नई दिल्ली: सुदीप्तो सेन की 'द केरल स्टोरी' (The Kerala Story) पर विवाद गर्माता जा रहा है. जहां एक देशभर के कई हिस्सों में लोग इस फिल्म पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं, वहीं, कोर्ट ने साफ कर दिया है कि फिल्म अपने तय समय पर ही रिलीज की जाएगी. अब सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता के नए प्रयास को भी खारिज कर दिया है.
फिल्म बनाने में लगती है कड़ी मेहनत- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीत कोर्ट का कहना कि एक फिल्मकार फिल्म बनाने में बहुत पैसा और समय लगाता है और कलाकार बहुत काम करते हैं. बाजार तय करेगा कि क्या यह स्तर तक है या नहीं है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जे.बी. पदीर्वाला की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'एक तो CBFC ने फिल्म को रिलीज कर दिया है.'
केरल उच्च न्यायालय भी रोक लगाने से कर चुका है इनकार
कोर्ट ने आगे कहा, 'दूसरा, केरल उच्च न्यायालय ने फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है और तीसरा, कल हमने कहा था कि हम अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार नहीं करेंगे.' अब, इन चरणों के पूरा हो जाने के बाद अब हमारे लिए इस तरह की अर्जी सुनना उचित नहीं है.'
सुप्रीम कोर्ट ने दी इस बात की सलाह
पत्रकार कुर्बान अली द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि फिल्म के खिलाफ अदालत जाने से पहले फिल्म निर्माता और अभिनेताओं के बारे में भी विचार कर लेना चाहिए और इसे कितनी बार चुनौती दी जाएगी? पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी और शोएब आलम से फिल्म निर्माता को देखने के लिए कहा, वह अपनी फिल्म की रिलीज के लिए अदालतों का सामना नहीं कर सकते हैं और केरल उच्च न्यायालय ने फिल्म पर रोक लगाने से पहले ही मना कर दिया है.
शीर्ष अदालत ने फिल्म के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
अहमदी ने प्रस्तुत किया कि केरल उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा गया था, जिन्होंने कहा कि पीठ का गठन किया गया है. अहमदी ने तर्क दिया, 'रजिस्ट्री ने बाद में याचिकाकर्ता को सूचित किया कि पीठ गुरुवार को सुनवाई नहीं करेगी और केरल उच्च न्यायालय गर्मी की छुट्टी पर है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने फिल्म के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.'
शुरू से की जा रही है फिल्म को चुनौती
पीठ ने बताया कि याचिकाकर्ता ने शुरू में लंबित अभद्र भाषा के मामले में वाद-विवाद आवेदन के माध्यम से फिल्म की रिलीज को चुनौती देने की कोशिश की थी, जिसे एक अन्य पीठ ने खारिज कर दिया था. अहमदी ने पीठ से फिल्म की रिलीज से पहले अदालत में अपने मामले पर बहस करने की अनुमति देने का अनुरोध किया. मुख्य न्यायाधीश ने वकील से कहा कि उच्च न्यायालय के समक्ष कोशिश करें.
बुधवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी याचिका
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें केंद्र और अन्य को सिनेमाघरों, ओटीटी प्लेटफार्मों और अन्य रास्ते में फिल्म की स्क्रीनिंग या रिलीज की अनुमति नहीं देने का निर्देश देने और ट्रेलर को इंटरनेट से हटाने की मांग की गई थी. बता दें कि 5 मई को रिलीज हो रही है.
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