Puja tips: पूजा में आसन का है विशेष महत्व, अगर आप करेंगे ये गलतियां तो नहीं मिलेगा पूजा का फल

Puja tips: हिंदू धर्म में जप या पूजा के दौरान आसनों का प्रयोग सदियों से होता आ रहा है. किसी भी प्रकार की पूजा में आसन का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि बिना आसन लगाए पूजा करने से उसका फल नहीं मिलता है.  आइए जानते हैं किस आसन पर पूजा करनी चाहिए और किस आसन पर नहीं बैठना चाहिए.

Written by - Shruti Kumari | Last Updated : Jan 21, 2024, 04:00 PM IST
  • आसन के नियम
  • पैर फर्श पर नहीं छूने चाहिए
Puja tips: पूजा में आसन का है विशेष महत्व, अगर आप करेंगे ये गलतियां तो नहीं मिलेगा पूजा का फल

नई दिल्लीः Puja tips: हिंदू धर्म में घर या मंदिर में पूजा करते समय आसन का प्रयोग जरूर करना चाहिए. जप या पूजा के दौरान आसनों का प्रयोग सदियों से होता आ रहा है. किसी भी प्रकार की पूजा में आसन का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि बिना आसन लगाए पूजा करने से उसका फल नहीं मिलता है. आसन पूजन की भी एक विधि है. आजकल बाजार में कई तरह की डिजाइनर सीटें उपलब्ध हैं, लेकिन किसी भी तरह की सीट पर बैठना शुभ नहीं होता है. आइए जानते हैं किस आसन पर पूजा करनी चाहिए और किस आसन पर नहीं बैठना चाहिए.

आसन के नियम
कभी भी बांस के आसन पर बैठकर पूजा नहीं करनी चाहिए. माना जाता है कि इससे व्यक्ति को आर्थिक तंगी और दरिद्रता का सामना करना पड़ता है. साथ ही घास-फूस से बनी सीटों का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए. इससे यश का नाश होता है. इससे व्यक्ति के मान-सम्मान पर बुरा प्रभाव पड़ता है. पत्थर पर बैठकर भी पूजा न करें। यह रोग, शोक और दुर्भाग्य लाता है और आर्थिक प्रगति में बाधा डालता है.

पत्तों से बना आसन भी पूजा के लिए शुभ नहीं माना जाता है. इससे बिजनेस में तरक्की नहीं होती और चीजें ज्यादा समय तक टिक नहीं पातीं. वहीं लकड़ी के आसन पर पूजा करने से दुख और अशांति आती है. कपड़े के आसन पर बैठने से चिंता और बाधाएं आती हैं.

ब्रह्म पुराण में कुश आसन के प्रयोग को बहुत शुभ माना गया है. कुशा का संबंध केतु से है. इस आसन के प्रयोग से अनंत फल मिलता है. कंबल का उपयोग सीट के रूप में भी किया जा सकता है. अगर आप पहली बार पूजा या जप शुरू कर रहे हैं तो आसन अलग रखें.

सबसे पहले आसन को मंत्रों से शुद्ध कर लेना चाहिए. जब आप पूजा के लिए जाएं तो सबसे पहले अपना आसन उठाकर अपने सिर पर रखें, फिर पूजा शुरू करें. पूजा के बाद आसन को लपेटकर सम्मानपूर्वक वापस उसी स्थान पर रख देना चाहिए.

आप आसन का जितना सम्मान करेंगे, आपको पूजा का उतना ही शुभ फल मिलेगा. जब आप किसी आसन पर बैठकर प्रार्थना और जप करते हैं तो आपके भीतर आध्यात्मिक ऊर्जा प्रवाहित होती है. याद रखें कि आसन पर बैठते समय आपके पैर फर्श पर नहीं छूने चाहिए. शास्त्रों में रेशम, कंबल, तांबे की चादर और हिरण की खाल से बने आसन अच्छे बताए गए हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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