क्यों नहीं मिल पाएंगे टाइटैनिक देखने गए लोगों के शव? जानिए विस्फोट के पीछे का कारण

टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने अटलांटिक सागर के अंदर गई टाइटन पनडुब्बी में सवार टाइटैनिक मामलों के एक प्रमुख विशेषज्ञ, एक ब्रिटिश अरबपति, पाकिस्तान के एक अमीर परिवार के दो सदस्यों और इस मिशन को संचालित करने वाली कंपनी के सीईओ की मौत हो गई. अमेरिकी तटरक्षक ने गुरुवार को कहा था कि उत्तर अटलांटिक की गहराई में इस भयावह घटना के बाद कोई जीवित नहीं बचा है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 23, 2023, 04:24 PM IST
  • जानें पनडुब्बी में कौन था सवार
  • क्यों नहीं मिलेगा इन लोगों का शव
क्यों नहीं मिल पाएंगे टाइटैनिक देखने गए लोगों के शव? जानिए विस्फोट के पीछे का कारण

नई दिल्लीः टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने अटलांटिक सागर के अंदर गई टाइटन पनडुब्बी में सवार टाइटैनिक मामलों के एक प्रमुख विशेषज्ञ, एक ब्रिटिश अरबपति, पाकिस्तान के एक अमीर परिवार के दो सदस्यों और इस मिशन को संचालित करने वाली कंपनी के सीईओ की मौत हो गई. अमेरिकी तटरक्षक ने गुरुवार को कहा था कि उत्तर अटलांटिक की गहराई में इस भयावह घटना के बाद कोई जीवित नहीं बचा है. 

जानिए क्यों नहीं मिल पाएगा शव
विशेषज्ञों की मानें तो इस पनडुब्बी में सवार लोगों के शव नहीं मिल पाएंगे, क्योंकि विस्फोट की तीव्रता इतनी होती है जिससे पनडुब्बी और उसमें सवार लोगों के चीथड़े उड़ सकते हैं. प्रेशर के चलते हुए धमाके के बाद उन्हें ढूंढ़ना बहुत मुश्किल होता है.ऐसे में माना जा रहा है कि शायद अब इनके शव कभी न मिल पाएं, लेकिन सर्च अभियान अभी जारी है.

जानिए कौन लोग थे सवार
स्टॉकटन रश: रश ने समुद्री खोजों और अनुसंधान के लिए चालक दल वाली पनडुब्बियों की सेवा देने के लिहाज से 2009 में ओशनगेट इंक. की स्थापना की थी. यह जानकारी कंपनी की वेबसाइट पर दी गयी है. कंपनी के प्रवक्ता एंड्रयू वोन केरेन्स ने कहा कि रश टाइटन के पायलट थे. 

हेमिश हार्डिंग: ब्रिटिश कारोबारी हार्डिंग दुबई में रहते थे. वह विमानन क्षेत्र की कंपनी ‘एक्शन एविएशन’ के चेयरमैन थे. कंपनी ने कहा कि वह मिशन के विशेषज्ञ थे. उनके नाम तीन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड थे. इसमें एक पनडुब्बी द्वारा समुद्र की पूरी गहराई में सबसे लंबे समय तक रहने का रिकॉर्ड है. 

शहजादा और सुलेमान दाऊद: शहजादा और उनके बेटे सुलेमान पाकिस्तान के एक प्रमुख अमीर परिवार से नाता रखते थे. परिवार ने एक बयान में कहा था कि वे दोनों पनडुब्बी में सवार थे. कराची से संचालित उनकी कंपनी दाऊद हरक्युलिस कॉर्प कृषि, पेट्रोरसायन और दूरसंचार के क्षेत्र में काम करती थी. 

पॉल-हेनरी नार्गियोलेट: वह फ्रांसीसी नौसेना के पूर्व अधिकारी थे जिन्हें टाइटैनिक विशेषज्ञ माना जाता था. उन्होंने पिछले कई वर्षों में मलबे तक अनेक यात्राएं की थीं. वह गहरे पानी में अनुसंधान करने वाले ई/एम समूह और आरएमएस टाइटैनिक इंक के निदेशक थे.

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