सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय लोकदल ने छह सीटों की मांग की है जबकि महागठबंधन द्वारा दो से तीन सीटें देने की बात चल रही है.
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नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा के संभावित गठबंधन के बीच राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष अजित सिंह ने सीट-शेयरिंग के मसले पर कहा कि हम भी इसका हिस्सा हैं लेकिन अभी सीटों पर चर्चा नहीं हुई है. कांग्रेस को महागठबंधन में शामिल करने के मसले पर अजित सिंह ने कहा कि ये मायावती और अखिलेश तय करेंगे कि कांग्रेस इसका हिस्सा होगी या नहीं. इस बीच यूपी में सपा-बसपा महागठबंधन की शनिवार को होने वाली साझा प्रेस कांफ्रेस के लिये राष्ट्रीय लोकदल को इसमें शामिल होने का न्यौता नहीं मिला है. हालांकि पार्टी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी कल राजधानी लखनऊ में रहेंगे और संभवत: बाद में मायावती और अखिलेश यादव से मुलाकात भी कर सकते हैं.
रालोद ने मांगी छह सीटें
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय लोकदल ने छह सीटों की मांग की है जबकि महागठबंधन द्वारा दो से तीन सीटें देने की बात चल रही है. रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने बताया कि पार्टी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी कल शनिवार को लखनऊ आ रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें महागठबंधन के नेताओं की साझा प्रेस कांफ्रेस में आने का न्यौता नहीं मिला है. अगर न्यौता मिलता है तो वह प्रेस कांफ्रेस में जरूर जायेंगे.
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सूत्रों के अनुसार, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के इस महागठबंधन में रालोद को दो से तीन लोकसभा सीटें देने पर विचार किया जा सकता है. इससे पहले मंगलवार को रालोद के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनके कार्यालय में मुलाकात भी की थी.
अहमद ने बुधवार को कहा था, 'पार्टी महागठबंधन का हिस्सा है और पार्टी नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव में छह सीटों की मांग की है, यह सीटें है बागपत, मथुरा, मुजफ्फरनगर, हाथरस, अमरोहा और कैराना.' उन्होंने कहा कि कैराना लोकसभा सीट तो रालोद के पास पहले ही है अब पांच सीटों की और मांग की गई है. इस बारे में फैसला पार्टी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव तथा बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच बातचीत के बाद तय होगा.
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सपा कार्यालय में मंगलवार को अखिलेश से मुलाकात के बाद रालोद उपाध्यक्ष चौधरी ने कहा था कि अखिलेश के साथ राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा हुई. उनसे पूछा गया था कि क्या गठबंधन में रालोद को मिलने वाली सीटों पर भी चर्चा हुई इस सवाल को उन्होंने टालते हुये कहा कि 'सीटों की बेचैनी मीडिया को है, सारी बाते साफ होंगी, सस्पेंस बनायें रखें.' लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन के सवाल को वह टाल गये थे.
सपा-बसपा की कल साझा प्रेस कांफ्रेस
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती कल शनिवार दोपहर को एक साझा पत्रकार वार्ता करेंगे. माना जा रहा है इसमें लोकसभा चुनावों में महागठबंधन की सीटों को लेकर घोषणा हो सकती है. इस आशय की जानकारी शुक्रवार सुबह बसपा के महासचिव सतीश मिश्रा और सपा सचिव राजेंद्र चौधरी ने एक साझा बयान में दी. यह पत्रकार वार्ता शनिवार दोपहर शहर के पांच सितारा होटल में आयोजित होनी है. हाल ही में दोनों दलों के नेताओं ने दिल्ली में भेंट कर लोकसभा चुनावों में महागठबंधन के स्वरूप पर चर्चा की थी.
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सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों में से सपा और बसपा की योजना 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ने की है. इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को भी दो या तीन सीटें देने की चर्चा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सीट अमेठी और सोनिया गांधी की सीट रायबरेली पर महागठबंधन अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगा.
निषाद पार्टी को भी महागठबंधन में शामिल किया जा सकता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 80 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने 73 सीटें जीती थीं और इस बार उसके नेता 73 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं. बसपा-सपा और रालोद ने साथ मिलकर उपचुनाव लड़ा था जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट और उप मुख्यमंत्री की फूलपुर सीट से सपा प्रत्याशियों को जीत मिली थी. जबकि कैराना सीट पर रालोद प्रत्याशी ने भाजपा से यह सीट छीनी थी.
बसपा सुप्रीमो मायावती गुरुवार शाम दिल्ली से लखनऊ पहुंची. पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि वह 15 जनवरी को अपने जन्म दिन के दिन महागठबंधन की साझा प्रेस कांफ्रेंस कर सकती है लेकिन अब जन्म दिन के तीन दिन पहले ही इस प्रेस कांफ्रेस का आयोजन किया जा रहा है.
(इनपुट: एजेंसियां)