यूपी: शव रखकर प्रदर्शन करना होगा अपराध, जानें नई गाइडलाइंस में क्या है

गाइडलाइंस के मुताबिक पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार को शव सौंपते वक्त लिखित सहमति ली जाएगी कि वे शव को पोस्टमार्टम हाउस से घर ले जाएंगे. अगर सार्वजनिक स्थान पर शव रखकर प्रदर्शन किया तो इसे शव का अपमान मानते हुए कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 25, 2022, 10:18 AM IST
  • अब शव को लेकर प्रदर्शन किया तो होगा कड़ा ऐक्‍शन
  • सरकार ने अंत्‍येष्टि के लिए जारी की गाइडलाइन
यूपी: शव रखकर प्रदर्शन करना होगा अपराध, जानें नई गाइडलाइंस में क्या है

लखनऊ: यूपी की योगी सरकार ने शवों के सम्‍मान के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है. इसके तहत यूपी में शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करना अपराध होगा. वहीं किसी अन्‍य ढंग से अब परिवार, भीड़ या किसी ने भी प्रदर्शन किया तो उसके खिलाफ कड़ा ऐक्‍शन लिया जाएगा. 

क्यों लिया गया यह फैसला
यह एसओपी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के अनुपालन में जारी की गई है. कोर्ट ने यह फैसला एक जनहित याचिका पर दिया था. 

क्या कहा था कोर्ट ने
हाईकोर्ट ने फैसले में कहा है कि गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी बना रहता है. मानव शरीर की गरिमा अक्षुण्ण बनाए रखने के मौलिक आशय के साथ-साथ लोक एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से यह एसओपी जारी की गई है. आपराधिक मामलों और दुर्घटनाओं से संबंधित डेड बॉडी के सम्मान और परंपरागत रीति-रिवाज के अनुसार अंत्येष्टि के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत (एसओपी) जारी किए हैं. 

क्या है गाइडलाइंस
-परिवारीजनों द्वारा स्वयं या भीड़ जुटाकर रास्ते या सार्वजनिक स्थान पर शव रखकर प्रदर्शन किया तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. 
-रिवार को शव सौंपते समय एक प्रारूप पर इस आशय की लिखित सहमति प्राप्त की जाएगी 
-परिवार के लोग शव को पोस्टमार्टम हाउस से  सीधे अपने घर ले जाएंगे 
-इसके बाद स्थापित रीति-रिवाज के अनुसार संस्कारोपरांत सीधे अंत्येष्टि स्थल पर ले जाएंगे.
-वे बीच में रास्ते में कहीं भी शव रखकर भीड़ एकत्र करने, जाम लगाने अथवा किसी दल या संगठन के सहयोग से धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे, 
-ऐसा किए जाने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. 

अगर परिवार ने शव नहीं लिया तो क्या होगा
यदि परिवारीजन द्वारा किन्हीं कारणों से इनकार किया जाता है या विलंब के कारण शव खराब होने की आशंका है तो प्रशासनिक अधिकारी स्वयं व स्थानीय प्रतिष्ठित व्यक्तियों के माध्यम से सर्वप्रथम परिवारीजनों को समझाने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा. परिवारीजनों के तैयार न होने पर स्थानीय लोगों की समिति बनाकर पंचनामा भरते हुए डीएम के निर्देशानुसार किया जाएगा. अंत्येष्टि यथासंभव दिन में ही की जाएगी. रात में अंत्येष्टि विशेष परिस्थितियों में खास तौर पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पुलिस कमिश्नर या डीएम की अनुमति से ही हो सकेगी. एसओपी में अज्ञात शवों की अंत्येष्टि की प्रक्रिया भी तय की गई है.

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