Hit and Run Law: सरकार के वादों के बावजूद, कर्नाटक के ट्रक ड्राइवर 17 जनवरी से हड़ताल पर
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Hit and Run Law: सरकार के वादों के बावजूद, कर्नाटक के ट्रक ड्राइवर 17 जनवरी से हड़ताल पर

फेडरेशन ऑफ कर्नाटक लॉरी ओनर्स एसोसिएशन ने घोषणा की है कि वह नए भारतीय न्याय संहिता के तहत नए हिट-एंड-रन कानून के विरोध में 17 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. 

Hit and Run Law:  सरकार  के वादों के बावजूद, कर्नाटक के ट्रक ड्राइवर 17 जनवरी से हड़ताल पर

Hit and Run Law: हिट एंड रन केस पर बवाल थमने का नाम नही ले रहा है. कर्नाटक के ट्रक चालकों ने हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ 17 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला कर लिया है. हिट-एंड-रन कानून को लेकर ट्रक चालकों में गुस्सा लगातार बढ़ता ही जा रहा  है. इस बात की जानकारी फेडरेशन ऑफ कर्नाटक ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सी. नवीन रेड्डी ने  एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी. उन्होने कहा कि नए कानून से सबसे ज्यादा परेशानी ट्रक चालकों को होने वाली है. 

ट्रक चालकों को किस बात का डर! 

नवीन रेड्डी ने बताया ट्रक चालकों की सरकार  से मांग है .कि दुर्घटनाओं के मामले में जब्त किए गए ट्रकों को रिहा करना और भीड़ के आधार पर लगाए गए जुर्माने को कम करना शामिल है. ट्रक चालकों सबसे बड़ी ये चिंता है, 10 साल की कैद के साथ उन्हें 7 लाख जुर्माना लगाने के नए प्रस्ताव से देशभर के ड्राइवर चिंतित हैं. उनकी मांगे है इस प्रावधानों को खत्म किया जाए.

नवीन रेड्डी ने आगे बताया कि केंद्र सरकार ने इस कानून के एक तरफा अपना आदेश सुनाया है.  सरकार ने ट्रक मालिकों या परिवहन बिरादरी से किसी कोई बातचीत नही की है. केंद्र सरकार के इस फैसले की वजह से ट्रक चालक बूरी तरह सहमें हुए है. ट्रक चालकों की मांग है सरकार के कड़े कानूनों में ढील दी जानी चाहिए.

क्या है नया हिट एंड रन कानून?
हिट एंड रन केस को लेकर केंद्र सरकार नए कानून बनाए है जिसके तहत  अगर कोई ट्रक चालक या फिर  डंपर  किसी को कुचलकर घटना से फरार हो जाता हो उसे 10 की सजा होगी. भारतीय न्याय संहिता धारा 104 (1) धारा 104(2) के तहत हिट एंड रन केस में  धारा 104(2) का कहना है." जो जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है, और घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना भाग जाता है, उसे दस वर्ष तक के कारावास की सजा होगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा.''

पुराना कानून क्या था?
 पुराने कानून के तहत आईपीसी की धारा 279 के तहत यानि (लापरवाही से वाहन चलाना). अगर चालक दोषी पाया जाता है तो उसे 304A(लापरवाही से मौत ) और 338 (जान को जोखिम में डालना ) ऐसी परिस्थिती एफआईआर होती थी. और कुछ दिनो बाद आरोपी चालक  को जमानत मिल जाती थी. हालांकि, इस कानून में दो साल की सजा का प्रावधान भी था. जिस वजह से चालक हादसे के बाद वाहन लेकर या वाहन छोड़कर फरार हो जाता था.

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