नई दिल्ली: सब जानते हैं कि आवश्यकता अविष्कार की जननी है. इसी तथ्य को रूस ने चरितार्थ किया है और रिकार्ड 20 दिनों में एक बड़ा अस्पताल खड़ा कर दिया है जो कि कोरोना से रूस की जंग को मजबूत करेगा और एक साथ दस हजार लोगों का उपचार कर सकेगा.
दस हजार श्रमिकों ने किया है परिश्रम
रूस के इस कोरोना अस्पताल को करीब 10 हजार से ज्यादा मजदूरों ने तैयार किया है. और अगर खर्चे की बात करें तो इस अस्पताल को बनाने में लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसमें आधे बिस्तर आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा से लैस होंगे. अब तक रूस में कोरोना वायरस से निपटने के लिए 18 अस्पताल तैयार किये गये हैं.
राजधानी मास्को में तैयार हुआ है अस्पताल
मास्को में तैयार किया गया यह अस्पताल सबसे बड़ा है. इस को छोड़ कर शेष सभी सत्रह कोरोना अस्पताल सेना ने बनाए हैं.इधर इस अस्पताल का निर्माण हुआ कि उधर मरीजों ने आना भी शुरू कर दिया अब हालत ये है कि दो दिन में ही मॉस्को का ये प्रमुख अस्पताल वीआईपी लोगों से भर गया है. जैसा कि सर्वविदित है, रूस में 69 फीसदी संक्रमण के मामले मॉस्को में ही देखे गये हैं.
आ रहे हैं हजार मामले रोज़
एक तरफ तो रुस में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 10 हजार के पार हो गई है और यहां 76 कोरोना मौतें भी हो चुकी हैं. तो दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है और कहा है कि यदि सावधानी नहीं रखी गई तो अभी सबसे खराब स्थिति आनी बाकी है. अच्छ खबर ये है कि रूस ने भी वैक्सीन का इंसानों पर टेस्ट शुरू कर दिया है.
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