मैं उनका बेटा होता तो अध्यक्ष होता लेकिन भाई के घर पैदा हुआ, अजित का चाचा शरद पवार पर हमला

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि अगर वह ‘वरिष्ठ’ नेता के बेटे होते तो आसानी से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष बन जाते. इस बयान पर शरद पवार के वफादार माने जाने वाले पूर्व राज्य मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अजित महाराष्ट्र की राजनीति में इतनी तेजी से नहीं उभर पाते, अगर वह शरद पवार के भतीजे नहीं होते. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 17, 2024, 09:08 AM IST
  • बिना नाम लिए शरद पवार पर किया वार
  • 'परिवार खिलाफ लेकिन कार्यकर्ता साथ हैं'
मैं उनका बेटा होता तो अध्यक्ष होता लेकिन भाई के घर पैदा हुआ, अजित का चाचा शरद पवार पर हमला

नई दिल्लीः महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि अगर वह ‘वरिष्ठ’ नेता के बेटे होते तो आसानी से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष बन जाते. इस बयान पर शरद पवार के वफादार माने जाने वाले पूर्व राज्य मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अजित महाराष्ट्र की राजनीति में इतनी तेजी से नहीं उभर पाते, अगर वह शरद पवार के भतीजे नहीं होते. 

बिना नाम लिए शरद पवार पर किया वार
अजित पवार ने पुणे में पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन पर शरद पवार की ओर से स्थापित पार्टी को ‘चोरी’ करने का आरोप लगाया गया, लेकिन निर्वाचन आयोग और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है और इस बात की पुष्टि की है कि अजित गुट ही असली राकांपा है. उन्होंने अपने चाचा का नाम लिए बिना कहा, 'यदि मेरा जन्म वरिष्ठ नेता के घर हुआ होता तो मैं स्वाभाविक रूप से पार्टी का अध्यक्ष बन जाता, बल्कि पार्टी मेरे नियंत्रण में आ जाती. लेकिन, मैं आपके भाई के घर पैदा हुआ.'

'परिवार खिलाफ लेकिन कार्यकर्ता साथ हैं'
अजित ने कहा कि समूचा परिवार उनके विरुद्ध है किंतु पाटी कार्यकर्ता उनके साथ हैं. उन्होंने कहा, 'हमें निशाना बनाया गया. कहा गया कि हमने यह फैसला (भाजपा से हाथ मिलाने का) सिर्फ अपने खिलाफ जांचों को रोकने के लिए लिया. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या हमारे साथ जो लोग हैं, उनमें से हर कोई जांच का सामना कर रहा है?'

'जो काम नहीं करते, उनका पाक साफ रहना तय'
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग कभी मंत्री नहीं बने और इसलिए उन पर कभी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे. अजित ने कहा, 'जब आप कभी मंत्री नहीं बने, तो आपके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप कैसे लगेंगे?...मेरे पास राज्य की जिम्मेदारी थी. जो लोग काम करते हैं, उन पर आरोप लगना तय है. जो लोग काम नहीं करते, उनका पाक साफ रहना तय है.'

बता दें कि शरद पवार की बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने अभी तक कभी मंत्री पद नही संभाला है. अजित पवार ने दावा किया कि यदि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के लिए शरद पवार की पसंद को मान लिया होता तो उनकी सराहना हो रही होती. 

अजित ने बताया- बारामती से कैसा होगा उम्मीदवार
उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं जब पार्टी का अध्यक्ष बन गया तो हमारे बारे में कहा गया कि हम किसी भी काम के नहीं हैं.' अजित ने कहा कि वह बारामती से एक ऐसा उम्मीदवार खड़ा करेंगे जिसने पहले कभी चुनाव नहीं लड़ा हो लेकिन उस व्यक्ति के पास पर्याप्त अनुभव वाले समर्थक होंगे. अजित पवार ने कहा कि लोगों को इस उम्मीदवार को यह मानकर वोट देना चाहिए जैसे कि वह स्वयं चुनाव में उतरे हो. 

शरद पवार के गुट के नेता ने किया पलटवार
पलटवार करते हुए शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा से जुड़े विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सवाल किया कि अजित ने बगावत शुरू करने के बजाय चुनाव के जरिए पार्टी अध्यक्ष बनने की कोशिश क्यों नहीं की. आव्हाड ने कहा, 'अगर अजित पवार शरद पवार के भतीजे नहीं होते, तो उन्हें अपने राजनीतिक जीवन में इतनी जल्दी अवसर नहीं मिलते. यही कारण है कि अजित पवार 1991 में सांसद, 1993 में विधायक और फिर (राज्य) मंत्री बने.'

उन्होंने कहा, '1999 से 2014 तक अजित पवार के पास सभी महत्वपूर्ण विभाग थे. अजित के कृत्यों ने पार्टी की छवि को खराब किया लेकिन शरद पवार ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया क्योंकि वह अजित से जुड़े थे.'

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