5 महामारियां, जिनसे बदल गई दुनिया! कोरोना तो सिर्फ एक 'ट्रेलर' है

अगर आप कोरोना वायरस को दुनिया की सबसे बड़ी और भयानक महामारी समझ रहे हैं तो आप सरासर गलत है. क्योंकि हम आपको इस रिपोर्ट में उन 5 महामारियों से परिचय कराने जा रहे हैं, जिसने इस पूरी दुनिया बदल कर रख दी.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Apr 10, 2020, 10:01 AM IST
    1. BLACK DEATH ने 1347 में यूरोप में दी थी दस्तक
    2. SPANISH FLU का प्रकोप साल 1918 में दुनिया पर छाया
    3. JUSTINIAN PLAGUE छठी शताब्दी में आया था
    4. HIV/AIDS का पहली बार 1981 में पता चला था
    5. कोरोना वायरस, दिसंबर 2019 में चीन के वुहान से फैला
5 महामारियां, जिनसे बदल गई दुनिया! कोरोना तो सिर्फ एक 'ट्रेलर' है

नई दिल्ली: कोरोना महामारी का दुनिया में संकट इस कदर मंडरा रहा है कि हर कोई बेबस और लाचार हो गया है. अमेरिका से लेकर इटली फ्रांस स्पेन तक कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा हर देश में काफी ज्यादा है. लेकिन क्या आपको इस बात की थोड़ी भी जानकारी है कि कोरोना के अलावा ऐसी भी महामारी है जिसने दुनिया को इतना बेबस कर दिया था कि 20 करोड़ लोग एक झटके में मौत की आगोश में चले गए.

दुनिया में कोरोना का 'आपात'काल

आंकड़े बता रहे हैं दुनिया में कोरोना का नरसंहार जारी है. महाशक्तियां खौफ़ मे हैं, रास्ता नहीं दिख रहा कोरोना की रफ्तार कैसे और कब तक रुकेगी. लेकिन कोरोना पहले भी दुनिया ने ऐसी बुरी स्थिति का सामना किया है, जब सिर्फ एक विषाणु ने करोड़ों लोगों की सांसे हमेशा-हमेशा के लिए रोक ली. आपको ऐसी ही 5 महामारी से दो-चार होने की आवश्यकता है.

हम आपको दुनिया की 5 महामारी के बारे में बताते हैं, जिनसे बदल गई दुनिया

5 महामारियां, जिनसे बदल गई दुनिया

1. BLACK DEATH

BLACK DEATH यानी काली मौत... ये यूरोप के इतिहास का एक ऐसा अध्याय है, जिसके बारे में सोच कर भी हर किसी की रूह कांप उठती है. कोई भी उस मौत के तांडव की दास्तां को याद भर करता है तो उसका पोर-पोर थर्रा उठता है. ये मौत का वही मंजर है जिसने एक या दो नहीं बल्कि करीब 20 करोड़ लोगों को मार डाला. इस महामारी के सितम को सुनकर किसी को भी अपने कांनों पर यकीन नहीं होता है. 

BLACK DEATH ने 1347 में यूरोप में दस्तक

इस खौफनाक काली मौत ने 1346 के आस पास अपनी दस्तक दी थी, जिसके भयावह प्रभाव ने पूरे यूरोप को तबाही की कगार पर ला खड़ा कर दिया था. जानकारी के अनुसार इस महामारी का असर करीब 1353 तक रहा. यूरोप में एक प्रकाशन के माध्यम से ये बात सामने आई थी कि ये एक प्रकार का विषाणु है. जो प्लेग के अलग-अलग रूप में होने के कारण था. 

बताया तो ये भी जाता है कि यूरोप के लोगों में ये काली मौत इस हद तक फैल गई थी कि यहां के व्यापारियों के जहाज के सहारे कुछ चूहों में भी इस बीमारी का प्रकोप पहुंच गया था. जो देखते-देखते मध्य एशिया में भी फैल गए थे. इस महामारी ने यूरोप के 30 से 60 फीसदी लोगों को खत्म कर दिया. ये आंकड़े वाकई बेहद डरावने हैं. ब्लैक डेथ उस समय की सबसे भयानक बीमारी थी. जानकारो का मानना है कि इस रोग की उत्पत्ति एक प्रकार के विषाणु यर्सीनिया पेस्टिस के चलते हुई, जिसके घातक प्रभाव में चूहों के बाद गिलहरी भी आ गई थे.

2. SPANISH FLU

SPANISH FLU की 1918 में दस्तक

वो दौर भी बड़ा अजीब था... जिस वक्त पूरी दुनिया साल 1918 में प्रथम विश्व युद्ध के सदमे से निकलने की कोशिश में जुटी थी. उसी वक्त स्पेनिश फ्लू नाम की 'मौताना मंजर' का तांडव पूरी दुनिया ने देखा. उस वक्त हर कोई उस खौफनाक पल का गवाह बना, क्योंकि जितने लोगों ने पहले विश्व युद्ध से अपनी जान गंवाई थी, उतने से दोगुनी संख्या में लोगों को इस स्पेनिश फ्लू नामक महामारी ने अपना शिकार बना लिया.

उस समय दुनिया के 1/3 लोग संक्रमित

स्पेनिश फ्लू का कहर दुनिया पर कुछ यूं बरपा कि उस समय दुनिया के करीब 1/3 लोग इस बीमारी के चपेट में आ गए. संक्रमित लोगों का आंकड़ा लगभग 50 करोड़ पहुंच गया था. उस दौर में 5 करोड़ लोगों के मारे जाने का अनुमान लगाया गया. अकेले अमेरिका में 6 लाख 75 हज़ार लोगों की मौत हो गई थी. जो मानव इतिहास की सबसे भीषण महामारियों में से एक थी, स्पेनिश फ्लू...

3. JUSTINIAN PLAGUE

इस महामारी को प्रभाव भी पूरी दुनिया पर उतहा ही खतरनाक था, जितना कि अन्य... इस बात से इसके भयंकर स्वरूप का अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये JUSTINIAN PLAGUE छठी शताब्दी में आया था.

जस्टिनियन प्लेग से दुनिया तकरीबन 4 साल तक प्रभावित रही थी. विशेषज्ञों ने तो ये तक दावा किया कि इस प्लेग से दुनिया के करीब 10 फीसदी से अधिक जनसंख्या खत्म हो गई थी. अनुमान लगाया जाता है कि इससे करीब 3-5 करोड़ लोगों के मारे गए थे. एशिया, नॉर्थ अफ्रीका, अरब और यूरोप में इस संक्रमण ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया था.

आपको बता दें, उस वक्त के बाइजेंटाइन साम्राज्य के शहंशाह जस्टिनियन भी इस भयानक बीमारी से ग्रसित हो गए थे, हालांकि उस वक्त उनकी जान बच गई थी. कहा जाता है कि इसी लिए इस बीमारी का नाम जस्टिनियन प्लेग पड़ गया.

4. HIV/AIDS

HIV (ह्युमन इम्युनडिफिशिएंशी वायरस) जिसे हिन्दी में मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु कहते हैं. ये एक प्रकार का वायरस यानी विषाणु होता है. जो मनुष्य के शरीर की रोग-प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रहार करता है. इस बीमारी के खिलाफ लड़ने की क्षमता धीरे-धीरे कम होता जाता है. एक स्थिति पर पहुंचकर ये लाइलाज बीमारी एड्स का कारण बन जाता है.

आपको बता दें, मुख्य तौर पर ये यौण संबंध और खूर (रक्त) के माध्यम से फैलने वाला वायरस है, जो शरीर के श्वेत रक्त कणिकाओं को घातक नुकसान पहुंचाता है. ये वायरस इलाज के लिए बहुत बड़ी परेशानी उत्पन्न करता है.

HIV/AIDS का पहली बार 1981 में पता चला 

मनुष्यों में होने वाले HIV संक्रमण को WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने महामारी माना है. HIV/AIDS के बारे में पहली बार साल 1981 में पता चला था. जानकारी के अनुसार इसके चपेट में दुनिया के 7.50 करोड़ लोग हैं और अब तक 3.20 करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है.

5. COVID-19

वर्तमान में कोरोना वायरस,.. चीन के वुहान से फैले इस वायरस की चपेट में पूरी दुनिया आ चुकी है. इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक दुनियाभर में कोरोना के 16 लाख 3 हज़ार 600 से ज्यादा मामले आ चुके हैं. 3 लाख 56 हजार 440 लोगों ने कोरोना को मात दे दी और 95 हजार 716 लोगों ने जान गंवा दी है.

पहले दिन से अब तक 45 हजार गुना बढ़े मामले

वो 31 दिसंबर का दिन था, 2019 का आखिरी दिन, दुनिया नए साल के जश्न की तैयारी यही सोच कर रही थी कि आने वाला साल पूरी दुनिया के लिए बीते साल से बेहतर होगा, नए साल ने दस्तक दी तो पूरी दुनिया में जश्न देखने को मिला, लेकिन कौन जानता था कि चीन के वुहान में दबे पांव ऐसा खतरनाक वायरस जन्म ले चुका है जो 2020 में पूरी दुनिया की रफ्तार पर इमरजेंसी ब्रेक लगा देगा.

भला ये कौन जानता था कि पूरी दुनिया के लिए लॉकडाउन शब्द आम हो जाएगा, दुनिया के बड़े-बड़े और चर्चित शहर खाली हो जाएंगे और किसने सोचा था कि इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे देशों में अपनों के लिए लोगों को कब्रगाह ढूंढने के लिए हफ्तों की लंबी कतार से गुजरना होगा और फिर भी जमीन ना मिले तो कोसने के लिए कोई नहीं.

कोरोना को 100 दिन पूरे, अबतक 209 देशों तक पहुंचा

नए साल को दस्तक दिए 100 दिन ही तो हुए हैं और चीन की चेतावनी के बाद दुनिया के सामने पहली बार आए कोरोना को जाने हुए भी 100 दिन पूरे हो चुके हैं. जिसमें लगातार WHO से आती एडवाइजरी शामिल हैं. लेकिन बीते 100 दिनों में दुनिया ने जिन बड़े बदलावों को देख लिया है झेल लिया है.

दुनिया ने दो-दो विश्व युद्ध देखे, परमाणु हमला भी देखा, कोविड-19 से पहले भी कई वायरस देखे लेकिन जो हाल कोरोना कर रहा है उससे दुनिया बचे कैसे फिलहाल तो सवाल यही है.

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जो डरेगा वही तो बचेगा इसी नीति को अपनाते हुए हर किसी के ज़ेहन में ये बात उतर गई है कि घर पर रहेंगे तभी तो इससे बचे रहेंगे. पूरी दुनिया सबसे बड़ी और कड़ी लड़ाई से दो-दो हाथ कर रही है. अदृश्य दुश्मन को हराने के लिए हर कोई हथियार के निर्माण में जुटा हुआ है. लॉकडाउन की लक्ष्मण रेखा को भी गंभीरता से लेना ही हर किसी के लिए जीवनदान है, कुछ भी लापरवाही, गलती या चूक सबके किए कराए पर पानी फेरा जा सकता है. ऐसे में पूरी दुनिया दहल उठी है. हर कोई ये जानना चाहता है क्या अन्य महामारी की तरह कोरोना भी कई सालों तक रहेगी या फिर कोरोना को हराकर भारत के विश्वगुरू बनने का समय आ चुका है?

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