SBI ने नहीं किया इलेक्टोरल बॉन्ड संख्या का खुलासा, बैंक को नोटिस जारी किया जाए: सुप्रीम कोर्ट

SC Notice to SBI: इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने SBI को ताजा नोटिस जारी किया. चीफ जस्टिस ने इस बात पर सवाल उठाए कि SBI ने जो आंकड़े चुनाव आयोग को दिए उसमें बांड नंबर का उल्लेख नहीं किया गया है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Mar 15, 2024, 11:48 AM IST
  • इलेक्टोरल बांड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
  • चीफ जस्टिस ने SBI के आंकड़ों पर सवाल उठाए
SBI ने नहीं किया इलेक्टोरल बॉन्ड संख्या का खुलासा, बैंक को नोटिस जारी किया जाए: सुप्रीम कोर्ट

SC Notice to SBI: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनावी बॉन्ड संख्या का खुलासा नहीं करने और इस तरह कोर्ट के पिछले फैसले का पूरी तरह से पालन नहीं करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को फटकार लगाई. शीर्ष अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि चुनावी बांड संख्या यानी जो बताएगी कि किस दाता ने किसको दान दिया, इस बात का खुलासा बैंक द्वारा  किया जाना चाहिए.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'उन्होंने (SBI) बॉन्ड संख्या का खुलासा नहीं किया है. इसका खुलासा भारतीय स्टेट बैंक को करना होगा.'

SBI द्वारा साझा की गई जानकारी अधूरे थी. इसलिए पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने बैंक को चूक का जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया और मामले को अगली सुनवाई के लिए सोमवार, 18 मार्च का दिन निर्धारित किया.

क्या हैं चुनावी बांड डेटा?
बीते दिन भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में SBI द्वारा साझा किए गए चुनावी बॉन्ड डेटा को अपनी वेबसाइट पर पब्लिश कर दिया. यह डेटा शीर्ष अदालत की समय सीमा से एक दिन पहले पब्लिश कर दिया गया.

पोल पैनल को जानकारी वेबसाइट पर डालने के लिए कहा गया था. SBI को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा डेटा तैयार करने के लिए कहा गया था. जहां 15 मार्च को शाम 5 बजे तक EC को इसे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर डालना था. हालांकि, यह एक दिन पहले ही हो गया. हालांकि, इसमें नंबर की कमी थी, जिसकी बात ताजा सुनवाई में SC ने की. इन संख्याओं से ही मालूम चलेगा कि किसने किसे चंदा दिया.

SBI ने जो जानकारी दी है, वो भी कम दिलचस्प नहीं है. चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दान देने वालों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स और वेदांता लिमिटेड शामिल हैं.

चुनावी बॉन्ड खरीदने वालों में अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा शामिल हैं.

चुनावी बॉन्ड के माध्यम से धन प्राप्त करने वालों में भाजपा, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडीएस, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद, आप, सपा शामिल हैं.

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