UP Lok Sabha Chunav 2024: दिलचस्प सीट मछलीशहर, लोकसभा चुनाव में महज 181 वोट से हारने वाला विपक्ष क्या लौटेगा?
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UP Lok Sabha Chunav 2024: दिलचस्प सीट मछलीशहर, लोकसभा चुनाव में महज 181 वोट से हारने वाला विपक्ष क्या लौटेगा?

Machhlishahr Lok Sabha Chunav 2024: पिछड़ों और दलितों की संख्या मछली शहर लोकसभा सीट पर सबसे अधिक है, इतना की ये किसी भी उम्मीदवार की जीत हार को तय कर सकते हैं. पिछड़ों में यादवों की संख्या बाकी की जातियों से बहुत अधिक है. 2011 की जनसंख्या के मुताबिक इस तरह का आंकड़ा है.

Machhalishahr Lok Sabha Seat

Machhlishahr Lok Sabha Chunav 2024: उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख नगर मछलीशहर महत्वपूर्ण व्यापारिक जगह भी है. जोकि 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक है. मछलीशहर तहसील है और लोकसभा सीट के तौर पर इस सीट को एक सुरक्षित सीट माना जाता है. जिसके अतर्गत पांच विधानसभा आती हैं. आइए इस लोकसभा चुनाव से पहले मछलीशहर लोकसभा सीट के बारे में विस्तार से जान लेते हैं. मछलीशहर बीजेपी ने बीपी सरोज को एक बार फिर टिकट दिया है. इस सीट से 2019 लोकसभा चुनाव में कांटे की टक्कर थी. बीजेपी प्रत्याशी बीपी सरोज यहां 181 वोट से चुनाव जीते गए थे. 

181 वोट से मिली हार 
वाराणसी और जौनपुर की विधानसभा सीटों को मिलाकर मछलीशहर लोकसभा सीट बनाई गई और पिछले चुनाव में यानी साल 2019 में हुए चुनाव में सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला यहीं पर देखा गया. सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार टी राम को बीजेपी के बीपी सरोज ने केवल 181 वोट से हराया था. पीएम मोदी के संसदीय सीट वाराणसी जिले की पिंडरा सीट पर लीड मिली जिसके कारण बीजेपी जीत पाई. हालांकि इस बार विपक्ष थोड़ा और जोर लगाकर जीतना जरूर चाहेगा. हालांकि टी राम अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं और वाराणसी की अजगरा सीट से विधायकी भी जीत चुके है. इस तरह बीजेपी को किसी नये चेहरे से मुकाबले में सीट पर उतरना पड़ेगा. 

दशक से कांग्रेस की जीत होती रही
पहली बार 1962 में मछलीशहर लोकसभा सीट के रूप में उभरी. इस लोकसभा सीट को जौनपुर जिले के मछलीशहर, मड़ियाहू, जफराबाद, केराकत के साथ ही वाराणसी जिले की पिंडरा विधानसभा को मिलाकर गठन किया गया. अनुसूचित जाति के लिए मछलीशहर और केराकत विधानसभा को आरक्षित किया गया है. साल 1962 में यहां के पहले  कांग्रेस के गणपत ने चुनाव लड़कर जनसंघ के महादेव को मात दी थी. साल 1977 में कांग्रेस जीत से रोकने के लिए भारतीय लोकदल के राजकेशर सिंह उतरे और जीत भी गए. कांग्रेस के नागेश्वर दिवेदी को हराया, हालांकि एक दशक से यहां पर कांग्रेस की जीत होती रही और इस पुरानी पार्टी से श्रीपति 1984 में आखरी बार सांसद चुने गए. लोकदल के शिव शरण की हार हुई और फिर इस सीट पर कांग्रेस लौट पाए.

साल 2019 के चुनाव में बीजेपी जीती 
जब देश में राम मंदिर मुद्दा उफान पर था तब बीजेपी हारी थी. साल 1989 के चुनाव में कांग्रेस के श्रीपति मिश्रा को जनता दल के शिवशरण वर्मा ने मात दिया. साल 1991 में शिवशरण ने बीजेपी के राजकेशर सिंह मात दिया. 1996 में बीजेपी के राम विलास वेदांती की जीत हुई. 1998 में सपा के हरवंश सिंह को बीजेपी के स्वामी चिन्मयानंद ने हराया था. बसपा ने साल 2004 में उमाकांत यादव को चुनावी मैदान में उतारा सपा के सीएम सिंह को उन्होंने मात दी. इस तरह इस सीट पर पार्टी का खाता खुल पाया. साल 2009 में सीट सुरक्षित हो चुकी थी और तब सपा के तूफानी सरोज ने जीत हासिल की और बसपा के कमलाकांत गौतम को हार का स्वाद चखना पड़ा. साल 2014 में मोदी लहर थी और बीजेपी से रामचरित्र निषाद को इसका लाभ हुआ और उन्होंने बसपा के बीपी सरोज को मात दी. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी के रामचरित्र निषाद सपा जॉइन किया और बसपा के बीपी सरोज ने बीजेपी का दामन थाम लिया. 

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यहां पिछड़ों दलितों का वोट बैंक काम का है

पिछड़ों और दलितों की संख्या मछली शहर लोकसभा सीट पर सबसे अधिक है, इतना की ये किसी भी उम्मीदवार की जीत हार को तय कर सकते हैं. पिछड़ों में यादवों की संख्या बाकी की जातियों से बहुत अधिक है. 2011 की जनसंख्या के मुताबिक इस तरह का आंकड़ा है. 
यादव- 2,01,867
अनुसूचित जाति- 2,48,005
ब्राह्मण- 17,09,89
क्षत्रिय- 2,42,164
वैश्य- 64,764
कायस्थ- 91,452
मुस्लिमों की संख्या- 89,322
अन्य- 3,41,799

देर रात तक हुई थी गिनती, बढ़ी रही धड़कनें
2019 के लोकसभा चुनाव में परिणाम इस तरह रहा- 
बीजेपी के बीपी सरोज को कुल 4,88,397 वोट मिले.
बसपा के त्रिभुवन राम को कुल 4,88,216 वोट मिले. 
मात्र 181 वोटों के अंतर से बसपा की हार हुई. 

2014 में मुकाबला एकतरफा
बीजेपी के रामचरित्र निषाद को कुल 4,38,210 वोट मिले.
बसपा के बीपी सरोज को कुल 2,66,055 वोट ही मिले. 
सपा के तूफ़ानी सरोज को कुल 1,91,387 वोट मिले. 
कांग्रेस के तूफ़ानी निषाद को कुल 36,275 वोट मिले.
भाकपा के सुबास चंद्र को कुल 18,777 वोट मिले थे.

विधानसभा चुनाव का हाल 
मछलीशहर लोकसभा सीट कुल पांच विधानसभा सीट को मिलाकर बनाया गया है, सभी सीटों में से 2 सीटों पर सपार्टी और एक-एक सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, बीजेपी के पास है. अब सुभासपा भी एनडीए का ही भाग है. 
सपा की रागिनी ने मछलीशहर विधानभा सीट पर जीत हासिल की थी. केराकत सीट पर भी सपा की जीत हुई, तूफानी सरोज विदायक बने. जफराबाद सीट पर सपा गठबंधन में के सुभासपा के जगदीश नारायण विजयी हुए. अपना दल के आरके पटेल मड़ियाहूं सीट पर जीते थे. वाराणसी की पिंडरा सीट बीजेपी के पास है.

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