को-पायलट के पति ने मीडिया को बताया कि अंतिम बार उनकी अपनी पत्नी से क्या बात हुई थी.
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नई दिल्ली : मुंबई के घाटकोपर इलाके में हुए KING AIR C-90 एयरक्राफ्ट क्रैश हादसे में बड़ा खुलासा हुआ है. इस विमान की को पायलट के पति ने हादसे के लिए एविएशन कंपनी यूवी एविएशन को जिम्मेदार ठहराया है. बता दें कि इस हादसे फ्लाइट के पायलट कैप्टन प्रदीप राजपूत, को-पायलट मारिया जुबेरी, इंजीनियर सुरभि बृजेश कुमार गुप्ता, टेकनिशियन तेजपाल पांडे और एक पदयात्री गोविंद पंडित की मौत हो गई है. घटना स्थल पहुंचे डीजीसीए के अधिकारियों को प्लेन का वॉयस रिकॉर्डर सिस्टम मिल गया है जिससे हादसे की कड़ियां जोड़ने में मदद मिलेगी. कभी यह विमान उत्तर प्रदेश सरकार का था और उसे यू वी एविएशन को बेच दिया गया था.
इस हादसे मारी गईं फ्लाइट की को-पायलट मारिया जुबेरी के पति, पी कुथरिया ने मीडिया के सामने आकर कहा कि मौसम खराब होने के कारण उन्हें प्लेन उतारना पड़ा. कुथरिया ने कहा, 'दुर्घटना को टाला जा सकता था, मारिया ने मुझे बताया था कि खराब मौसम के कारण फ्लाइट नहीं उड़ाई जा सकती है. एविएशन कंपनी इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार है.'
The incident could have been averted. Maria had told me that the flight won't be flown due to bad weather. The aviation company is responsible for this unfortunate incident: P Kuthariya, Husband of pilot killed in chartered plane crash in Mumbai earlier today pic.twitter.com/1i1TwDA7Yx
— ANI (@ANI) June 28, 2018
गौरतलब है कि 12 सीटों वाले इस विमान ने जुहू एयरपोर्ट से टेस्ट फ्लाइट के तौर पर उड़ान भरी थी. उड़ान भरने के बाद यह विमान सिर्फ एक नॉटिकल माइल की दूरी ही तय कर पाया था, तभी विमान के पायलट ने विमान से कंट्रोल खो दिया.
सूत्रों के अनुसार इस विमान को जिस दिशा में जाना था, उस दिशा पर न जाकर वह दूसरी दिशा में चला गया. जिसको देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि हादसे के दौरान पायलट का विमान में कंट्रोल नहीं था. गलत दिशा की तरफ मुड़ते ही विमान की ऊंचाई कम होने लगी और वह निर्माणाधीन इमारत पर गिरकर क्रैश हो गया.
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए हादसे की असल वजह जानने के लिए एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB) की टीम मुंबई के लिए रवाना कर दी गई है. इसके अलावा डीजीसीए को भी हादसे के कारणों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं.
मंत्रालय के अनुसार हादसे का शिकार हुआ किंग एयर सी-90 एयरक्राफ्ट यूवाई एविएशन प्राइवेट कंपनी का था. 2014 में VT-UPZ रजिस्ट्रेशन वाले इस एयरक्राफ्ट को यूवाई एविएशन ने उत्तर प्रदेश सरकार से खरीदा था. इस विमान ने गुरुवार दोपहर जुहू एयरपोर्ट से बतौर टेस्ट फ्लाइट उडान भरी थी.
एयरक्राफ्ट में दो पायलट के अलावा दो AME स्टाफ भी मौजूदा था. हादसे में विमान में सवार चारों एयरलाइंस कर्मियों की मृत्यु हो गई है. इसके अलावा, हादसे के दौरान एयरक्राफ्ट घाटकोपर की जिस निर्माणाधीन इमारत पर गिरा, वहां पर एक शख्स मौजूदा था. इस शख्स की भी हादसे में मृत्यु हो गई है.
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विमानन मंत्री ने दिए जांच के आदेश
मुंबई के घाटकोपर इलाके में हुए एयरक्राफ्ट क्रैश की घटना पर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने शोक व्यक्त किया है. विमानन मंत्री ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर सभी संभव मदद उपलब्ध कराने के लिए कहा है. इसके अलावा, विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन के अधिकारियों को एयरक्रैश मामले की सघन जांच के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने बताया कि डीजीसीए की टीम मुंबई के लिए रवाना हो चुकी है. डीजीसीए की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो के अधिकारी इस हादसे के कारणों की जांच करेंगे.
दोपहर डेढ़ बजे हुआ हादसा
वहीं इस हादसे के बाबत मुंबई दमकल विभाग का कहना है कि यह हादसा घाटकोपर टेलीफोन एक्सचेंज के करीब ओल्ड मणिकलाल लेन में हुआ है. उन्हें हादसे के बाबत दोपहर करीब 1:37बजे हादसे की सूचना मिली थी. जिसके बाद मौके पर तीन फायर इंजन, एक जंबो वाटर टैंकर, दो फायर हाउज लाइन जेट सहित अन्य दमकल उपकरणों को मौके के लिए रवाना कर दिया गया. मौके पर पहुंची टीम ने पाया कि चाटर्ड प्लेट एक निर्माणाधीन इमारत पर गिरा था. दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया और मौके से बरामद किए गए शवों को राजावाडी अस्पताल भेज दिया गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी जताया दुख
उत्तर प्रदेश सरकार में विमानन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ने एयरक्राफ्ट क्रैश में पांच लोगों की मौत पर दुख जताते हुए परिवार के साथ संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने VT-UPZ एयरक्राफ्ट को 2014 तक इस्तेमाल किया था. इसके बाद, इस विमान को मुंबई की यूवाई एविएशन प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया था. मौजूद समय न ही उत्तर प्रदेश सरकार के पास इस विमान का मालिकाना हक है और न ही वह उसका परिचालन कर रहे हैं.