ENG vs IND: 3 कारण जिसके चलते हार की दहलीज पर पहुंचा भारत, अब चमत्कार की जरूरत

भारतीय टीम ने पहली पारी में 416 रनों का स्कोर खड़ा किया जिसके जवाब में इंग्लैंड की टीम 284 रन ही बना सकी और भारत ने 132 रनों की बढ़त हासिल की. दूसरी पारी में भारतीय टीम 245 रन ही जोड़ सकी और इंग्लैंड के सामने जीत के लिये 378 रनों का मुश्किल लक्ष्य रखा. हालांकि चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक इंग्लैंड की टीम ने जिस तरह से बल्लेबाजी की वहां से भारत का हारना लगभग तय नजर आ रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 5, 2022, 10:31 AM IST
  • शार्दुल-सिराज ने जमकर लुटाये रन
  • बेयरस्टो को 2 बार दिया जीवनदान
ENG vs IND: 3 कारण जिसके चलते हार की दहलीज पर पहुंचा भारत, अब चमत्कार की जरूरत

नई दिल्ली: बर्मिंघम में खेले जा रहे आखिरी टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने पहली पारी में 416 रनों का स्कोर खड़ा किया. इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम 284 रन ही बना सकी और भारत ने 132 रनों की बढ़त हासिल की. दूसरी पारी में भारतीय टीम 245 रन ही जोड़ सकी और इंग्लैंड के सामने जीत के लिये 378 रनों का मुश्किल लक्ष्य रखा. हालांकि चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक इंग्लैंड की टीम ने जिस तरह से बल्लेबाजी की वहां से भारत का हारना लगभग तय नजर आ रहा है.

इंग्लैंड की टीम के पास अभी भी 7 विकेट बाकी हैं और उसे जीत के लिये सिर्फ 119 रन की दरकार है. मैच के घटनाक्रम पर नजर डालें तो समझ आयेगा कि भारतीय टीम ने पहले 3 दिन एकतरफा दबदबा बनाया हुआ था फिर चौथे दिन ऐसा क्या हुआ जो वो एकदम से हार की कगार पर पहुंच गई. आइये एक नजर उन 3 कारणों पर डालते हैं.

बल्लेबाजी में खिलाड़ियों ने किया निराश

भारतीय टीम ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक दूसरी पारी में 3 विकेट खोकर 125 रन बना लिये थे और एक बड़े स्कोर की तरफ बढ़ते नजर आ रहे थे, हालांकि जब चौथे दिन का खेल शुरू हुआ तो उसने सिर्फ 120 रन जोड़े और 7 विकेट खो दिये. भारत के लिये चेतेश्वर पुजारा (66) और ऋषभ पंत (57) के अलावा कोई भी खिलाड़ी दूसरी पारी में प्रभावित कर पाने में नाकाम रहा.

रनों के बहाव पर लगाम नहीं लगा सकी भारतीय टीम

चौथी पारी में गेंदबाजी करने उतरे भारतीय पेस अटैक भले ही विकेट चटका पाने में नाकाम रहा लेकिन सबसे ज्यादा जिस चीज ने निराश किया वो था गेंदबाजों का रनों के बहाव पर लगाम लगाने में नाकाम रहना. कप्तान जसप्रीत बुमराह समेत सभी गेंदबाजों ने 4 से ज्यादा की औसत से रन दिये तो वहीं पर सिराज ने लगभग 7 रन प्रति ओवर की औसत से रन लुटाये. ऐसे में जब इंग्लिश बैटर्स के लिये रन आसानी से आते रहे तो उन पर विकेट का भी दबाव नहीं बना और इसका नुकसान भारतीय टीम को उठाना पड़ा.

बेयरस्टो को दो बार दिया जीवनदान

भारतीय टीम से तीसरी गलती फील्डिंग में हुई, जहां पर उसने 2 रन के अंदर 3 विकेट चटकाने के बाद थोड़ी वापसी की थी. इसके चलते बैटिंग करने आये जॉनी बेयरस्टो और जो रूट संभलकर खेलते नजर आये. पहली पारी में शतक लगाने वाले बेयरस्टो महज 14 रन के स्कोर पर थे कि तभी उनके बल्ले से गेंद स्लिप से दूर गली में खड़े हनुमा विहारी के हाथ में गई. विहारी ने एक आसान सा कैच छोड़कर बेयरस्टो को पहला जीवनदान दिया. वहीं जब वो 39 रन के स्कोर पर थे तो उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लग गेंद पंत की तरफ गई, पंत ने लेग की तरफ लंबी छलांग लगाई लेकिन कैच उनके ग्लव्स को छूते हुए निकल गया.

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