Sarva Pitru Amavasya: आज इन उपायों से खुशी-खुशी विदा करें अपने पितरों को, घर में होगा सुख-समृद्धि का वास

Sarva Pitru Amavasya: आज पितृ पक्ष का समापन हो रहा है. आज सर्व पितृ अमावस्या है, जिसे विसर्जनी अमावस्या भी कहते हैं. जिन्हें अपने मृत पूर्वजों की पुण्यतिथि नहीं पता होती है वे आज के दिन उनका श्राद्ध कर सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सर्व पितृ श्राद्ध तिथि कहा जाता है. 

Written by - Dr. Anish Vyas | Last Updated : Oct 14, 2023, 08:48 AM IST
  • 14 अक्टूबर को है सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध
  • सर्वपितृ श्राद्ध के साथ समाप्त होगा पितृ पक्ष
Sarva Pitru Amavasya: आज इन उपायों से खुशी-खुशी विदा करें अपने पितरों को, घर में होगा सुख-समृद्धि का वास

नई दिल्लीः Sarva Pitru Amavasya: आज पितृ पक्ष का समापन हो रहा है. आज सर्व पितृ अमावस्या है, जिसे विसर्जनी अमावस्या भी कहते हैं. जिन्हें अपने मृत पूर्वजों की पुण्यतिथि नहीं पता होती है वे आज के दिन उनका श्राद्ध कर सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सर्व पितृ श्राद्ध तिथि कहा जाता है. 

कहते हैं कि इस दिन अगर पूरे मन से और विधि-विधान से पितरों की आत्मा की शांति श्राद्ध किया जाए तो न केवल पितरों की आत्मा शांत होती है बल्कि उनके आशीर्वाद से घर-परिवार में भी सुख-शांति बनी रहती है. परिवार के सदस्यों की सेहत अच्छी रहती है और जीवन में चल रही परेशानियों से भी राहत मिलती है.

धर्म ग्रंथों में सर्व पितृ अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. ये साल आने वाली 12 अमावस्या तिथियों में सबसे खास होती है. इस तिथि पर पितरों के लिए जल दान, श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से वे पूरी तरह तृप्त हो जाते हैं. इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं. ये दोनों ग्रह पितरों से संबंधित हैं. इस तिथि पर पितृ पुनः अपने लोक में चले जाते हैं साथ ही वे अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

सर्वपितृ अमावस्या तिथि 
सर्वपितृ अमावस्या 13 अक्टूबर रात 9:50 बजे से शुरू होगी और 14 अक्टूबर मध्य रात्रि 11:24 बजे समाप्त हो जाएगी. उदया तिथि के अनुसार 14 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाएगी. इस दिन श्राद्ध-तर्पण के लिए तीन मुहूर्त बताए गए हैं, जो सुबह 11:44 बजे से दोपहर 3:35 बजे तक रहेंगे. इस अवधि में किसी भी समय पूर्वजों के लिए पूजा, तर्पण, दान आदि किया जा सकता है.

पृथ्वी लोक से विदा होते हैं पितर
सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितृ पृथ्वी लोक से विदा लेते हैं इसलिए इस दिन पितरों का स्मरण करके जल अवश्य देना चाहिए. अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदियों में स्नान करें और फिर सभी ज्ञात और अज्ञात पितरों को स्मरण कर जल अर्पित करें. घर में विशेष व्यंजन बनाएं और इसे पितरों के निमित्त निकाल लें और किसी ऐसे स्थान पर रखें जहां पर कौए पहुंच सकें. 

भोजन का कुछ अंश सबसे पहले गाय फिर कौए और चीटियों के लिए निकालें. इसके बाद पितरों को श्रद्धापूर्वक विधि-विधान से विदा करें और उन्हें स्मरण कर आशीर्वाद की प्रार्थना करें. इस दिन पितरों के निमित्त खीर जरूर बनाएं और सिंदूर से नारियल पर स्वास्तिक बनाकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं.

यह भी पढ़िएः Sarva Pitru Amavasya: आज है सर्व पितृ अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.  

ट्रेंडिंग न्यूज़