नई दिल्ली: कोरोना वायरस की जो बर्बादी दुनिया को आज नज़र आ रही है शायद उससे भी बड़ी बर्बाद आगे नज़र आये जब कोरोना का आफ्टर-इफेक्ट दुनिया आर्थिक तबाही का खतरनाक मंज़र पेश करेगा. लेकिन भारत और चीन के लिए अच्छी खबर ये है कि इस वैश्विक आर्थिक तबाही के दौर में दुनिया में मजबूती से खड़े रहेंगे सिर्फ भारत और चीन. और यह बयान आया है यूनाइटेड नेशंस से.
UNCTAD ने जारी किया बयान
कोरोना वायरस के हाथों दुनिया में होने वाली तबाही का यूनाइटेड नेशंस में गहन अध्ययन चल रहा है. इस वैश्विक संगठन का मानना है कि यह संक्रमण दुनिया भर में आर्थिक तबाही की वजह बनेगा लेकिन दो देश दुनिया में ऐसे भी होंगे जो इससे अछूते रहेंगे और वे होंगे -भारत और चीन. यूनाइटेड नेशंस के अनुषांगिक संगठन युनाइटेड नेशन ट्रेड एंड डेवलेपमेंट बॉडी (UNCTAD) ने आज के हालात को देखते हुए कोरोना के भावी परिणामों का इस तरह से अनुमान लगाया है.
मंदी की तरफ बढ़ रही है दुनिया
संयुक्त राष्ट्र के अनुषांगिक संगठन युनाइटेड नेशन ट्रेड एंड डेवलेपमेंट बॉडी (UNCTAD) ने चीनी वायरस के वैश्विक संक्रमण पर एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार कोरोना के कहर से दुनिया मंदी की दिशा में बढ़ रही है. इस रिपोर्ट में ही ये राहत की खबर भारत और चीन के लिए दी गई है कि इन दोनों दक्षिण एशियाई देशों पर वैश्विक मंदी की मार दूसरे देशों की तुलना में कम पड़ेगी.
कई ट्रिलियन डॉलर्स का नुकसान
कोरोना वायरस की यह वैश्विक महामारी आर्थिक मोर्चे पर दुनिया के लिए सबसे बुरी खबर बनने वाला है. इस महामारी के कारण सारा विश्व आर्थिक मंदी के मुहाने पर आकर खड़ा हो गया है. इससे दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को कई ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने की आशंका लगाईं गई है.
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ये सभी तथ्य यूनाइटेड नेशंस ताजा ट्रेड रिपोर्ट के माध्यम से सामने आये हैं. रिपोर्ट कहती है कि सभी विकासशील देशों को बड़ी आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ेगा जबकि चीन और भारत इस स्थिति में अपवाद साबित होंगे.
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