Flood Alert: केरल के इडुक्की में बाढ़ का खतरा, मुल्लापेरियार पुल में जल स्तर 142 फुट तक पहुंचा

Kerala Flood Alert 2022: जहां उत्तर भारत में इन दिनों शीत लहर का प्रकोप जारी है और लोग ठंड का कहर झेल रहे हैं तो वहीं पर केरल के इडुक्की जिले में बाढ़ का खतरा तेजी से बढ़ गया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 27, 2022, 01:17 PM IST
  • 142 फुट तक पहुंचा पानी का स्तर
  • जानें कब कहा जाता है ठंडा दिन
Flood Alert: केरल के इडुक्की में बाढ़ का खतरा, मुल्लापेरियार पुल में जल स्तर 142 फुट तक पहुंचा

Kerala Flood Alert 2022: जहां उत्तर भारत में इन दिनों शीत लहर का प्रकोप जारी है और लोग ठंड का कहर झेल रहे हैं तो वहीं पर केरल के इडुक्की जिले में बाढ़ का खतरा तेजी से बढ़ गया है. केरल के इडुक्की में स्थित मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर मंगलवार को 142 फुट के अधिकतम स्तर पर पहुंचने के बाद एक अलर्ट जारी किया गया है.

142 फुट तक पहुंचा पानी का स्तर

जिला प्राधिकारियों ने यहां बताया कि बांध में सुबह 10 बजे जल स्तर 142 फुट पर पहुंचने के बाद ‘तीसरी और अंतिम बाढ़ चेतावनी’ जारी की गयी है. उन्होंने बताया कि सुबह सात बजे जल स्तर 141.95 फुट पर था तथा वह तीन घंटे बाद 142 फुट पर पहुंच गया. 

इडुक्की में 127 साल पुराना मुल्लापेरियार बांध दशकों से केरल और तमिलनाडु के बीच विवाद का कारण बना हुआ है. राष्ट्रीय राजधानी के अधिकतर हिस्सों में मंगलवार को घना कोहरा छाया रहा जिससे कुछ इलाकों में दृश्यता घटकर 50 मीटर रह गई. कम दृश्यता के कारण सड़क यातायात प्रभावित हुआ. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आज ‘ठंडा दिन’ रहने का पूर्वानुमान लगाया है. 

जानें कब कहा जाता है ठंडा दिन

विभाग के अनुसार, ‘ठंडा दिन’ तब माना जाता है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहे और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया जाए. अधिकतम तापमान के सामान्य से 6.5 डिग्री या उससे अधिक कम होने पर उसे ‘बेहद ठंडा दिन’ माना जाता है. दिल्ली में सोमवार को ‘बेहद ठंडा दिन’ था, क्योंकि अधिकतम तापमान कुछ स्थानों पर सामान्य से 10 डिग्री कम दर्ज किया गया था. 

दिल्ली एनसीआर में कोहरे की मार

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में मंगलवार को घने से बेहद घना कोहरा छाया रहा. आईएमडी के अनुसार, दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच रहने पर ‘बेहद घना कोहरा’, 51 मीटर से 200 मीटर के बीच ‘घना कोहरा’, 201 मीटर से 500 मीटर के बीच ‘मध्यम कोहरा’ और 501 से 1,000 मीटर के बीच रहने पर ‘हल्का कोहरा’ माना जाता है. 

आईएमडी के अनुसार, न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर शीत लहर की घोषणा की जाती है. शीतलहर की घोषणा तब भी की जाती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो. न्यूनतम तापमान के दो डिग्री सेल्सियस रहने या सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से कम रहने पर ‘‘भीषण’’ शीतलहर की घोषणा की जाती है.

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