कैसे 'कोरोना बम' में तब्दील हो गया तबलीगी जमात, जानिए सिलसिलेवार कहानी

तबलीगी जमात, एक धार्मिक आयोजन, लेकिन कोरोना के इस संकट काल में यह एक बड़ा वायरस विस्फोट बनने की कगार पर है. 24 घंटों में देशभर में यहां शामिल हुए लोगों की मौत से कोरोना से हुई मृत्यु दर बढ़ गई तो संक्रमितों की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ी. यहां इकट्ठे लोग भीड़ में थे ही, निकलते वक्त इधर-उधर थूक-पीक भी कर रहे थे. इसलिए खतरा बढ़ गया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 1, 2020, 03:24 AM IST
कैसे 'कोरोना बम' में तब्दील हो गया तबलीगी जमात, जानिए सिलसिलेवार कहानी

नई दिल्लीः किसी भी मामले में आप कितने भी चाक-चौबंद क्यों न हो लें, कितनी भी चौकसी क्यों न कर लें, लेकिन एक भूल कैसे भारी पड़ जाती है, इसका साफ उदाहरण है दिल्ली का निजामुद्दीन इलाका और यहां हुआ धार्मिक आयोजन तबलीगी जमात.

24 घंटे के अंदर-अंदर सरकारी आदेश की अवहेलना वाले इस कार्यक्रम ने कोरोना को लेकर जागरूकता व बचाव की कोशिश में वो पलीता लगाया है कि पूरा देश इसके विस्फोटक मुहाने पर जा खड़ा है. हालत यह है कि जड़ता का यह ज्वालामुखी तब फटा कि अब फटा. कैसे हो गई यह स्थिति, घटना पर सिलसिले वार एक नजर-

13 से 15 मार्च को हुआ आयोजन
दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में 13 से 15 मार्च को तबलीगी जमात का कार्यक्रम हुआ था. इसमें देश के कोने-कोने से लोग जुटे. यहां तक विदेशों से भी लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है. मुस्लिम देशों के कई लोग यहां मौजूद रहे.

बताया जा रहा है कि तबलीगी जमात के इस मरकज में 2000 की संख्या में लोग शामिल थे. यह होली के बाद का समय था. जबकि इसके पहले ही राष्ट्रपति भवन म्यूजियम, मुगल गार्डेन, ऐतिहासिक इमारतें बंद की जा चुकी थीं. 

दिल्ली सरकार ने लोगों के इकट्ठा होने पर लगाई थी रोक
कोरोना संकट के चलते बड़े-बड़े कार्यक्रम टाले जा रहे थे. आयोजन रद्द किए जा रहे थे. ऐतिहासिक इमारतों की बंदी के बीच यह आदेश दिया गया कि किसी भी सार्वजनिक स्थल पर 50 से अधिक लोग जमा नहीं होंगे, पहले यह संख्या 200 तक सीमित थी.

कोरोना संकट को देखते हुए राज्य सरकारें कदम उठा रही थीं. दिल्ली में मामले सामने आने के बाद एहतियात अधिक बरती जा रही थी. लेकिन इसे विडंबना ही कहेंगे कि राष्ट्रीय राजधानी में नाक के नीचे ही 2000 लोग जमा थे जो कि अब इस जानलेवा वायरस के वाहक बन चुके हैं. 

जब तेलंगाना में मरे 6 लोग
कोरोना के कारण देश में संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा था और मृतकों की संख्या बढ़ने की गति भी धीमी थी. अचानक शनिवार को दिल दहलाने वाली घटना सामने आई कि तेलंगाना में कोरोना संक्रमित 6 लोगों की मौत हो गई. इन लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री का पता लगाया गया तो यह सभी लोग कुछ दिन पहले ही दिल्ली से होकर लौटे थे.

तेलंगाना सीएमओ की तरफ से आगे कहा गया है कि जो भी लोग दिल्ली में मरकज में गए उन्हें दिल्ली अथॉरिटीज को सूचित करना चाहिए. सरकार उनका फ्री में जांच और इलाज कराएगी. किसी को भी इस बारे में कोई सूचना है तो वे सरकार को जरूर बताएं.

लेकिन, दिल्ली में ऐसा क्या था जो ये वहां गए
यही बड़ा सवाल कौधा कि छह लोग, सभी दिल्ली ही क्यों गया था. तब जाकर यह भेद खुला कि दिल्ली में मरकज में शामिल यह लोग वहां कोरोना पॉजिटिव हुए थे. इसके बाद यह लोग न जाने कितने लोगों के संपर्क में आए होंगे यह सोचकर ही हड़कंप मच गया.

दरअसल यह सभी लोग निजामुद्दीन के तबलीगी जमात में शामिल थे और इस जमात में 2000 लोग मौजूद थे. यहीं से यह भी सामने आया कि देश के कई राज्य के लोग इसमें शामिल होने पहुंचे थे. 

देशभर में पाए गए कोरोना पॉजिटिव
तबलीगी जमात से अब देशभर में कोरोना के संक्रमण फैलने का मामला सामने आ रहे हैं.  मरकज में आए लोगों में से अब तक सिर्फ राजधानी दिल्ली में ही 24 में कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं. इनमें कोरोना पॉजिटिव के छह मामले रविवार को सामने आए थे. जबकि सोमवार को 18 मामले आए हैं. मरकज में शामिल होने आए लोगों में करीब 100 से ज्यादा विदेशी थे, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मलेशिया, सऊदी अरब, इंग्लैंड और चीन से थे.

हर कोने से आने लगी मरकज में संक्रमित लोगों की खबरें
घंटे दर घंटे बीतते हुए देश के हर कोने से मरकज में शामिल लोगों के संक्रमित होने की खबरें आने लगीं. सबसे पहले जम्मू की एक मौत का खुलासा हुआ कि यह शख्श भी मरकज में शामिल था. जम्मू-कश्मीर के 800 लोग कोरोना संदिग्ध हैं, जिनकी प्रशासन तलाश कर रहा है.

यूपी से भी 157 लोगों के शामिल होने की खबर के बाद हाई अलर्ट है. बताया जा रहा है कि कई लोग अंडमान तक पहुंच गए थे. वहां उनकी तबीयत खराब हुई तो उनकी मेडिकल जांच की गई. रिपोर्ट में 10 लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए गए. 

कई एंजेसियां घेरे में
यह जानने के बाद कि लोग दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में रुके हुए थे, उसके बाद दिल्ली पुलिस व संबंधित एजेंसियों को तबलीगी मरकज में रहने वाले सभी को क्वारंटाइन करने की सलाह दी गई. इसकी जानकारी जब गृह मंत्रालय व स्वास्थ्य विभाग तक पहुंची तब सोमवार को पुलिस से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी.

पुलिस ने जनता कर्फ्यू व लॉकडाउन से यहां फंसे लोगों में कोरोना फैलने की दलील दी है, लेकिन पुलिस की दलील से मंत्रालय संतुष्ट नहीं हो सकता. इस मामले में जल्द थाना पुलिस व अन्य संबंधित एजेंसियों पर गाज गिरने की आशंका है. 

कोरोनाः निजामुद्दीन मामले में बोले सीएम केजरीवाल, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

सवालों के घेरे में दिल्ली सरकार
अब जब इस कार्यक्रम में शामिल 10 लोगों की कोरोना के मौत होने के बाद हड़कंप मचा है तो केजरीवाल सरकार ने इस मसले पर बैठक की. सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के साथ दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन इस जलसे को अपराध करार दिया. 

बैठक के बाद सतेंद्र जैन ने बयान दिया कि 'आयोजकों ने घोर लापरवाही की है. तबलीगी जमात का आयोजन घोर अपराध है. हालांकि सवाल है कि यह सब आदेशों के बीच भी कैसे हुआ?

सीएम बोले, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे
दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केजरीवाल ने कहा कि ऐसे समय में जबकि लोगों को घर में रहने के निर्देश दिए जा रहे हैं. भीड़ न जुटाने की अपील की जा रही है. फिर भी निजामुद्दीन इलाके में हजार से 1500 से 2000 लोगों का इकट्ठा होना गंभीर मामला है.

उन्होंने कहा कि मरकज़ में बताया गया कि 12-13 मार्च को बहुत लोग इकट्ठा हुए. इतनी बड़ी भीड़ करना गलत था. इस मामले में दिल्ली सरकार ने कल ही LG को चिट्ठी लिखी है. केजरीवाल ने कहा कि इस मामले में अगर किसी भी अफसर की कोताही पाई गई, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.

पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना पॉजिटिव के आए 227 नए मामले
पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना पॉजिटिव के 227 नए मामले आए हैं, जो अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा केस हैं. इसके बाद भारत में कोरोना के कुल मामले अब तक बढ़कर 1251 हो गए हैं. इनमें से 1117 एक्टिव केस हैं, 112 इलाज हो चुके और 32 मौत शामिल है. 

 

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