लखनऊ: मथुरा विवाद पहली बार अदालत पहुंचा है. श्रीकृष्ण विराजमान की तरफ से मथुरा सिविल कोर्ट में वाद दाखिल किया गया है. श्री कृष्ण सखा के तौर पर रंजना अग्निहोत्री वाद दायर किया है. जिसके बाद संग्राम छिड़ गया है. कोई इसका स्वागत कर रहा है, तो कोई इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दे रहा है.
"तीन स्थान की मुक्त की बात कही थी"
मथुरा कृष्ण जन्म भूमि के लिए श्री कृष्ण विराजमान की मथुरा कोर्ट में याचिका दाखिल होने पर अयोध्या पहुंचे. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता विनय कटियार ने स्वागत किया है. विनय कटियार का कहना है कि "तीन स्थान की मुक्त की बात कही थी मथुरा काशी और अयोध्या, अयोध्या जीत गए हैं अब मथुरा और काशी के लिए किस पर काम करना चाहिए उस पर विचार किया जाएगा."
उन्होंने ये भी कहा, "मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि गर्भग्रह पर मस्जिद है रास्ता कृष्ण जन्मभूमि से जाता है. उस पर जबर्दस्ती मस्जिद बनाई गई है. ईद गाह का मैदान भी हिंदुओं का है. जब तक आंदोलन चालू नहीं किया जाएगा प्रशासन नहीं जागेगा. विनय कटियार का कहना है की कब्जे की लड़ाई के लिए आंदोलन जरूरी है. अब यह तय करना है कि आंदोलन किया जाए या अदालत से लड़ा जाए. हालांकि जिन्होंने दाखिल किया है अच्छा काम किया है. लेकिन सवाल यह है कि कितने दिन तक इस मुकदमे को चला पाएंगे इसको कहा नहीं जा सकता. इसके लिए बड़ा आंदोलन खड़ा करना होगा. हालांकि बीजेपी राजनीतिक रूप से काम करेगी. विहिप भी सहयोग करेगी, लेकिन विनय कटियार अभी भी है इसलिए आंदोलन के लिए तैयार है."
"हिंदू मुस्लिम पर विवाद खत्म करें"
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी का कहना है कि "हम हिंदू मुस्लिम विवाद नहीं चाहते हैं. लेकिन कुछ पार्टियां ऐसी जो मंदिर मस्जिद विवाद चाहते हैं, उसी से उसकी रोजी-रोटी है. काशी मथुरा की बात करके लोग हिंदुस्तान का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं. यह हिंदुस्तान की तरक्की रोकना चाहते हैं कोरोना काल में सारे रोजगार बिगड़ गए हैं, लेकिन जाति धर्म की राजनीति करने वाले देश को देखना नही चाह रहे हैं. हिंदू मुस्लिम पर विवाद खत्म करें क्योंकि उन लोगों को भी भगवान के पास जाना है."
रामा दल ट्रस्ट के अध्यक्ष कल्कि राम ने कृष्ण जन्मभूमि के लिए दाखिल की गई याचिका का स्वागत किया है. पंडित कल्कि राम का कहना है कि राम जन्म भूमि की तरह ही कृष्ण जन्मभूमि मुक्त कराना होगा.
"1992 जैसे हालात पैदा करने की कोशिश"
वहीं मौलाना मकसूद अली ने कहा इस याचिका का सियासी मतलब है, फिर 1992 जैसे हालात पैदा करने की कोशिश की जा रही है, मसूद अली ने कहा के मथुरा गंगा जमुना तहजीब का मकज है, यहां का हिंदू मुस्लिम भाईचारा पूरे हिंदुस्तान के लिए एक मिसाल है. हम लोग बेशक मथुरा की गलियां कुंज है, लेकिन मथुरा में रहने वाले मथुरा वासियों के रेल कुंज नहीं है बड़े हैं. हम लोग नहीं चाहते कि मथुरा की फिजा को किसी की नजर लगे.
उन्होंने ये भी कहा कि "रहा सवाल शाही ईदगाह और श्री कृष्ण जन्मभूमि का यह दोनों इमारतें हमें पैगाम देती हैं. भाईचारा और प्रेम का तो इस भाईचारे को मिटाने की कोशिश न की जाए. हमने 1992 के हालात देखे हैं एक्शन का रिएक्शन क्या होता है, क्रिया की प्रतिक्रिया क्या होती है. हम नहीं चाहते कि इस मुद्दे को सियासी मुद्दा बनने दिया जाए, हम लोग चाहेंगे कि दोनों समुदाय के लोग आपस में बैठकर बात करें."
बता दें, रंजना अग्निहोत्री ने कहा कि कोर्ट ने वाद स्वीकार किया, सोमवार को आगे का स्थिति कोर्ट तय करेगा. हरिशंकर जैन और विष्णु जैन वकील हैं. कोर्ट से मांग की है कि शाही मस्जिद को हटाया जाए. कृष्ण जी को जन्मभूमि की पूरी जमीन सौंपी जाए.
इसे भी पढ़ें: Mathura: श्रीकृष्ण विराजमान ने की कृष्ण जन्मभूमि की मांग,कोर्ट में मुकदमा दायर
देश और दुनिया की हर एक खबर अलग नजरिए के साथ और लाइव टीवी होगा आपकी मुट्ठी में.
डाउनलोड करिए ज़ी हिंदुस्तान ऐप.
जो आपको हर हलचल से खबरदार रखेगा...
नीचे के लिंक्स पर क्लिक करके डाउनलोड करें-
Android Link - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.zeenews.hindustan&hl=en_IN
iOS (Apple) Link - https://apps.apple.com/mm/app/zee-hindustan/id1527717234