पापा से जिदकर पायलट बनी थी मारिया, मुंबई चार्टर्ड प्लेन क्रैश में गवां बैठी जान
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पापा से जिदकर पायलट बनी थी मारिया, मुंबई चार्टर्ड प्लेन क्रैश में गवां बैठी जान

मारिया की मां फरीदा जुबैरी ने बताया कि करीब 20 दिन पहले वो घर पर आई थी और पांच दिन बाद वो वापस मुंबई लौट गई थी. 

तीन बहनों और एक भाई में मारिया सबसे बड़ी थी.

नई दिल्ली/इलाहाबाद: मुंबई में हुए चार्टर्ड प्लेन हादसे में को-पायलट मारिया जुबेरी की भी मौत हो गई है. मारिया ने अपनी जान देकर एक बड़े हादसा होने से बचा लिया. मारिया उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद की रहने वाली थीं. उनके माता-पिता इलाहाबाद के रानी मंडी मोहल्ले में रहते हैं और मारिया का बचपन भी यहीं बीता है. जैसे ही परिवार को हादसे की सूचना मिली. घर में मातम छा गया. वहीं, मारिया के घर पर ढांढस बधाने वालों का तांता लगा हुआ है. मारिया की मां फरीदा जुबैरी ने बताया कि करीब 20 दिन पहले वो घर पर आई थी और पांच दिन बाद वो वापस मुंबई लौट गई थी. मारिया ने इलाहाबाद के क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज और सेंट मेरीज कालेज के साथ ही इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद रायबरेली के इंदिरा गांधी उड़ान एकेडमी से पायलट की ट्रेनिंग पूरी की थी.

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दो दिन पहले हुई थी फोन पर बात  
परिजनों को प्लेन क्रैश में मारिया की मौत पर अब भी विश्वास नहीं हो रहा है. उनकी मां के मुताबिक बीस दिन पहले ही मारिया इलाहाबाद आई थी. पांच दिन घर पर रहकर वापस मुम्बई गई थी. मारिया की मां ने बताया कि मंगलवार (26 जून) को कुछ घंटों पहले ही उनकी मारिया से फोन पर बात हुई थी और उन्होंने मां को मुम्बई भी बुलाया था. 

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काश! उसकी जिद्द न मानी होती 
मारिया के पिता इकबाल हसन जुबेरी पेशे से डॉक्टर हैं. तीन बहनों और एक भाई में मारिया सबसे बड़ी थी. बड़ी होने की वजह वे सबसे लाडली भी रही. मारिया की मां ने बताया कि पिता डॉक्टर है, इसलिए वो मारिया को भी डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन मारिया ने बचपन से ही पायलट बनने की जिद ठान रखी थी. मारिया की मां ने बताया कि बचपन में प्लेन की आवाज सुनते ही वो भागकर छत पर चढ़ जाती थी और उसे देर तक देखती रहती थी. उसकी जिद्द की वजह से उसके पिता ने उसकी बात मानी और उसे पायलट बनने के लिए रायबरेली के इंदिरा गांधी उड़ान एकेडमी भेज दिया. 

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18 साल पहले हुई थी शादी
मारिया की शादी 18 साल पहले रायबरेली के आमिर रिजवी के साथ हुई थी. शादी के बाद वो मुंबई शिफ्ट हो गईं थीं. मारिया की 15 साल की एक बेटी भी है, जिसने एक दिन पहले ही कॉम्पिटीशन में गोल्ड मेडल जीता था. मारिया के परिजनों ने बताया कि वो अपनी बेटी से बहुत प्यार करती थीं.

ब्लैक बाक्स से होगा विमान हादसे का खुलासा
विमान से बरामद किए गए ब्लैक बाक्स से दुर्घटना का खुलासा होगा. ब्लैक बाक्स विमान के उड़ान के दौरान सभी अहम रिकार्ड को सुरक्षित रखता है और पायलट के आखिरी संवाद अगर दुर्घटना से पहले के पायलट के आखिरी संवाद भी इसमें रिकॉर्ड हो जाता है. इसके जरिए विमान दुर्घटना के मुख्य कारण का पता चल सकेगा. ब्लैक बाक्स के दो हिस्से होते हे जिसमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और कॉकपिट वाइस रिकॉर्डर (सीवीआर) का समावेश है.

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