फिर रूस के राष्ट्रपति चुने गए व्लादिमीर पुतिन, तोड़ देंगे जोसेफ स्टालिन का रिकॉर्ड

रूस के राष्ट्रपति चुनाव में व्लादिमीर पुतिन ने धमाकेदार जीत हासिल की है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पुतिन को 88 फीसदी वोट मिले हैं. राष्ट्रपति के तौर पर उनका यह पांचवां कार्यकाल होगा. वह साल 1999 से रूस की सत्ता में काबिज हैं. तब बोरिस येल्तसिन ने खराब सेहत की वजह से पुतिन को सत्ता सौंप दी थी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 18, 2024, 09:17 AM IST
  • रूस में 15 से 17 मार्च के बीच हुई थी वोटिंग
  • 'अब रूस और भी ज्यादा ताकतवर बनेगा'
फिर रूस के राष्ट्रपति चुने गए व्लादिमीर पुतिन, तोड़ देंगे जोसेफ स्टालिन का रिकॉर्ड

नई दिल्लीः रूस के राष्ट्रपति चुनाव में व्लादिमीर पुतिन ने धमाकेदार जीत हासिल की है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पुतिन को 88 फीसदी वोट मिले हैं. यह रूस के सोवियत इतिहास के बाद का सबसे पड़ा नतीजा है. राष्ट्रपति के तौर पर उनका यह पांचवां कार्यकाल होगा. वह साल 1999 से रूस की सत्ता में काबिज हैं. तब बोरिस येल्तसिन ने खराब सेहत की वजह से पुतिन को सत्ता सौंप दी थी. 

'अब रूस और भी ज्यादा ताकतवर बनेगा'

रूस में 15 से 17 मार्च के बीच मतदान हुआ था. पुतिन के प्रतिद्वंद्वी निकोले खारितोनोव को 4 फीसदी वोट मिले. वहीं व्लादिस्लाव दावानकोव और लियोनिट स्लटस्की क्रमशः तीसरे और चौथे नंबर पर रहे. चुनाव नतीजों के बाद पुतिन ने कहा कि अब रूस और भी ज्यादा ताकतवर और प्रभावशाली बनेगा.

पुतिन ने आसानी से छह साल का नया कार्यकाल सुरक्षित कर लिया है. अब वह जोसेफ स्टालिन से आगे निकल जाएंगे और 200 से अधिक वर्षों तक रूस के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले नेता बन जाएंगे.

जानिए पुतिन के बारे में

व्लादिमीर पुतिन का जन्म लेनिनग्राद में 7 अक्टूबर 1952 को हुआ था. उन्होंने स्नातक की पढ़ाई के बाद केजीबी में काम किया. 1985 से 1990 तक उन्होंने पूर्वी जर्मनी में काम किया. बाद में वह राजनीति में आ गए. अगस्त 1999 में रूस के प्रधानमंत्री बने. 31 दिसंबर 1999 को रूस के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने. फिर 26 मार्च 2000 को वह रूस के राष्ट्रपति चुने गये और 7 मई 2000 को पदभार ग्रहण किया. 14 मार्च 2004 को वे दूसरे कार्यकाल के लिए रूस के राष्ट्रपति चुने गए.

इसके बाद वह 8 मई 2008 को रूस के प्रधानमंत्री बने. 4 मार्च 2012 को फिर रूस के राष्ट्रपति चुने गए. इसके बाद 18 मार्च 2018 को एक बार फिर उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव जीता था.

पुतिन ने जनमत संग्रह कराने के बाद रूस में लगातार दो ही बार राष्ट्रपति बनने की समयसीमा खत्म करवा दी. अब वह 2036 तक राष्ट्रपति बने रहे सकते हैं. इसके बाद पुतिन सोवियत संघ पर लगभग तीन दशकों तक शासन करने वाले स्टालिन से आगे निकल जाएंगे.

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