राहुल गांधी का शायराना अंदाज़, बोले- नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं
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राहुल गांधी का शायराना अंदाज़, बोले- नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं

राजस्थान के अलवर में एक जनसभा को खिताब करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि लोग मेरे भारत जोड़ो यात्रा को लेकर सवाल उठाते हैं कि मैं क्या कर रहा हूं, तो मेरा जवाब हैं कि आप मुझसे नफरत करो, आप मुझे गाली दो. यह आपके दिल की बात है. आपका बाजार नफरत का है, लेकिन मेरी दुकान मोहब्बत की है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी

मालाखेड़ाः ‘भारत जोड़ो यात्रा पर निकले’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार काफी शायराना अंदाज में नजर आए. उन्होंने कहा कि यह मुल्क मोहब्बत का है, नफरत का नहीं है, इसलिए वह नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं. राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से भी मोहब्बत की दुकान खोलने की खुसूसी अपील की है. कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा के मकसद पर सवाल उठाने वाले भाजपा के नेताओं के लिए यही उनका जवाब है. कांग्रेस सांसद ने कहा, “महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, वल्लभ भाई पटेल, आंबेडकर और मौलाना अबुल कलाम आजाद ने भी कभी नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली थी, मैं भी यही कर रहा हूं.’’ 

लोग पूछते हैं राहुल गांधी क्या कर रहा है ? 
एक बड़ी जनसभा को खिताब करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ’’ भाजपा के नेता कहते हैं कि राहुल गांधी क्या कर रहा है? मेरे दिमाग में भी यह आया कि मैं क्या कर रहा हूं. मैं पैदल चल रहा हूं, लोगों से मिल रहा हूं. उनसे गले मिल रहा हूं. मैं कर क्या रहा हूं?’’ राहुल गांधी ने कहा, “अब मुझे उनके सवालों का  जवाब मिल गया है. भाजपा के कार्यकर्ताओं जो इशारों में पूछते हैं कि मैं क्या कर रहा हूं, वह सुन लें, मैं नफरत के बाजार में, मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं.” इस बीच राहुल गांधी ने अपनी यात्रा के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ ’फ्लाइंग किस’ करने का भी जिक्र किया. कांग्रेस नेता ने कहा, “आप मुझसे नफरत करो, आप मुझे गाली दो. यह आपके दिल की बात है. आपका बाजार नफरत का है, लेकिन मेरी दुकान मोहब्बत की है.” 
 

मैं चाहता हूं मजदूर का बेटा भी अंग्रेजी सीखे 
राहुल गांधी ने स्कूलों में अंग्रेजी के इस्तेमाल की आलोचना करने के लिए भाजपा नेताओं पर भी तीखा हमला किया. उन्होंने कहा, “भाजपा के नेता जहां भी जाते हैं, अंग्रेजी के खिलाफ बात करते हैं. स्कूलों में अंग्रेजी नहीं होनी चाहिए, बंगाली होनी चाहिए. हिंदी होनी चाहिए, लेकिन अंग्रेजी नहीं होनी चाहिए.’’  उन्होंने कहा, ’’ये जो नेता कहते हैं कि अंग्रेजी नहीं होनी चाहिए उनसे आप पूछिए कि आप बात तो अच्छी कर रहे हो मगर आपका बेटा कौनसे स्कूल में जाता है? क्या अंग्रेजी माध्यम स्कूल में जाता है. हां या ना... हां? इन सारे के सारे बच्चे. अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में जाते हैं और ये भाषण देते हैं कि अंग्रेजी किसी को नहीं बोलनी चाहिए. ये नहीं चाहते हैं कि हिंदुस्तान का गरीब, किसान का बेटा मजदूर का बेटा भी अंग्रेजी सीखे. वे चाहते हैं कि आप बड़े सपने नहीं देखो. आप खेत से ही न निकलो, आप मजदूरी से बाहर न निकलो. इसीलिए ये आपसे कहते हैं कि अंग्रेजी मत पढ़ो.’’

दुनिया से बात करने के लिए अंग्रेजी सीखनी चाहिए 
राहुल गांधी ने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा कि हिंदी मत पढ़ो. जरूर पढ़नी चाहिए. तमिल पढ़नी चाहिए, हिंदी पढ़नी चाहिए, मराठी पढ़नी चाहिए, हिंदुस्तान की सब भाषाएं पढ़नी चाहिएं. मगर अगर आप बाकी दुनिया से बात करना चाहते हो तो चाहे वह अमेरिका, जापान या ब्रिटेन हो तो वहां हिंदी काम नहीं आएगी. वहां अंग्रेजी ही काम आएगी.” कांग्रेस नेता ने कहा, “हम चाहते हैं कि हिंदुस्तान के गरीब से गरीब किसान का बेटा एक दिन अमेरिका के युवाओं से प्रतिस्पर्धा करे और उन्हीं की भाषा में उन्हें हराए. यह हमारा दृष्टिकोण है.”

राजस्थान के पूरी कैबिनट को सड़कों पर चलना चाहिए 
राहुल गांधी ने कहा, ’’महीने में एक बार राजस्थान की पूरी की पूरी कैबिनेट को राजस्थान की सड़कों पर चलना चाहिए. इस यात्रा में राजस्थान के नेता हर दिन 25 किलोमीटर मेरे साथ चले हैं. मैं कह रहा हूं कि 25 मत चलिए 15 किलोमीटर ही चलें. हर महीने एक दिन चुन लीजिए और फिर चलिए. आपके 30 मंत्री हैं, 33 जिले हैं. एक मंत्री को एक जिला दीजिए 15 किलोमीटर चलाइए जनता के बीच डालिए.” कांग्रेस नेता के अनुसार, ’अगर पूरी राजस्थान की सरकार महीने में एक बार चल ले तो लोगों की कठिनाई सीधे उन तक पहुंच जाएगी.’ राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, यह मेरा सुझाव है अगर वे करना चाहें. मुझे लगता है कि इससे कांग्रेस पार्टी का, राजस्थान का और हम सब का फायदा होगा.’’ 

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