ओमप्रकाश राजभर ने पहले भी दिए हैं विवादित बयान. यूपी के कैबिनेट मंत्री और सुभासपा के अध्यक्ष हैं राजभर.
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बलिया : यूपी के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सोमवार को फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने रसड़ा स्थित अपने कार्यालय में कहा कि देश में एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज किए जाने वाले आधे मुकदमे फर्जी होते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर ने संविधान में कहीं भी इस एक्ट के दुरुपयोग के बारे में नहीं लिखा है. उन्होंने यह भी कहा कि बाबा साहेब किसी एक व्यक्ति के नहीं हैं, वह सबके हैं. राजभर ने एससी/एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर देश में हुए विरोध प्रदर्शन पर कहा कि बाबा साहेब ने कभी नहीं कहा कि बाबा साहेब ने किसी से नहीं कहा कि वे सड़क पर तांडव करे. उनके इस बयान से सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. बता दें ओमप्रकाश राजभर ने हाल ही में शराब बंदी के समर्थन में कहा था यादव और राजपूत सबसे अधिक शराब पीते हैं. उन्होंने शराब को उनका पुश्तैनी कारोबार बताया था.
घर पर फेंके गए थे अंडे और टमाटर
बता दें ओमप्रकाश राजभर के यादव और राजपूत पर दिए बयान के बाद नाराज सपा कार्यकर्ताओं ने उनके आवास पर अंडे और टमाटर फेंके थे. इसी के साथ ही सपा कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारेबाजी भी की थी. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ओमप्रकाश राजभर के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शनिवार को ट्वीट कर उनपर निशाना साधा था. उन्होंने ट्वीट में लिखा था 'केवल शराब ही क्यों, गांजा-चिलम, ताड़ी, तंबाकू, चरस, अफीम की पुडि़या और अहंकार के खिलाफ भी आंदोलन होना चाहिए. ये नशे भी तो खूब चल रहे हैं'. उन्होंने आगे लिखा 'नशा लोग करते हैं, कोई जाति नहीं'.
शराब को बताया था पुश्तैनी कारोबार
शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे यूपी कैबिनेट मंत्री राजभर ने उत्तर प्रदेश में शराबबंदी को लेकर आवाज बुलंद की थी. उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा था कि यादव और राजपूत बिरादरी सबसे ज्यादा शराब पीती है क्योंकि ये उनका पुश्तैनी कारोबार है. कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि इस समय सबसे ज्यादा आरोप तो राजभर के ऊपर हैं पर सबसे ज्यादा शराब यादव पीता है, राजपूत भी पीता है क्योंकि ये उसका पुश्तैनी कारोबार है, उसको पीने का शौक है. इसके बाद उन्होंने संभलते हुए कहा था कि ऐसा नहीं है, सभी जाति के लोग शराब पीते हैं.