नई दिल्लीः डोकलाम में करीब तीन महीने तक चले गतिरोध के करीब 3 साल बाद एक बार फिर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारतीय-चीनी सीमा तनाव में है. मई में सैनिकों की झड़प के बाद लद्दाख में चीनी हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरी थी.
अब सोमवार को सामने आया है कि लद्दाख में सीमा पर करीब 100-150 किलोमीटर दूर स्थित बेस में चीन ने 10-12 फाइटर एयरक्राफ्ट तैनात किए हैं. भारतीय सेना इन फाइटर एयरक्राफ्ट्स (J-11 और J-7) की गतिविधि पर नजर रख रही है. ये एयरक्राफ्ट भारतीय सीमा के निकट ही उड़ान भी भर रहे हैं.
10-12 एयरक्राफ्ट भर रहे हैं उड़ान
सूत्रों के मुताबिक होतों और गागुंसा बेस 10-12 एयरक्राफ्ट भारतीय सीमा के नजदीक उड़ान भरते दिख रहे हैं. सेना चीनी विमानों की हर गतिविधि पर नजर गड़ाए हुए हैं. जानकारी के मुताबिक उनके एयरक्राफ्ट लद्दाख इलाके में सीमा से 30-35 किलोमीटर के करीब उड़ान भरते दिख रहे हैं.
हालांकि, अंतराष्ट्रीय नियम हैं कि सीमा से 10 किलोमीटर के अंदर कोई विमान नहीं आ सकता और चीनी विमान उस सीमा से दूर ही उड़ान भर रहे हैं.
पिछले 25 दिन से बना हुआ है तनाव
मई में जब भारतीय सेना और चीनी सेना के चौपल के बीच टकराव की स्थिति बन रही थी तो भारतीय सेना ने सुखोई-30 एमकेआई को तैयार कर लिया था. सेना के कुछ सूत्रों ने बताया है कि भारतीय और चीनी सेनाएं अपने बेस पर हथियार और जंग के मैदान में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियां यानी टैंक और अन्य गाड़ियां ला रहे हैं.
यहां तक कि आर्टिलरी गन भी सेनाएं अपने बेस पर ला रही हैं. भारतीय-चीनी सीमा पर तनाव की यह स्थिति पिछले 25 दिन से बनी हुई है.
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बातचीत का कोई हल नहीं निकला
गलवान वैली में भारत और चीन के बीच गतिरोध सोमवार को भी जारी रहा. भारत और चीनी सेना के ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत में कोई हल नहीं निकल पाया. लद्दाख में पेंगांग झील के किनारे और गलवान वैली में पिछले एक महीने से दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं.
डोकलाम में 2017 में दोनों देशों के बीच 73 दिनों तक चले तनाव के बाद पहली बार लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी (LAC) पर इतने लंबे समय तक सैनिक गतिरोध हुआ है.
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