चीन के खिलाफ ट्रम्प ने दिया ये बड़ा बयान

यही फर्क है चीन और अमेरिका में. चीन इतना शातिर है कि दुश्मन का जो नुकसान करना होता है, वह उसका शोर नहीं मचाता, कर गुजरता है. जबकि डोनाल्ड ट्रम्प इस जगह पर अपरिपक्व नज़र आते हैं जो हर बात खुल कर कह देते हैं. अब फिर दिया है ट्रम्प ने चीन को लेकर एक बड़ा बयान..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 23, 2020, 02:58 AM IST
    1. चुक रहा है अमेरिका का धैर्य
    2. ट्रम्प ने दे डाली सीधी धमकी
    3. अमेरिका मानता है कि कोरोना है चीनी वायरस
चीन के खिलाफ ट्रम्प ने दिया ये बड़ा बयान

नई दिल्ली: सारी दुनिया में सबसे शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका को माना जाता है लेकिन सच तो ये भी है कि दुष्टता के पैमाने पर दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र चीन ही है. और चीन के निशाने पर सबसे पहले अमेरिका ही रहा है. अब चीन का बदशक्ल चेहरा जब दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है तो इस दुनिया में बस एक ही देश ऐसा है जो खुले आम चीन को ललकार रहा है और उसको धमकियां दे रहा है और ये देश है अमेरिका.

चुक रहा है अमेरिका का धैर्य

चीन को लेकर अमेरिका का धैर्य दिनों दिन चुकता जा रहा है. हर दिन कोरोना को लेकर चीन के खिलाफ अमेरिका की तल्खी बढ़ती जा रही है. अब ट्रंप चीन को एक बड़ी धमकी दे डाली है जो कि दरअसल चीन के लिए अप्रत्याशित कदाप नहीं है. अमेरिका ने कहा है कि कि अगर चीन प्रावधानों का पालन करने में चालाकी दिखायेगा तो अमेरिका उसके साथ हुई ट्रेड डील को खत्म कर देगा.

ट्रम्प ने दे डाली सीधी धमकी

जहां दूसरे देश अभी भी चीन को आड़े हाथ लेने के लिए सीधे सीधे सामने नहीं आ रहा, अमेरिका चीन को खरी खोटी सुनाने में पीछे नहीं है. कम से कम दुनिया में एक देश तो ऐसा है जो चीन को ये मह्सूस नहीं होने दे रहा है कि दुनिया का दरोगा चीन है. अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीधी धमकी देते हुए चीन के लिए कह दिया कि चीन के प्रति उनसे ज्यादा सख्त और कोई नहीं हो सकता.

अमेरिका मानता है कि कोरोना है चीनी वायरस

अमेरिका और चीन के बीच चल रहे विवाद के पीछे की वजह कोरोना वायरस ही है. अमेरिका मानता है कि कोरोना है चीनी वायरस है और स्वयं राष्ट्रपति ट्रंप कई बार इसे 'चीनी वायरस' कह चुके हैं.

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चूंकि चीन से उत्पन्न कोरोना वायरस महामारी ने सबसे बड़ा नुकसान अमेरिका का किया है इसलिए अमरीकी राष्ट्रपति का गुस्सा जायज़ है.  अमेरिका  की सत्ता प्रतिष्ठान इस बारे में संदेह जता रहा है कि कहीं यह वायरस चीन के किसी लैब से तो नहीं निकला है.

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