नई दिल्ली: भारत के खिलाफ बार-बार ज़हर उगलने वाली जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर पाकिस्तान राग को अपना बनाया है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि भारत एवं पाकिस्तान अपनी राजनीतिक मजबूरियों से उपर उठें और संवाद की पहल करें.
पाकिस्तान की वकालत करने वाली महबूबा
उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा के दोनों ओर बढ़ रही हताहतों की संख्या को देखना दुखद है. वहीं भारत ने नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से सीजफायर का उल्लंघन किए जाने को लेकर सख्त रूख अपनाते हुए पाकिस्तानी उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया.
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करके लिखा कि "LOC के दोनों किनारों पर बढ़ते हताहतों को देखने के लिए दुख की बात है. यदि केवल भारतीय और पाकिस्तानी नेतृत्व अपनी राजनीतिक मजबूरियों से ऊपर उठ सकते हैं और बातचीत शुरू कर सकते हैं. वाजपेयी जी और मुशर्रफ साहब द्वारा सहमत और लागू किए गए युद्धविराम को बहाल करना एक अच्छी जगह है."
Sad to see mounting casualties on both sides of LOC. If only Indian & Pakistani leadership could rise above their political compulsions & initiate dialogue. Restoring the ceasefire agreed upon & implemented by Vajpayee ji & Musharaf sahab is a good place to start
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 14, 2020
अब तक पाकिस्तान के सीजफायर उल्लंघन पर चुप रहने वाली महबूबा आखिर क्यों पाकिस्तान सैनिकों के मौत के बाद बातचीत करने की सलाह दे रही है. या महबूबा प्रधानमंत्री मोदी के जैसलमेर में पाकिस्तान को दी गई चेतावानी के बाद डर गई हैं. महबूबा मुफ्ती की ऐसी करतूतों पर कुछ अहम सवाल उठते हैं.
पहला सवाल). महबूबा का 'पाकिस्तान प्रेम' कब तक?
दूसरा सवाल). नहीं दिखी शहादत, पाकिस्तान से बातचीत की वकालत?
तीसरा सवाल). हिंद का पराक्रम, आतंकिस्तान के लिए महबूबा का मातम?
चौथा सवाल). खाएंगे हिंदुस्तान का, गाएंगे पाकिस्तान का?
पांचवां सवाल). पाकिस्तान के नाम पर , 'गुपकार गैंग' काम पर?
महबूबा की इस करतूत पर संजय राउत ने भी जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि "डायलॉग पिछले 40 साल से चल रहा था, डायलॉग तो आपसे भी चल रहा था. डायलॉग करना प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री का काम है, 370 हटाने के लिए चीन की मदद ली जा रही है ऐसे में डायलॉग की क्या बात है."
महबूबा मुफ्ती और उनके गुपकार गैंग ने अनुच्छेद 370 को जम्मू कश्मीर में दोबारा लागू कराने का नापाक मंसूबा रखते है. इसके लिए वो बार-बार प्लानिंग कर रहे हैं. कभी तीन तो कभी पाकिस्तान को खुश करने में जुटे हुए हैं. लेकिन उनको ये समझ लेना चाहिए कि उनकी कोई भी चाल अब काम नहीं आने वाली है.
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