Radhika Kheda Resigns: राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, कहा-'प्रभु श्रीराम का नाम लेने वालों...'
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Radhika Kheda Resigns: राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, कहा-'प्रभु श्रीराम का नाम लेने वालों...'

Radhika Kheda Resigns: लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे फेज की वोटिंग से पहले कांग्रेस को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. पार्टी की नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर राधिका खेड़ा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.

Radhika Kheda Resigns: राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, कहा-'प्रभु श्रीराम का नाम लेने वालों...'

Radhika Kheda Resigns: लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे फेज की वोटिंग से पहले कांग्रेस को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. पार्टी की नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर राधिका खेड़ा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले 4 मई को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली समेत पांच नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया था.

राम मंदिर का जिक्र करते हुए राधिका खेड़ा ने लिखा कि हर हिंदू के लिए प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है और राम लला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है, वहीं, कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं.

कांग्रेस के नेशनल प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम एक लेटर में उन्होंने लिखा, "आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है. हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण हैं. वर्तमान में प्रभु श्रीराम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं."

राधिका ने आगे कहा कि मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज़्यादा दिए, जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया डिपार्टमेंट में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां ऐसे ही विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है क्योंकि मैं अयोध्या में राम लला के दर्शन करने से ख़ुद को रोक नहीं पाई.

मेरे इस पवित्र काम का विरोध इस लेवल तक पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में हुए घटनाक्रम में मुझे इंसाफ देने से इनकार कर दिया गया. मैंने हमेशा ही दूसरों के इंसाफ के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, किंतु जब खुद के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने खुद को हारा हुआ पाया.

प्रभु श्रीराम की भक्त व एक महिला होने के नाते मैं बेहद आहत हूं. बार-बार पार्टी के टॉप नेताओं को अवगत कराने के बाद भी जब मुझे इंसाफ नहीं मिला , इससे आहत होकर मैंने आज यह फैसला लिया है.

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