...तो क्या पाकिस्तान को निगल जाएगा 'ड्रैगन'? समझिए चीन का प्लान

क्या चीन के कर्ज के जाल में फंस गया है पाकिस्तान? क्या पाकिस्तान को निगल जाएगा ड्रैगन? ये बड़े सवाल अमेरिका ने उठाए हैं. अमेरिकी रक्षा विभाग के एक पूर्व अधिकारी ने उठाये हैं. उन्होंने यहां तक कहा है कि पाकिस्तान चीन का पार्टनर नहीं बल्कि उसकी कॉलोनी बनने वाला है और पाकिस्तान को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा...

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 8, 2020, 05:59 AM IST
    • खुद को चीन का पार्टनर नहीं समझो इमरान
    • इमरान को महंगी पड़ सकती है ड्रैगन से दोस्ती
    • चीन की 'कॉलोनी' बनने वाला है पाकिस्तान
    • ..ऐसे तो बर्बाद हो जाएगा आतंकिस्तान
...तो क्या पाकिस्तान को निगल जाएगा 'ड्रैगन'? समझिए चीन का प्लान

नई दिल्ली: हर कोई यही जानना चाहता है कि क्या चीन ने दोस्ती का गेम खेलकर पाकिस्तान को अपना सबसे बड़ा टारगेट बनाया है? ये सवाल पाकिस्तान के वजूद से जुड़ा है. चीन से पाकिस्तान की दोस्ती इमरान को भारी पड़ सकती है, इसके संकेत अमेरिका ने दिये हैं.

खुद को चीन का पार्टनर नहीं समझो इमरान

डॉक्टर माइकल रुबिन जो कि अमेरिकी रक्षा विभाग के एक पूर्व अधिकारी हैं, उन्होंने ये चेतावनी दी है कि चीन के लिए पाकिस्तान किसी तरह का कोई पार्टनर नहीं बल्कि एक तरह का कॉलोनी देश बनता जा रहा है. पाकिस्तान को चीन के साथ दोस्ती महंगी पड़ सकती है.

इमरान को महंगी पड़ सकती है ड्रैगन से दोस्ती

पाकिस्तान इस गलतफहमी में है कि चीन उसका ऐसा साथी है जो LoC पर भारत की जवाबी कार्रवाई को थाम सकता है. साथ ही चीन कभी पाकिस्तानी भ्रष्टाचार, अल्पसंख्यकों की खराब हालत और मानवाधिकारों के खस्ताहाल होने पर पाकिस्तान की आलोचना नहीं करता है

चीन की 'कॉलोनी' बनने वाला है पाकिस्तान

इसके अलावा पाकिस्तान खुद चीन के लिए एक बड़ा बाजार है. जो रणनीतिक बंदरगाह तक चीन को पश्चिम एशिया के देशों और ग्वादर में पहुंच दे सकता है. लेकिन पाकिस्तान को बहुत जल्द अहसास होगा कि उसने किस देश से दोस्ती वाली खतरनाक डील की है. पाकिस्तान ने एक ऐसे देश से समझौता किया है.

जिस चीन ने मजहब के बुनियाद पर कैंपों में 10 लाख उइगर मुसलमानों को कैद करके रखा है. उसे भला पाकिस्तानियों की मौत और उनके अपमान से भला क्या फर्क पड़ता है.  कोरोना वायरस की बात करें तो चीन के दबाव में ही इमरान ने पाकिस्तान में संपूर्ण लॉकडाउन नहीं किया.

...ऐसे तो बर्बाद हो जाएगा आतंकिस्तान

वहीं सीपेक में 10 से 15 हजार चीनी कर्मचारी काम करते हैं और चीन ने सीपेक में कर्मचारियों की टेस्टिंग और क्वारंटीन करने की कोई तैयारी भी नहीं की है. जिससे पाकिस्तान में चीन से आने वाले लोगों के ज़रिये संक्रमण ब्लास्ट भी कर सकता है.

इसे भी पढ़ें: नाम बदलो या ठिकाना, तय है आतंकियों का जहन्नुम जाना! हाफिज सईद की नई साजिश

यानी आने वाले दिनों में चीन से दोस्ती के खतरनाक नतीजे पूरा पाकिस्तान देख सकता है और इमरान को चीन से दोस्ती महंगी पड़ सकती है.

इसे भी पढ़ें: तीसरे विश्वयुद्ध की आहट, जानिए कैसे हो सकती है शुरुआत

इसे भी पढ़ें: राष्ट्रवादी पत्रकारों को परेशान करने की साजिश, जी न्यूज के एडिटर-इन-चीफ के खिलाफ FIR

ट्रेंडिंग न्यूज़