Wrestlers Protest news: देश के लिए मेडल लाने वाले पहलवानों के साथ राजधानी में 'बदसलूकी' की गई जिसके बाद विनेश फोगाट ने आज यानी मंगलवार को बड़े एलान किए.
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Wrestlers Protest at Haridwar, Hunger Strike News: 28 मई को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उदघाटन कर रहे थे, उस वक़्त देश के प्रसिद्ध पहलवान धरना कर रहे थे. संसद की ओर मार्च करते हुए पहलवानों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया और इस दौरान कुछ के साथ दुर्व्यवहार भी किया गया. ऐसे में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat news) ने एक एलान किया और बताया कि वह अपने मेडलों को गंगा में बहाने जा रहे हैं.
ट्विटर के जरिए एक लंबा नॉट लिखते हुए विनेश फोगाट (Vinesh Phogat news) ने कहा, "हम महिला पहलवान अंदर से इतना ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है. हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे. अब लग रहा है कि क्यों जीते थे. क्या इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करे. हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे."
इसके बाद उन्होंने कहा, "अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है. इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना?" उन्होंने आगे कहा, "यह सवाल आया कि किसे लौटाएं. हमारी राष्ट्रपति को, जो ख़ुद एक महिला हैं. मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमसे सिर्फ़ 2 किलोमीटर बैठी सिर्फ़ देखती रहीं, लेकिन कुछ भी बोली नहीं."
"हमारे प्रधानमंत्री को, जो हमें अपने घर की बेटियाँ बताते थे. मन नहीं माना, क्योंकि उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध - बुध नहीं ली. बल्कि नयी संसद के उद्घाटन में हमारे उत्पीड़क को - बुलाया और वह तेज सफ़ेदी वाली चमकदार कपड़ों में फ़ोटो खिंचवा रहा था. उसकी सफ़ेदी हमें चुभ रही थी. मानो कह रही हो कि मैं ही तंत्र हूं," विनेश फोगाट (Vinesh Phogat news) ने आगे कहा.
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विनेश ने कहा, "ये मेडल अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर सिर्फ़ अपना प्रचार करता है यह तेज सफ़ेदी वाला तंत्र. और फिर हमारा शोषण करता है. हम उस शोषण के ख़िलाफ़ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है. इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा माँ हैं. जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था. ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र माँ गंगा ही हो सकती है, न कि हमें मुखौटा बना फ़ायदा लेने के बाद हमारे उत्पीड़क के साथ खड़ा हो जाने वाला हमारा अपवित्र तंत्र. आज शाम 6 बजे हम हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे."
"मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं. इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा. इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे. इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी. हम उनके जीतने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी."
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