कट्टरपंथी संगठन PFI पर पाबंदी कब? जानिए- इतिहास

नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों हिंसा हुई थी. ये हिंसा किसके इशारे पर हुई, इस हिंसे के पीछे किसका हाथ था? इसको लेकर अहम सबूत हाथ लगे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि यूपी में हुई हिंसा के पीछे PFI का हाथ है. ऐसे में आपका PFI के बारे में जानना बेहद जरूरी हो जाता है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 1, 2020, 05:48 AM IST
    1. उत्तर प्रदेश हिंसा के पीछे कट्टरपंथी संगठन PFI का हाथ
    2. नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुई थी हिंसा
    3. विदेश से फंडिंग आई, यूपी में PFI ने आग लगाई?
    4. 2006 में हुआ था PFI का गठन , केरल समेत 7 राज्यों में सक्रिय
कट्टरपंथी संगठन PFI पर पाबंदी कब? जानिए- इतिहास

नई दिल्ली: PFI का फुल फॉर्म है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और ये एक कट्टरपंथी संगठन है, जिसका हेडक्वार्टर केरल में है. PFI देश के लिए कैसे खतरनाक है और क्यों इसपर बैन लगाने की जरूरत है. आपको हम समझाते हैं. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा, जिस हिंसा ने पूरे उत्तर प्रदेश में आग लगा दी थी, उस हिंसा के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI के होने के सबूत मिल रहे है.

विदेश से फंडिंग आई, यूपी में PFI ने आग लगाई?

यूपी सरकार का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर एक साजिश के तहत उत्तर प्रदेश में हिंसा फैलाई गई. जिसमें करीब 19 लोगों ने अपनी जान गंवाई. अब योगी सरकार PFI पर बैन लगाने की तैयारी में है. हिंसा में PFI की भूमिका को लेकर यूपी सरकार ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें PFI पर बैन लगाने की बात कही गई है.

खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में चरमपंथी इस्लामिक संगठन पीएफआई की बड़ी भूमिका थी. उत्तर प्रदेश  पुलिस ने PFI के कई सदस्यों को गिरफ्त में ले रखा है. यूपी सरकार का मानना है कि प्रतिबंधित संगठन SIMI नया रूप धारण कर रहा है. और इसके पीछे PFI का हाथ है. 

अखिलेश यादव ने दिया सियासी रंग!

इस मसले पर भी सियासी गलियारों पर बवाल का दौर शुरू हो चुका है. यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है सबसे पहले सरकार पर कार्रवाई होनी चाहिए.

क्या कहता है इतिहास? 

2006 में PFI का गठन हुआ था. PFI केरल समेत 7 राज्यों में सक्रिय है. वहीं 16 राज्यों में इसका असर है और 15 से ज्यादा संगठन इससे जुड़े है. माना जा रहा है कि अलकायदा का इस्लामिक बैंक PFI को फंडिंग करता है और 2017 में 6 PFI कार्यकर्ता ISIS में शामिल हुए थे.

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खुफिया सूत्रों के मुताबिक टर्की-दुबई से केरल के कुछ जेहादी गुटों को फंडिंग हुई. 40 लाख रुपये की मदद की पेशकश दुबई में जेहादी संगठन की ओर से हुई थी. एक और जेहादी संगठन कतर में टर्की के कुछ लोगों से 1 अक्टूबर को मिला. टर्की के कुछ लोगों ने जेहादी गुटों को पैसे देना का वादा किया था. आपको बता दें कि गल्फ देशों से भारत में जेहादी गुटों से फंडिंग पर गृह मंत्रालय अलर्ट है. गृह मंत्रालय ने पूछा है कि पिछले कुछ महीने में किन-किन देशों से फंडिंग हुई.

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