नई दिल्लीः जी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. उन्होंने पिछले दिनों ऐसी कई घटनाएं उठाईं, जिनकी वजह देश में मजहबी कट्टरपंथियों की जड़ें हिल गईं. जिसके बाद कथित लेफ्ट लिबरल लॉबी हमेशा की तरह उनके बचाव में उतर आई. सुधीर चौधरी ने मजहबी कट्टरपंथ के हथियार बने जिहाद का मुद्दा उठाया था. जिसके कई रुप पिछले दिनों सामने दिखाई दिए. सच बोलने के कारण सुधीर चौधरी पर तमाम दबाव पड़े. उन्हें धमकियां तक दी गईं.
लेकिन सुधीर चौधरी ने सच का साथ नहीं छोड़ा. लेकिन वामपंथी लॉबी ने ऐसी हरकत की है. जिसके बाद लगता है कि सच कहना और बताना तो गुनाह ही हो गया है. जिहाद का मुद्दा उठाने के लिए, जिहाद का सच बताने के लिए जी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी के खिलाफ केरल में FIR दर्ज की गई है.
पत्रकार ने खुद ट्वीट करके दी जानकारी
इस बारे में खुद सुधीर चौधरी ने ट्वीट करके जानकारी दी है. उन्होंने अपने पहले ट्वीट में कहा कि यह रहा मेरा पुलित्जर अवार्ड. केरल पुलिस ने मेरे खिलाफ गैरजमानती धारा में FIR दर्ज की है. शर्मनाक और असुविधाजनक तथ्यों को सामने रखने के लिए उन्हें एक्सपोज करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है.
Here’s my Pulitzer Prize for reporting the truth.Sharing the citation— an FIR filed against me by the Kerala police under nonbailable sections.The award for exposing inconvenient facts.A clear msg for media.If u don’t toe the decades old pseudo-secular line you’ll be behind bars. pic.twitter.com/zV3GvNg2YR
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) May 7, 2020
यह मीडिया को साफ संदेश देने की कोशिश है कि यदि आप धर्मनिरपेक्षता के दशकों पुराने छद्म और छल को सामने रखेंगे तो आप सलाखों के पीछे होंगे.
केरल पुलिस ने मेरे ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती धाराओं में FIR दर्ज की है।आरोप लगाया है कि DNA में #ZameenJihad का मुद्दा उठाकर मैंने मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है।मेरा सवाल:
क्या भारत में जिहाद का मुद्दा उठाना गुनाह है? जिहाद का नाम लिया तो जेल में डाल देंगे?#JihadVsZee— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) May 7, 2020
एक सवाल, केरल में क्यों दर्ज की गई FIR
एक कहावत है, झूठ के पैर नहीं होते हैं. कुछ ऐसी ही तस्वीर यहां भी नजर आएगी जो शीशे की तरह साफ है. आखिर केरल में ही क्यों FIR दर्ज कराई गई. देश के दूसरे छोर पर, यह भी एक तरह की साजिश है, जिससे इन्कार नहीं किया जा सकता है. साजिश इस बात की ताकि एक पत्रकार इन मुकदमे बाजी में फंसा रहे, अपने कर्तव्य से अलग हो जाए.
दूसरा तथ्य है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं. इस तरह कड़ियों से कड़ियां जोड़ते जाइए और राजनीतिक साजिश पर गौर करते जाइए.
DNA प्रोग्राम में दिखाई थी जिहाद की सच्चाई
वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी के खिलाफ यह कार्रवाई मार्च में ब्रॉडकॉस्ट हुए DNA प्रोग्राम के कारण की गई है. इस कार्यक्रम उन्होंने जिहाद की सच्चाई सामने रखते हुए उसके कई प्रकार बताए थे. इसके ही आधार पर उन पर धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने का बेतुका आरोप लगाया गया है.
पत्रकार ने अपने कार्यक्रम में वही दिखाया जो कि समाज में दशकों से हो रहा है. धर्मनिरपेक्षता का चोला ओढ़कर राष्ट्रवाद को खामोश करने की छद्म कोशिश लगातार जारी है.
ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है #isupportSudhirchaudhary
तकरीबन 6 घंटे पहले FIR की खबर वायरल होते ही सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया. हर ओर DNA और जिहाद की चर्चा तेज हो गई. लोगों ने प्रोग्राम के कंटेंट को सही ठहराते हुए ट्विटर पर #isupportSudhirchaudhary लिखते हुए पत्रकार का सपोर्ट करना शुरू किया. देखते ही देखते ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा. यह ट्विटर के टॉप मोस्ट ट्रेंड में बना हुआ है.
इसके अलावा #iStandWithSudhirChaudhary, और #मैं_भी_सुधीर_चौधरी ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं. लोग इस मुद्दे पर राय रख रहे हैं.
अभी अर्नब गोस्वामी को किया परेशान, सिलसिला जारी है
इस वक्त देश का वामपंथी धड़ा बिल्कुल बिलबिलाया हुआ है. फिर चाहे वह धड़ा मीडिया में हो या राजनीति में या फिर समाज में ही क्यों न हो, उनका एक मकसद है कि राष्ट्रवादी पक्ष पर चोट करना. वामपंथी रुख रखने वाले विरोधी माध्यम जो कि चील घात की तरह नजर जमाए बैठे हैं, वे अपने लक्ष्यहीन हथियारों के जरिए राष्ट्रवाद, विश्लेषण और खबरों के सही-सत्य प्लेटफॉर्म को चोटिल करना चाहते हैं. इसी सोच के तहत अभी कुछ दिन पहले पत्रकार अर्नब गोस्वामी को परेशान किया गया था. पुलिस ने उनसे 12 घंटे बिठाकर पूछताछ की थी.
सत्य का साथ नहीं छोड़ सकता एक पत्रकार
महाभारत में एक प्रसंग में विदुर कहते हैं कि सत्य केवल सत्य होता है. यही धर्म होता है. किसी भी तरह का कष्ट, आपत्ति या संकट आने के बाद भी सत्य को छोड़ा या अनदेखा नहीं किया जा सकता है. राजा के भय से या अत्याचारी के अत्याचार से भी डरकर सत्य को नहीं छिपाया या दबाया जा सकता है. सवाल उठता है कि क्या पत्रकार को ही सच का हाथ छोड़ देना चाहिए. लेकिन फिर पत्रकार का धर्म कहां बच पाएगा.
इसलिए सुधीर चौधरी ने भी सत्य का साथ दिया है. इसलिए देश के करोड़ो लोग उनके साथ खड़े हो गए हैं.
सत्य की ही विजय होगी.