बेबाक बयानबाजी से अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी को खुली चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि मैं किसी कार्रवाई से डरने वाला नहीं हूं.
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वाराणसी: बेबाक बयानबाजी से अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी को खुली चुनौती दी है. ओमप्रकाश राजभर पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे द्वारा कार्रवाई की बात कहे जाने पर भड़के मंत्री ने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि वह कार्रवाई ना करें. मैं किसी कार्रवाई से डरने वाला नहीं हूं. राजभर ने कहा कि कार्रवाई का असर लोकसभा चुनाव के बाद दिखेगा. बीजेपी के नेताओं द्वारा जिन्ना के समर्थन में बयान दिए जाने पर राजभर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जहां रहते हैं, उनकी भाषा बोलते हैं. कल तक उनके लिए बाबा साहेब महान थे, और अब जिन्ना और नेहरू. बाबा रामदेव पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ बना लिए हैं, वह सरकार का समर्थन नहीं करेंगे तो कौन करेगा?
पहले अपने सांसद सावित्री बाई फुले को ठीक करें- राजभर
राजभर आगे कहते हैं, मेरे खिलाफ कार्रवाई करने से पहले वे बहराइच से पार्टी की सांसद सावित्री बाई फुले को ठीक कर लें. मीडियाकर्मियों ने जब उनसे पूछा कि उनकी पार्टी के नेता शराबबंदी की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं. जवाब में राजभर ने कहा कि मैं पिछड़ों के लिए हमेशा लड़ता रहूंगा. हमारी सरकार से कोई डिमांड नहीं है. न तो हम सड़क की ठेका मांग रहे हैं, और न ही बालू का पट्टा मांग रहे हैं. मेरी यही मांग है कि पिछड़ों के आरक्षण को तीन कैटेगरी में बांटकर- पिछड़ा, अति पिछड़ा और सर्वाधिक पिछड़ा बना दिया जाए. अगर सरकार को यह बात बुरी लग रही है तो मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.
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मैं हर हाल में हक की लड़ाई लड़ूंगा- राजभर
ओमप्रकाश राजभर के आंदोलन से बीजेपी डरेगी? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी बहुत बड़ी पार्टी है, मेरी छोटी पार्टी है. बीजेपी अपना काम कर रही है और मैं अपना काम कर रहा हूं. हम हक की बात करते हैं कि पिछड़ों और दलितों को उनका हक मिले. अगर हक मांगना गलत है तो हम गलत हैं. अगर बीजेपी मेरे खिलाफ या पार्टी के खिलाफ कार्रवाई करती है तो मैं उसका भी स्वागत करता हूं. पिछड़ों और दलितों के हक की लड़ाई के लिए मुझे जो सजा मिले, वह मंजूर है. राजभर ने साफ-साफ कहा कि वे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, इसलिए अपनी पार्टी के बारे में पहले सोचूंगा.
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बीजेपी नेता दलित जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनते हैं
पार्टी के भीतर दलित सांसदों और विधायकों की स्थिति को लेकर राजभर ने कहा कि हम किस फोरम पर अपनी बात जाकर कहें? सांसद सावित्री बाई फुले से पूछिए कि वे क्यों बगावत पर उतर आई हैं? वे तो हमारी पार्टी की नहीं है. सावित्री बाई फुले द्वारा दलितों और पिछड़ो के मुद्दे को लेकर लोकतंत्र खतरे में पड़ने के सवाल पर कहा कि अब उनको इसका अहसास हो रहा है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के तल्ख टिप्पणी को लेकर राजभर ने कहा कि वे पिछड़े और दलितों से जुड़ी सभी समस्याओं से महेंद्र नाथ पांडे को रूबरू कराएंगे. जब तक उन्हें इसकी जानकारी नहीं होगी, तब तक उन्हें ये सब नागवार लग रहा है. वे सत्ता में हैं. वे कोई भी फैसला ले सकते हैं, लेकिन 2019 चुनाव के बाद उन्हें तमाम फैसलों के नुकसान का पता चलेगा.