सिपाही की बेटी शाइस्ता कैसे बनी क्राइम क्वीन, अतीक अहमद के बाद बेटे को उमेश पाल हत्याकांड से गुनाह की दुनिया में झोंका
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सिपाही की बेटी शाइस्ता कैसे बनी क्राइम क्वीन, अतीक अहमद के बाद बेटे को उमेश पाल हत्याकांड से गुनाह की दुनिया में झोंका

Atique Ahmed Wife: 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या और बमबाजी ने दुस्साहस की नई पटकथा लिखी गई...इसकी परतें जैसे-जैसे खुल रही हैं, वैसे-वैसे नकाब के पीछे छिपे रहने वाले एक चेहरे से भी परदा उठ रहा है और यह सामने आ रहा है कि अपराध जगत में उसका कैसा दखल रहा है....

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विशाल सिंह/लखनऊ: यूपी की क्राइम की दुनिया में लंबे समय बाद एक नई ‘क्वीन’ उभरी है जिसने मुश्किल में घिरे अपने पति की सल्तनत की बागडोर अपने हाथ में ली है. उसका नाम है शाइस्ता परवीन..जी हां माफिया अतीक अहमद की बीवी...शाइस्ता परवीन को पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड का न केवल आरोपी बनाया है, बल्कि उस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी रखा है.  सियासत के गलियारों में अतीक अहमद की मौजूदगी में नकाब में प्रचार के लिए निकलने वाली शाइस्ता अब उसकी अपराध की विरासत भी संभाल रही है. आइए जानते हैं कि अतीक की पत्नी कहां की है और कहां से शुरुआती तालीम हासिल की. 

नकाब के पीछे अपराध की दुनिया में दखल, संभाला साम्राज्य
पुलिस की जांच में दावा किया गया है कि अतीक और अशरफ के जेल में होने के बावजूद शाइस्ता ने उमेश पाल से जुड़ी साजिश को अंजाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. घटना को जैसे अंजाम दिया गया, उससे पुलिस भी सकते में है. कहा जा रहा है कि वारदात के बाद शाइस्ता ने खुद अपने हाथों से सभी शूटर्स को 50-50 हजार रुपये देकर रवाना किया. बेटे असद और बाकी शूटर्स के भागने के बाद वह खुद शहर में मौजूद रही. जब हत्या कराने के आरोप अतीक पर लगे तो उसने उनका खुलकर विरोध किया.  लेकिन जैसे ही उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने उसे एफआईआर में नामजद किया, वह अंडरग्राउंड हो गई.  पुलिस अभी उसे पकड़ नहीं पाई है. 

Graduation तक पढ़ी है शाइस्ता 
10 वीं पास माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता ने ग्रैजुएशन तक पढ़ाई की है. उसकी शुरुआती पढ़ाई प्रयागराज में हिम्मतगंज के किदवई गर्ल्स इंटर कॉलेज से हुई.  एक जुलाई 1972 को जन्मी शाइस्ता के पिता मोहम्मद हारून यूपी पुलिस में कॉन्सटेबल थे. वह मूलरूप से प्रयागराज के धूमनगंज दामूपुर के रहने वाले हैं.  हारून लंबे समय तक प्रतापगढ़ में ही तैनात रहे.  हालांकि रिटायर होने के बाद वह खुल्दाबाद के चकिया में घर बनाकर रह रहे हैं. दो भाइयों और चार बहनों में शाइस्ता सबसे बड़ी थी. जब अतीक अहमद माफिया से माननीय बनकर अपनी दहशत का राज बना रहा था, उसी दौरान साल 1996 में अतीक और शाइस्ता का निकाह हुआ. अतीक और शाइस्ता के पांच बेटे हैं जिनमें से अली और उमर जेल में हैं.  तीसरा बेटा असद आज यूपी के टॉप वॉन्टेड में से एक है और पांच लाख रुपये का इनामी है. दो नाबालिग बेटों को बाल सुधार गृह में रखा गया है.

पुलिसवालों के बीच बीता बचपन
शाइस्ता का बचपन पुलिसवालों के ही बीच बीता, इसलिए वह पुलिस के पैंतरों से भी काफी हद तक वाकिफ है. उसका एक ननदोई सब इंस्पेक्टर है और अभी वाराणसी में तैनात है. शाइस्ता लखनऊ में उसके घर पर अक्सर रुका करती थी. इसके अलावा पुलिस ने 20 से ज्यादा ऐसे लोगों को चिन्हित किया है, जो शाइस्ता के करीबी मददगार हैं.  इसमें वकील, डॉक्टर, प्रयागराज के बड़े बिल्डर, अपराधी और पुलिसकर्मी शामिल हैं. इन सभी के खिलाफ पुलिस जांच कर रही है.  कुछ को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है लेकिन जुर्म की दुनिया की क्वीन बनी शाहिस्ता परवीन फिलहाल पुलिस के शिकंजे से दूर है.

शाइस्ता का भाई भी अतीक अहमद के गैंग आईएस-227 का सक्रिय सदस्य 
शाहिस्ता का भाई जकी अहमद भी माफिया अतीक अहमद के पंजीकृत गैंग आईएस- 227 का सक्रिय सदस्य है. इस समय वह लखनऊ जेल में बंद है.  उमेश पाल हत्याकांड में साजिशकर्ता के रूप में नामजद शाइस्ता के खिलाफ यह पहला आपराधिक मामला नहीं है.  उसके खिलाफ तीन और मुकदमे हैं, जो साल 2009 में दर्ज हुए थे। इनमें धोखाधड़ी, जालसाजी और आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर आरोप हैं.  इन तीनों ही मुकदमों में पुलिस ने शाइस्ता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है.

अतीक के जेल जाने के बाद किया राजनीतिक मंच तैयार
पति और देवर के जेल जाने के बाद शाइस्ता उनकी बनाई दहशत की जमीन के सहारे अपना राजनीतिक मंच तैयार करने में जुटी थी. इस दौरान उसने पति के संपर्कों के जरिए पहले समाजवादी पार्टी और फिर ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से जुड़ने का प्रयास किया. लेकिन बात नहीं बनी.  हालांकि निकाय चुनावों की घोषणा के पहले शाइस्ता ने 5 जनवरी को प्रयागराज में मायावती की बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ले ली.  उसे मेयर के टिकट का वादा किया गया, इसलिए वह चुनावी तैयारी में भी जुट गई.  इसी बीच प्राथमिकता बदली और अतीक गैंग उमेश पाल को ठिकाने लगाने में जुट गया.

अपने हाथ में ली धंधे की बागडोर 
शाइस्ता ने हत्या की साजिश में अतीक से जुड़े हर उस व्यक्ति को शामिल किया, जो कहीं भी कुछ काम आ सकता था. फिर चाहे वह घर के काम करने वाला नौकर हो या फिर ड्राइवर या उनके परिवार से जुड़े लोग.  जैसे-जैसे हत्याकांड की परतें खुलनी शुरू हुईं तो पुलिस ने देखा कि ऐसा कोई बचा नहीं, जो इस साजिश का हिस्सा न बना हो. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, अतीक और अशरफ के जेल जाने के बाद शाइस्ता ने उनके जमीन से जुड़े धंधे की बागडोर भी अपने हाथ में ले ली. कहां किसे कितना समझाना है, किसे रास्ते से हटाना है, यह उसे अच्छी तरह मालूम था. जमीनों से जुड़ी हत्याओं में भी पुलिस शाइस्ता की भूमिका की जांच कर रही है. 

शूटरों के साथ शाइस्ता
अतीक के जेल जाने के बाद उसके खास गुर्गे और शूटर अधिकतर शाइस्ता के आसपास ही मौजूद रहते हैं. कई वीडियो पुलिस के हाथ लगे हैं जिनमें अतीक के शूटर उसके आस-पास मौजूद नजर आ रहे हैं.  इनमें से ज्यादातर वे शूटर हैं, जो उमेश पाल हत्याकांड में शामिल थे.

नकाब में छिपी है शाइस्ता, पुलिस की पकड़ से दूर
शाइस्ता को पकड़ने में पुलिस को इसलिए भी मुश्किलें आ रही हैं क्योंकि उसकी ज्यादातर फोटो नकाब में हैं. घर के लोगों और बहुत कम करीबियों ने ही उसके चेहरे को देखा है. पुलिस के पास उसके खुले चेहरे की जो एकाध फोटो हैं, वे ज्यादा साफ नहीं हैं. अतीक से जुड़े ज्यादातर लोग या तो जेल में हैं या फरार हैं, इसलिए उसकी पहचान के लिए पुलिस तेलियरगंज की एक महिला डॉक्टर के संपर्क में है.  शाइस्ता को पुलिस कौशाम्बी, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, दिल्ली, ओखला, मुम्बई और पश्चिम बंगाल में खास तौर पर तलाश रही है. इन जगहों पर उसके छिपे होने की आशंका जताई जा रही है.

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