमत भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिर रही है, फिर भी केंद्र जनता की परेशानी से विचलित नहीं है.
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए-2 में पेट्रोल को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का फैसला किया गया. बीजेपी ने केंद्र की नीतियों को आगे बढ़ाते हुए डीजल को भी सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया, जिससे महंगाई बढ़ी गई. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार के इस तर्क के पक्ष में भी नहीं है कि तेल कीमतों का नियंत्रण उसके पक्ष में नहीं है.
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उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों को सरकारी नियंत्रण में कर सकती है. मायावती ने कहा कि केंद्र को पेट्रोल और डीजल को जल्द से जल्द सरकारी नियंत्रण में लेकर आना चाहिए और कुछ सख्त से सख्त नीति बनाकर पेट्रोल-डीजल कंपनियों की मनमानी को रोकना चाहिए.
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा सरकार पूंजीपतियों धन्नासेठों को बिल्कुल भी नाराज नहीं करना चाहती है, क्योंकि उनके धन-बल पर वो केंद्र सत्ता में आई है. मायावती ने कहा कि बीजेपी कांग्रेस के नक्शे कदम पर चल रही है. अपने 5 सालों के पूरे कार्यकाल पूरे करते-करते भ्रष्टाचार से घिरी हुई नजर आती है जैसे यूपीए-2 भ्रष्टाचार में घिरी हुई नजर आती थी.
बसपा गरीब किसानों वह मजदूरों की हितेषी पार्टी है. खेती-किसानी भी महंगी हो गई है. उन्होंने कहा कि भारत बंद के दौरान बीजेपी शासित राज्यों में कुछ आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया गया, बसपा इसकी सख्त निंदा करती है. इस दौरान उन्होंने नई भूमि अधिग्रहण नीति का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नई भूमि अधिग्रहण नीति भी जबरदस्ती देश में थोपने की कोशिश की गई इसलिए भूमि अधिग्रहण नीति पर केंद्र को विरोध झेलना पड़ा है.